रेप की सजा काट रहे प्रज्वल रेवन्ना को जेल में मिला ये काम, 522 रुपये होगी दिहाड़ी

प्रज्वल रेवन्ना, जिन्हें घरेलू सहायिका से दो बार बलात्कार के आरोप में उम्रकैद और 11 लाख रुपये जुर्माना हुआ है, को बेंगलुरु जेल में लाइब्रेरी क्लर्क के रूप में नियुक्त किया गया है. अब उन्हें महीने में कम से कम 12 दिन क्लर्क के तौर पर काम करना होगा.

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जेल में कैदियों को हर महीने कम से कम 12 दिन काम करना होता है (File Photo: PTI) जेल में कैदियों को हर महीने कम से कम 12 दिन काम करना होता है (File Photo: PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:01 PM IST

Prajwal Revanna serve as library clerk: रेप केस में जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व सांसद और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना को काम मिल गया है. वह अब जेल की लाइब्रेरी में क्लर्क के तौर पर काम करेंगे. इस काम के लिए हर दिन 522 रुपये मेहनताना मिलेगा. जेल प्रशासन के अनुसार, वह जेल में कैदियों को को किताबें जारी करेंगे और उधार पर लिए गए पुस्तकों का रिकॉर्ड रखेंगे.

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सूत्रों के मुताबिक़, रेवन्ना ने जेल प्रशासन से प्रशासनिक कार्य करने की इच्छा जताई थी. हालांकि, उन्हें मनमुताबिक काम नहीं मिला. लाइब्रेरी में क्लर्क के तौर उन्होंने एक दिन का काम भी पूरा कर लिया है.

काम के नियम क्या हैं?

जेल के नियम के अनुसार, जेल में कैदियों को महीने में कम से कम 12 दिन ड्यूटी करनी होती है. ये ड्यूटी सप्ताह में तीन दिन की शिफ्ट में बंटा रहता है. पूर्व सांसद को भी इसी नियम के अनुसार काम करना होगा. 

किस मामले में प्रज्वल रेवन्ना को मिली उम्रकैद की सजा

प्रज्वल रेवन्ना को 48 साल की घरेलू सहायिका के साथ दो बार रेप करने के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. वर्तमान में वह बेंगलुरु जेल में बंद हैं. पीड़िता ने कोर्ट में अहम सबूत के तौर पर एक साड़ी पेश किया था, जिसपर रेवन्ना के स्पर्म लगे हुए थे. 

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यह भी पढ़ें: फार्महाउस में छिपाई गई एक साड़ी ने 'अति आत्मविश्वास' से भरे प्रज्वल रेवन्ना को उम्रकैद तक कैसे पहुंचाया?

इस मामले की जांच सीआईडी की विशेष टीम द्वारा किया गया था और क़रीब 2 हज़ार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई. सात महीने के ट्रायल के बाद अदालत ने दोषा करार दिया और उम्रकैद की सजा सुनाते हुए 11 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. इस राशि को पीड़िता को मुआवजे के तौर पर दिए जाने का निर्देश अदालत ने दिया था. 

इस मामले को लेकर रेवन्ना को जनता दल (सेक्युलर) से सस्पेंड कर दिया गया था. अदालत ने सजा सुनाते हुए कहा था कि इस तरह के मामलों में क़ानून से ऊपर सत्ता और राजनीतिक दबाव नहीं हो सकते.

इनपुट: पीटीआई

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