'हमें इसकी खबर थी... हम करीब से नजर रखेंगे', PAK-सऊदी डिफेंस डील पर भारत ने क्या कहा?

पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हुए रणनीतिक रक्षा समझौते पर भारत ने सतर्कता दिखाई है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार इस समझौते के निहितार्थों का अध्ययन कर रही है, जो भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित कर सकते हैं. समझौते के तहत दोनों देशों के बीच हमले की स्थिति में संयुक्त रक्षा का प्रावधान है, जिसमें पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का सऊदी अरब की रक्षा में उपयोग भी शामिल है.

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भारत ने इस घटनाक्रम पर करीबी नजर रखने और सुरक्षा सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है. (तस्वीर: @MEAIndia/X) भारत ने इस घटनाक्रम पर करीबी नजर रखने और सुरक्षा सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है. (तस्वीर: @MEAIndia/X)

प्रणय उपाध्याय

  • नई दिल्ली,
  • 18 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:12 AM IST

पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हुए बड़े रक्षा समझौते पर भारत ने प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि सरकार इस घटनाक्रम से अवगत थी और यह लंबे समय से विचाराधीन था.

जायसवाल ने मीडिया से कहा, 'हमने पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच स्ट्रैटेजिक म्यूचुअल डिफेंस डील पर साइन किए जाने की रिपोर्ट देखी है. सरकार इसके निहितार्थों का अध्ययन करेगी- चाहे वह भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हों या क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता से. सरकार भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा और सभी क्षेत्रों में व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.'

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क्या है पाकिस्तान-सऊदी रक्षा समझौता?

बता दें कि बुधवार को रियाद के अल-यमामा पैलेस में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सऊदी अरब यात्रा के दौरान 'स्ट्रैटेजिक म्यूचुअल डिफेंस एग्रीमेंट' पर साइन हुए. इस समझौते के तहत यदि किसी एक देश पर हमला होता है तो उसे दोनों पर हमला माना जाएगा.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस समझौते से पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को भी जरूरत पड़ने पर सऊदी अरब की रक्षा में शामिल किए जाने की कानूनी अनुमति मिलती है. इससे इस गठबंधन की गंभीरता और बढ़ जाती है.

NATO जैसे सैन्य गठबंधन की मांग

यह समझौता ऐसे समय में हुआ है जब हाल ही में कतर की राजधानी दोहा में 40 इस्लामिक देशों का शिखर सम्मेलन हुआ. उस बैठक में नेताओं ने इजरायल की ओर से कतर में हमास लीडर्स पर हुए हमले के बाद नाटो जैसा सैन्य गठबंधन बनाने की मांग की थी. सनद रहे कि पाकिस्तान एकमात्र इस्लामिक देश है जिसके पास परमाणु हथियार हैं.

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विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान-सऊदी रक्षा समझौता क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचे में एक अहम बदलाव ला सकता है. वहीं, भारत ने साफ किया है कि वह इस घटनाक्रम पर करीबी नजर रखेगा और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े सभी पहलुओं पर सतर्क रहेगा.

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