राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कर्नाटक के कारवार नौसेना बेस पर भारतीय नौसेना की स्वदेशी कालवरी क्लास पनडुब्बी INS वाघषीर पर सवार होकर पश्चिमी समुद्री यात्रा की और क्षेत्र की सुरक्षा का जायजा लिया.
राष्ट्रपति गोवा से पनडुब्बी में सवार होकर कारवार पहुंचीं, जहां कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत और मंत्रियों ने उनका स्वागत किया. इस दौरान उनके साथ नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी भी मौजूद रहे.
यह भी पढ़ें: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने SHANTI बिल को दी मंजूरी, प्राइवेट कंपनियों के लिए खुल गया न्यूक्लियर सेक्टर
ये राष्ट्रपति मुर्मू की कलवरी क्लास पनडुब्बी पर पहली यात्रा है और भारत के किसी राष्ट्रपति द्वारा पनडुब्बी सॉर्टी की दूसरी यात्रा है. इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने 2006 में विशाखापत्तनम से नौसेना की एक पनडुब्बी पर यात्रा की थी.
राष्ट्रपति की इस यात्रा और पनडुब्बी सॉर्टी को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. करवार से मजाली तक तट की 18 किलोमीटर लंबी पट्टी पर मछली पकड़ने की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
आपको बता दें कि द्रौपदी मुर्मू भारत की पहली ऐसी राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने वायुसेना के दो सबसे आधुनिक लड़ाकू विमानों में उड़ान भरी है. उन्होंने पिछले साल सुखोई-30 एमकेआई और इसी साल अक्टूबर में राफेल विमान में सॉर्टी कर अपनी बहादुरी का परिचय दिया था.
यह भी पढ़ें: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने VB-G RAM G बिल को दी मंजूरी, जानें मनरेगा से कितना अलग है नया कानून
आसमान के बाद अब समंदर में आईएनएस वाघषीर पर सवार होकर उन्होंने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. स्वदेशी तकनीक से निर्मित इस पनडुब्बी में उनकी यह यात्रा देश की रक्षा शक्ति के प्रति उनके अटूट विश्वास को प्रदर्शित करती है.
INS वाघषीर कलवरी क्लास की छठी पनडुब्बी है जो स्कॉर्पीन डिजाइन पर आधारित स्वदेशी तकनीक से निर्मित है. ये पनडुब्बी दुश्मन के रडार को चकमा देने में सक्षम 'साइलेंट किलर' के रूप में जानी जाती है.
शिवानी शर्मा