हाल ही में केरल में नगर पालिका के चुनाव हुए थे. विजयी प्रत्याशी शपथ ग्रहण के बाद अपने परिजनों से मिली. इसी क्रम में वायनाड जिले के कल्पाटा नगर पालिका के नए चेयरमैन ने भी अपने माता-पिता का आशीर्वाद लिया. लेकिन जब लाल रंग की नेम प्लेट वाली उनकी गाड़ी तिरपाल की छत वाली एक अस्थायी झोपड़ी के सामने रुकी तो लोग हैरान हो गए. क्योंकि यह घर नव निर्वाचित प्रत्याशी का था.
पेशे से चौकीदार और समुदाय के पहले नगर पालिका चेयरमैन
अस्थायी झोपड़ी वाला घर पी. विश्वनाथन का था. वह पनिया आदिवासी समुदाय से पहले नगर पालिका चेयरमैन भी बने हैं. विश्वनाथन पेशे से चौकीदार, लोक गायक और जिले में सत्ताधारी CPI(M) के कार्यकर्ता हैं. उन्होंने अपने पिछड़े समुदाय से इस सर्वोच्च पद पर पहुंचने वाले पहले व्यक्ति बनकर इतिहास रचा है.
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रिपोर्ट्स के अनुसार पनिया समुदाय केरल में सबसे बड़ा अनुसूचित जनजाति समुदाय है और यह मुख्य रूप से राज्य के वायनाड, कोझिकोड, कन्नूर और मलप्पुरम जिलों में पाया जाता है. चालीस वर्षीय विश्वनाथन ने हाल ही में हुए स्थानीय निकाय चुनावों में एडगुनी, वार्ड नंबर 28 की सामान्य सीट से 424 वोटों से जीत हासिल की थी.
अपनी इस यात्रा पर खुशी जताते हुए उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय अभी भी कई मामलों में मुख्यधारा के समाज से पीछे हैं. विश्वनाथन ने कहा कि मैं इसमें बदलाव लाना चाहता हूं. मैं चाहता हूं कि मेरा नया पद मेरे समुदाय के सदस्यों को आगे आने के लिए कुछ प्रेरणा दे.
सोशल मीडिया पर परिजनों से मिलने का वीडियो हुआ था वायरल
जिले में CPI(M) के एक वरिष्ठ नेता वी. हरिस ने विश्वनाथन की क्षमताओं पर भरोसा जताया और बताया कि उन्होंने सामान्य सीट से जीत हासिल की है. पनिया समुदाय का सदस्य इस पद का हकदार है क्योंकि यह जिले के प्रमुख समुदायों में से एक है.
सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में विश्वनाथन अपने माता-पिता के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेते हुए दिख रहे हैं. उनकी मां ने उन्हें गले लगाते हुए कहा कि मेरा बेटा इतनी ऊंचाइयों पर पहुंच गया है. मैं बहुत खुश हूं.
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