वोटर्स की मदद करेंगे पैरा-लीगल वॉलंटियर्स, नॉमिनेशन तक मानी जाएगी आपत्ति... SIR पर SC के नए निर्देश

सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने साफ किया कि बिहार में वोटर लिस्ट संशोधन से जुड़े दावे और आपत्तियां 30 सितंबर के बाद भी दाखिल की जा सकती हैं और यह प्रक्रिया उम्मीदवारों के नामांकन की अंतिम तारीख तक जारी रहेगी. फाइनल सूची 1 अक्टूबर को प्रकाशित होगी, लेकिन उसके बाद भी लोग दावा या आपत्ति दर्ज करा सकते हैं.

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SC ने कानूनी सेवा प्राधिकरण को पैरा-लीगल वॉलंटियर्स तैनात करने का आदेश दिया है. (Photo: ITG) SC ने कानूनी सेवा प्राधिकरण को पैरा-लीगल वॉलंटियर्स तैनात करने का आदेश दिया है. (Photo: ITG)

अनीषा माथुर / संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 01 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:29 PM IST

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि बिहार में वोटर लिस्ट संशोधन से जुड़ी दावे और आपत्तियां 30 सितंबर के बाद भी दाखिल की जा सकती हैं. आयोग ने कहा कि संशोधन की प्रक्रिया नामांकन की अंतिम तारीख तक जारी रहेगी. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट राज्य के कुछ राजनेताओं की उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था, जिनमें ड्राफ्ट सूची पर दावे-आपत्तियां दाखिल करने की 1 सितंबर की डेडलाइन बढ़ाने की मांग की गई थी. 

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सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि चुनाव आयोग ने भरोसा दिया है कि दावे और आपत्तियां 30 सितंबर के बाद भी दाखिल होंगी और उनका निस्तारण अंतिम नामांकन तक होता रहेगा. इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने कानूनी सेवा प्राधिकरण के पैरा-लीगल वॉलंटियर्स की नियुक्ति का आदेश दिया, ताकि वे मतदाताओं को ऑनलाइन फॉर्म भरने में मदद कर सकें.

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'समय सीमा बढ़ाने के मुद्दे पर दिए गए नोट के मुताबिक, 1 सितंबर के बाद भी दावे, आपत्तियां या सुधार दाखिल करने पर कोई रोक नहीं है. यह भी कहा गया है कि डेडलाइन बीतने के बाद भी दावे, आपत्तियां और सुधार दाखिल किए जा सकते हैं और रोल फाइनल होने के बाद भी इन्हें माना जाएगा.' 

अदालत ने कहा, 'यह प्रक्रिया नामांकन की आखिरी तारीख तक जारी रहेगी और सभी नाम जोड़ने-हटाने का काम फाइनल रोल में शामिल किया जाएगा. इस स्थिति को देखते हुए, दावे-आपत्तियां और सुधार दाखिल होते रहेंगे. इस बीच, राजनीतिक दल और याचिकाकर्ता नोट पर अपना एफिडेविट दाखिल कर सकते हैं.'

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1 अक्टूबर को प्रकाशित होगी सूची

चुनाव आयोग का पक्ष रखते हुए वकील राकेश द्विवेदी ने आजतक को बताया कि फाइनल सूची 1 अक्टूबर को प्रकाशित होगी. लेकिन जो लोग इसमें शामिल नहीं होंगे, वे फिर भी दावा या आपत्ति दर्ज करा सकते हैं. उन्होंने कहा, 'लोग अगर उम्मीदवारों के नामांकन की आखिरी तारीख से पहले दावा करते हैं तो उनकी जांच कर उन्हें शामिल किया जाएगा. SIR की समयसारिणी अपने हिसाब से चलेगी, लेकिन दावे और आपत्तियों की प्रक्रिया अलग है.'

वोटरों की मदद के लिए वॉलंटियर्स तैनात होंगे

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (Bihar State Legal Services Authority) के कार्यकारी चेयरमैन को निर्देश दिया कि मंगलवार दोपहर तक सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों को आदेश जारी करें. इसके तहत पैरा-लीगल वॉलंटियर्स को तैनात किया जाए और उनके नाम व मोबाइल नंबर जारी किए जाएं ताकि वे व्यक्तिगत मतदाताओं और राजनीतिक दलों को ऑनलाइन दावे, आपत्तियां और सुधार दाखिल करने में मदद कर सकें.

हर पैरा-लीगल वॉलंटियर को इसके बाद संबंधित जिला जज को एक गोपनीय रिपोर्ट सौंपनी होगी. अदालत ने यह भी कहा कि वॉलंटियर्स से जुटाई गई जानकारी को राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के स्तर पर संकलित किया जा सकता है.

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