कांग्रेसी सांसद प्रियंका गांधी ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने इस हमले को सुरक्षा में गंभीर चूक करार देते हुए सवाल उठाया कि आखिर इस हमले की जिम्मेदारी किसकी है.
प्रियंका ने सरकार की कश्मीर को शांत और पर्यटन के लिए सुरक्षित बताने वाली नीतियों पर सवाल उठाए और कहा कि सरकार के भरोसे पर लोग पहलगाम गए थे, लेकिन सरकार ने लोगों को भगवान के भरोसे छोड़ दिया. वहां कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं थे.
उन्होंने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि क्या नागरिकों की सुरक्षा रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी नहीं है, क्या ये गृह मंत्री की जिम्मेदारी नहीं है. उन्होंने टीआरएफ की स्थापना, इसकी गतिविधियों और इसे आतंकी संगठन कहे जाने का जिक्र कर सवाल उठाए और कहा कि सरकार की कोई ऐसी एजेंसी नहीं है, जिसे भनक लगे कि ऐसे भयानक हमले की योजना बन रही है. ये एजेंसियों की विफलता है कि नहीं है. ये बड़ी विफलता है.
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उन्होंने कहा कि बैसरन घाटी में हुए इस आतंकी हमले में आतंकवादी संगठन TRF (जो पाकिस्तान समर्थित लश्कर-ए-तैयबा का एक हिस्सा है) ने जिम्मेदारी ली है. आतंकियों ने पर्यटकों को उनके धर्म के आधार पर निशाना बनाया और अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 26 लोग मारे गए. ये हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर में नागरिकों पर सबसे घातक हमला माना जा रहा है.
प्रियंका ने शुभम द्विवेदी का सुनाया किस्सा
इसके अलावा प्रियंका ने हमले में मारे गए कानपुर के शुभम द्विवेदी का जिक्र करते हुए कहा कि शुभम अपने परिवार के साथ पहलगाम की खूबसूरत वादियों का आनंद लेने गए थे, लेकिन आतंकियों ने शुभम को उनकी पत्नी के सामने गोली मार दी. प्रियंका ने इस घटना का जिक्र करते हुए कहा कि शुभम जैसे कई लोग सरकार के शांतिपूर्ण कश्मीर के दावों पर भरोसा करके वहां गए थे, लेकिन उन्हें सुरक्षा के नाम पर कुछ भी हासिल नहीं हुआ.
'किसने नहीं ली हमले की जिम्मेदारी'
प्रियंका गांधी ने कहा कि इस हमले के बाद क्या सेना प्रमुख, क्या इंटेलीजेंस प्रमुख ने इस्तीफा दिया. क्या गृह मंत्री ने इस्तीफा दिया. इस्तीफा छोड़िए, जिम्मेदारी तक नहीं ली. इतिहास की बात आप करिए, मैं वर्तमान की बात करूंगी. 11 साल से सत्ता में आप हैं. कल मैं देख रही थी, जब गौरव गोगोई ने जिम्मेदारी की बात कर रहे थे तो राजनाथ सिंह सिर हिला रहे थे, लेकिन गृह मंत्री हंस रहे थे.
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प्रियंका ने कहा, इन्होंने कल कहा कि मुंबई हमले के बाद मनमोहन सरकार ने कुछ नहीं किया. जब घटना चल रही थी, तभी तीन आतंकियों को मार दिया गया था और एक बचा था जिसे पकड़ा गया और बाद में फांसी दी गई. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और देश के गृह मंत्री ने इस्तीफा दिया. राजनाथ जी उरी-पुलवामा के वक्त गृह मंत्री थे, आज वह रक्षा मंत्री हैं. अमित शाह के समय मणिपुर जल रहा है, दिल्ली दंगे हुए, पहलगाम हुआ और आज भी वह गृह मंत्री हैं. क्यों?
पीएम ले रहे हैं श्रेय: प्रियंका
उन्होंने कहा कि देश जानना चाहता है. पहलगाम हमला हुआ, सब एकजुट होकर खड़े हो गए. दोबारा होगा तो दोबारा भी खड़े हो जाएंगे. देश पर हमला होगा तो हम सब सरकार के साथ खड़े हो जाएंगे,. ऑपरेशन सिंदूर में सेना ने बहादुरी के साथ लड़ाई लड़ी, लेकिन श्रेय प्रधानमंत्री जी चाहते हैं.
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