प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को अचानक भारत मंडपम पहुंच गए. इसके पीछे वजह थी यहां लगा पीएम गतिशक्ति का सेटअप. पीएम गतिशक्ति के लॉन्च की तीसरी वर्षगांठ पर भारत मंडपम में लगे इस सेटअप को देखने के लिए प्रधानमंत्री यहां पहुंचे थे. इस सेटअप का नाम 'अनुभूति केंद्र' रखा गया था, जो पीएम गतिशक्ति की प्रमुख विशेषताओं और उपलब्धियों को प्रदर्शित करता है.
प्रधानमंत्री ने पीएम गतिशक्ति के कारण देश भर में परियोजनाओं के कार्यान्वयन में हुई प्रगति की सराहना की. उन्होंने सभी क्षेत्रों में इसे अपनाने की सराहना की, जिससे विकसित भारत के दृष्टिकोण को पूरा करने में गति मिल रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान' (पीएमजीएस-एनएमपी) एक परिवर्तनकारी पहल के रूप में उभरा है. इसका उद्देश्य भारत के बुनियादी ढांचे में क्रांति लाना है और यह सभी क्षेत्रों में तेज और अधिक कुशल विकास को बढ़ावा दे रहा है.
पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान को विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों जैसे कोयला, इस्पात, उर्वरक, बंदरगाह, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और इनसे जुड़े मंत्रालयों के लिए ‘मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी’ बुनियादी ढांचा प्रदान करने के लिए 13 अक्टूबर, 2021 को शुरू किया गया था. पीएम गतिशक्ति आर्थिक वृद्धि और सतत विकास के लिए एक परिवर्तनकारी पहल है जो सात ‘इंजनों’ - रेलवे, सड़क, बंदरगाह, जलमार्ग, हवाईअड्डे, बड़े पैमाने पर ट्रांसपोर्टेशन और लॉजिस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस करता है.
पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान के जरिए डिजिटल सर्वे के साथ परियोजना की तैयारी अब तेज और अधिक सटीक तरीके से होती है. अकेले रेल मंत्रालय ने सिर्फ एक वर्ष में 400 से अधिक परियोजनाओं और 27,000 किमी रेलवे लाइनों की योजना इस प्लेटफॉर्म के जरिये बनाई है. पीएम गतिशक्ति गतिरोध को तोड़ने का एक विजन है. नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (NPG) बुनियादी ढांचे के विकास को सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालयों के बीच समन्वय स्थापित कर रहा है. 81 एनपीजी बैठकों के साथ, 15.48 लाख करोड़ रुपये की 213 परियोजनाओं का मूल्यांकन किया गया है.
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