'विवादों का बॉर्डर नहीं विकास का कॉरिडोर, डंके की चोट पर सीमा पर हो रहा निर्माण', मेघालय में बोले मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग में जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान पीएम ने कहा कि पहले की सरकारें बॉर्डरों पर निर्माण कार्य नहीं कराती थीं, लेकिन आज डंके की चोट पर सीमा पर निर्माण कार्य हो रहा है. नॉर्थ-ईस्ट हमारे बॉर्डर एरिया, आखिरी छोर नहीं बल्कि सुरक्षा और समृद्धि के गेटवे है

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शिलॉन्ग में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी शिलॉन्ग में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 1:52 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेघालय में कहा कि आज डंके की चोट पर बॉर्डर पर निर्माण हो रहा है. उन्होंने कहा कि नई सड़कें, टनल, पुल, रेल लाइन और जो भी जरूरी हैं, उन सबका निर्माण तेज गति से हो रहा है, जो गांव कभी वीरान हुआ करते थे आज हम उन्हें वाइब्रेंट विलेज बना रहे हैं. पीएम ने कहा कि जो गति हमारे शहरों के लिए महत्वपूर्ण है. हमारे बॉर्डर पर भी वही गति होनी आवश्यक है.  

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पीएम ने कहा कि लंबे समय तक सोच रही है कि बॉर्डर एरिया में विकास होगा, कनेक्टिविटी बढ़ेगी तो दुश्मन को फायदा होगा. पहले की सरकार की इसी सोच के कारण नॉर्थ-ईस्ट समेत देश के कई सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बेहतर नहीं हो पाई, लेकिन आज डंके की चोट पर बॉर्डर पर नई सड़कें, नई टनल, नए पुल, नई रेल लाइन, नए एयर स्ट्रिप बनाने का काम तेजी से चल रहा है. जो सीमावर्ती गांव कभी वीरान हुआ करते थे, हम उन्हें वाइब्रेंट बनाने में जुटे हैं. 

इस दौरान पीएम ने कहा कि हमारे लिए नॉर्थ-ईस्ट हमारे बॉर्डर एरिया, आखिरी छोर नहीं बल्कि सुरक्षा और समृद्धि के गेटवे है. राष्ट्र की सुरक्षा भई यहीं से सुनिश्चित होती है और दूसरे देशों से व्यापार भी यहीं से होता है. इसलिए एक और महत्वपूर्ण योजना है, जिसका लाभ नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों को होना वाला है. ये योजना है वाइब्रेंट बॉर्डर विलेज योजना. इसके तहत सीमावर्ती गांवों में बेहतर सुविधाएं विकसित की जाएंगी. 

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इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुरानी सरकारों पर भी जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि बीते 8 साल में जितनी ग्रामीण सड़कें पीएम ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनी हैं, वो उससे पहले 20 साल में बनी सड़कों से 7 गुना ज्यादा हैं. नॉर्थ ईस्ट की युवा शक्ति के लिए डिजिटल कनेक्टिविटी से नए अवसर बनाए जा रहे हैं. इससे केवल कम्युनिकेशन ही नहीं टूरिज्म, टेक्नोलॉजी, शिक्षा, स्वास्थ्य तक हर क्षेत्र में सुविधाएं और अवसर बढ़ते हैं. डिजिटल अर्थव्यवस्था का सामर्थ्य भी इससे बढ़ता है. ऑप्टिकल फाइबर की कवरेज चार गुना बढ़ी है, मेघालय में पांच गुना से अधिक है. 

मोदी ने बताया कि बेहतर मोबाइल कनेक्टिविटी पहुंचे इसके लिए छह हजार मोबाइल टावर लगाए जा रहे हैं. इसको लेकर 5000 करोड़ रुपये खर्च किया जा रहे हैं. मेघालय में अनेक 4जी टावर का लोकार्पण कनेक्टिविटी को गति दे रहा है. आदिवासी क्षेत्र में 150 से अधिक एकलव्य मॉडल स्कूल बनाए जा रहे हैं. इस साल हमारी सरकार ने तीन ऐसी योजनाएं लागू की हैं, जिनसे नॉर्थ-ईस्ट को सीधे या सबसे अधिक लाभ होने वाला है. 

ये योजनाएं हैं- पर्वत माला योजना- इसके अंतर्गत रोपवे नेटवर्क बनाया जा रहा है. इससे सुविधा बढ़ेगी, टूरिज्म का विकास होगा.  पीएम डिवाइन योजना- नॉर्थ ईस्ट के विकास को गति देगी. इसके तहत 3-4 साल के लिए छह हजार करोड़ का बजट तय किया जा चुका है. लंबे समय तक जिन दलों की सरकारें रहीं, उनकी नॉर्थ ईस्ट के लिए डिवाइड की सोच थी, हम डिवाइन का इरादा लेकर आए हैं. अलग-अलग समुदाय या क्षेत्र, हम हर प्रकार के डिवीजन को दूर कर रहे हैं. विकास के कोरिडोर बना रहे हैं. बीते 8 साल में अनेक संगठनों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर स्थायी विकास की राह पकड़ी. वाइब्रेंट विलेज योजना- सीमावर्ती गांवों में बेहतर सुविधाएं विकसित की जाएंगी. बॉर्डर एरिया में विकास होगा. 

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जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि ये संयोग ही है कि फीफा वर्ल्डकप का फाइनल आज है और मैं आज फुटबॉल के मैदान में ही फुटबॉल प्रेमियों के बीच में हूं. वहां खेल की प्रतिस्पर्धा है और नॉर्थ ईस्ट में विकास की प्रतिस्पर्धा है. मैच कतर में है, लेकिन उत्साह-उमंग यहां भी कम नहीं है. 

बीते 8 साल में हमने नॉर्थईस्ट के विकास से जु़ड़ी अनेक रुकावटों को रेड कार्ड दिखा दिया है. करप्शन, भेदभाव, भाई-भतीजावाद, हिंसा, प्रोजेक्ट लटकाना, वोटवैंक की राजनीति को बाहर करने के लिए हम ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं. लेकिन आप भी जानते हैं और देश भी जानता है कि इन बुराईयों की जड़ें बहुत गहरी हैं. हम सबको मिलकर मेघालय से हटाकर ही रखना है.   

 

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