इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश में पहले की सरकारों को क्यों होती थी दिक्कत? PM मोदी ने बताया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर अपनी सरकार की ओर से उठाए गए कदम गिनाए और साथ ही ये भी बताया कि पहले की सरकारों को पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश करने में क्यों दिक्कत होती थी. उन्होंने ये भी कहा कि इस वर्ष का बजट आधारभूत संरचना के विकास को नई गति देने वाला है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो- ट्विटर) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो- ट्विटर)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 04 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 12:42 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 'बुनियादी ढांचा और निवेश' को लेकर आयोजित एक वेबिनार को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि इस साल का बजट इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को नई ग्रोथ एनर्जी देगा. उन्होंने कहा कि देश के विकास की प्रक्रिया में इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप करना हमेशा एक महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है.

इस क्षेत्र में हो रहे कार्यों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज, राष्ट्रीय राजमार्गों का औसत वार्षिक निर्माण 2014 से पहले की तुलना में लगभग दोगुना हो गया है. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से आजादी के बाद आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर उतना बल नहीं दिया गया जितना दिया जाना चाहिए था. हमारे यहां दशकों तक एक सोच हावी रही कि गरीबी एक मनोभाव है.

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बजट की तारीफ

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस साल का बजट इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की ग्रोथ को नई ऊर्जा देने वाला है. दुनिया के बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स और कई प्रतिष्ठित मीडिया हाउसेस ने भारत के बजट और उसके रणनीतिक निर्णयों की तारीफ की है. नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइप लाइन के तहत सरकार आने वाले समय में 110 लाख करोड़ रुपये निवेश करने का लक्ष्य लेकर चल रही है. ये समय प्रत्येक स्टेक होल्डर के लिए नए दायित्व, नई संभावनाओं और साहसपूर्ण निर्णयों का है.

इंफ्रास्ट्रक्चर पर हो रहा है रिकॉर्ड निवेश

अपनी सरकार के कार्यों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे यहां दशकों तक एक सोच हावी रही कि गरीबी एक मनोभाव है. इसी सोच की वजह से देश के इंफ्रास्ट्रक्चर पर Invest करने में पहले की सरकारों को दिक्कत होती थी. हमारी सरकार ने इस सोच से देश को बाहर निकाला है और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर रिकॉर्ड निवेश कर रही है. उन्होंने कहा कि 2014 से पहले हर साल 600 रूट किलोमीटर रेल लाइन का इलेक्ट्रिफिकेशन होता था. आज ये लगभग 4000 रूट किलोमीटर तक पहुंच रहा है. एयरपोर्ट की संख्या 2014 की तुलना में 74 से बढ़कर 150 के करीब पहुंच चुकी है.

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