तीन साल तीन महीने जेल काटने के बाद रिहा हुए पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने बुधवार को पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा कि मेरी वफादारी ही मेरे लिए सजा बन गई. करोड़ों रुपये के स्कूल जॉब्स घोटाले में गिरफ्तार पार्थ चटर्जी ने पार्टी से निलंबित किए जाने के बावजूद खुद को टीएमसी का सिपाही बताया और कहा, 'जिंदगी खत्म नहीं हुई है'.
स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने 10 नवंबर को पार्थ चटर्जी को जमानत दी थी और वह 11 तारीख को जेल से बाहर आए थे. उन्होंने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, 'पहले स्वास्थ्य ठीक करूंगा, फिर बेहाला वेस्ट के लोगों से मिलूंगा. जैसे मछली पानी के बिना नहीं जी सकती, मैं राजनीति के बिना नहीं जी सकता.' पार्थ चटर्जी बेहाला वेस्ट से विधायक रहे हैं.
पार्टी मेरे साथ न हो, मैं पार्टी के साथ: पार्थ चटर्जी
टीएमसी से बाहर किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, 'सब कहते हैं मैं पार्टी से सस्पेंड हूं, लेकिन मुझे कोई लेटर नहीं मिला. पार्टी मेरे साथ न हो, मैं पार्टी के साथ हूं. टीएमसी मेरी पार्टी है.' उन्होंने ममता बनर्जी को अपना नेता बताते हुए कहा, 'मैंने जिंदगी भर ममता दीदी का अनुसरण किया. जब पार्टी संकट में थी, तब दीदी बाहर लड़ती थीं, मैं अंदर.' उन्होंने सीएम ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी को टीएमसी का भविष्य बताया.
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अपनी गिरफ्तारी के सवाल पर पार्थ चटर्जी भावुक हो गए. उन्होंने कहा, 'मेरी वफादारी ही मेरे पतन का कारण बनी.' उन्होंने बांग्ला फिल्म इंडस्ट्री की अभिनेत्री अर्पिता मुखर्जी से अपने रिश्तों पर भी बेबाकी से जवाब दिया. बता दें कि शिक्षक भर्ती घोटाला केस की जांच में ईडी ने अर्पिता के फ्लैट से 50 करोड़ रुपये नकद बरामद किए थे. पार्थ चटर्जी ने कहा कि वो पैसा मेरा नहीं था लेकिन मेरे सिर इसका ठीकरा फोड़ गया.
अर्पिता मेरी दोस्त है, इसमें गलत क्या: पार्थ चटर्जी
अर्पिता के साथ अपने रिश्तों पर पार्थ ने कहा, 'हां, अर्पिता मेरी दोस्त है. इसमें गलत क्या? मैं गर्व से कहता हूं. मेरी पत्नी सालों पहले गुजर गईं, क्या दोस्त नहीं रख सकता? यह पाखंड क्यों? अगर किसी पुरुष की दो बीवियां हो सकती हैं तो मेरी एक दोस्त क्यों नहीं हो सकती?' चटर्जी ने अपना दर्द बयां करते हुए अपनी तुलना भीष्म से की. उन्होंने कहा, 'मैं भीष्म की तरह तीर खाता रहा, कभी पलटकर नहीं मारा. जेल में समझ आया, अगर आप जवाबी हमला नहीं करते हैं, तो जेल आपकी नियति बन जाती है. मेरे साथ विश्वासघात हुआ है. मैं पता लगाऊंगा कि मेरा ब्रूटस कौन था.'
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उन्होंने शिक्षा मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल का बचाव करते हुए दावा किया कि उनके मंत्री रहते पश्चिम बंगाल में एजुकेशन सेक्टर में महत्वपूर्ण सुधार हुए. उन्होंने कहा, 'ममता बनर्जी के नेतृत्व में, हमने 51 विश्वविद्यालय और 8,000 स्कूल बनाए. शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों की उपस्थिति, स्कॉलरशिप, इंफ्रास्ट्रक्चर– सब सुधारा. आरोपों से ये मिट नहीं सकता.' पार्थ चटर्जी टीएमसी के प्रमुख नेताओं में से एक थे और 2022 में शिक्षक भर्ती घोटाले में अपनी गिरफ्तारी से पहले दो दशकों से अधिक समय तक पार्टी के महासचिव रहे. शिक्षक भर्ती घोटाले में उन पर मुकदमा चल रहा है, जिसकी अगली सुनवाई इस महीने के अंत में होने की उम्मीद है.
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