पहलगाम हमले के 2 हफ्ते पूरे, क्या-क्या कदम उठाए गए, जांच कहां तक पहुंची? 14 दिन के 14 बड़े अपडेट

पहलगाम में आतंकी हमले के अगले दिन 23 अप्रैल को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जांच अपने हाथ में ले ली थी. एनआईए की टीम तभी से लगातार बैसरन घाटी में जांच कर रही है और पूछताछ में जुटी है. 

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भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच फिरोजपुर कैंट एरिया में ब्लैकआउट रिहर्सल (प्रतीकात्मक तस्वीर) भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच फिरोजपुर कैंट एरिया में ब्लैकआउट रिहर्सल (प्रतीकात्मक तस्वीर)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 मई 2025,
  • अपडेटेड 1:32 PM IST

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ था. इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 16 लोग घायल हो गए थे. इस हमले को आज 14 दिन हो गए हैं. इन 14 दिनों में भारत और पाकिस्तान दोनों ओर से कई बड़े फैसले लिए गए जो चर्चा में बने हुए हैं.

पहलगाम में आतंकी हमले के अगले दिन 23 अप्रैल को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जांच अपने हाथ में ले ली थी. एनआईए की टीम तभी से लगातार बैसरन घाटी में जांच कर रही है और पूछताछ में जुटी है. 

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पहलगाम की बैसरन घाटी घूमने आए हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाए जाने से लोगों में आक्रोश बना हुआ है. इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराते हुए भारत सरकार ने 22 अप्रैल को पाकिस्तान के साथ 1960 में हुई सिंधु जल संधि सस्पेंड कर दी थी. कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की बैठक में इस एग्रीमेंट को अनिश्चितकाल के लिए सस्पेंड करने का फैसला किया गया था. भारत के इस कदम को पाकिस्तान ने युद्ध की कार्रवाई माना था.

भारत ने 23 अप्रैल को अटारी-वाघा बॉर्डर चेकपोस्ट कर दिया था, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार और आवाजाही ठप हो गई. भारत ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा (SAARC, मेडिकल और अन्य) तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए थे. पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे से एक मई तक भारत छोड़ने का आदेश दिया गया. बाद में समयसीमा को अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया गया था.

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इसके साथ ही भारत ने इस्लामाबाद में भारतीय मिशन और नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारियों की संख्या को 55 से घटाकर 30 कर दिया था. पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा, नौसेना, और वायुसेना सलाहकारों को Persona Non Granta घोषित किया गया था और उन्हें 23 अप्रैल के बाद एक सप्ताह में भारत छोड़ने का आदेश दिया था.

पहलगाम हमले के बाद प्रतिक्रियास्वरूप भारत ने एक मई को पाकिस्तानी विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया था. भारत ने पाकिस्तान से आने वाली सभी डाक और पार्सल सेवाओं (हवाई और जमीनी) को तत्काल प्रभाव से रोक दिया था.

भारत सरकार ने कई पाकिस्तानी सेलिब्रिटीज के X और कई पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल्स पर बैन दिया था. भारत विरोधी बताते हुए इन पर बैन लगाया गया. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के आधिकारिक यूट्यूब चैनल और इंस्टाग्राम अकाउंट, साथ ही क्रिकेटरों बाबर आजम, हारिस रऊफ, मोहम्मद रिजवान, और शाहीन अफरीदी के इंस्टाग्राम अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया गया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंक के खिलाफ कार्रवाई के लिए सेना को खुली छूट दी थी. पाकिस्तान ने LoC पर लगातार गोलीबारी कर सीजफायर का उल्लंघन किया, जिसमें बारामूला, कुपवाड़ा, पुंछ, और अखनूर जैसे क्षेत्र शामिल थे. भारतीय सेना ने इसका कड़ा जवाब दिया.

भारत ने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) में पाकिस्तान को फिर से ग्रे लिस्ट में डालने की कवायद शुरू की. 20 से अधिक FATF सदस्य देशों (अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, सऊदी अरब, यूएई) ने भारत का समर्थन किया. भारत ने तकनीकी खुफिया स्रोतों के जरिए सबूत पेश किए, जो हमले में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) और लश्कर-ए-तैयबा की भूमिका को दर्शाते हैं.

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भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर निगरानी बढ़ा दी. सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान अपने आतंकियों को बंकरों में छिपा रहा है. NIA की जांच से पता चला कि हमले की साजिश फरवरी 2025 में PoK के रावलकोट में रची गई थी, जिसमें लश्कर, ISI, और पाकिस्तानी सेना शामिल थी. पहलगाम हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में 48 पर्यटन स्थलों को बंद कर दिया गया और बैसरन घाटी में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी.

बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 16 लोग घायल हुए थे. इस हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच बहुत तनाव है. भारत आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई को लेकर प्रतिबद्ध है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आतंक के खिलाफ बिगुल बजा चुके हैं. वहीं, पाकिस्तान हाई अलर्ट मोड पर है.

पहलगाम अटैक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) ने सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया था. यह पहली बार है जब भारत ने इतनी बड़ी और सख्त कार्रवाई की गई. भारत और पाकिस्तान के बीच तीन बड़ी जंग हो चुकी है लेकिन पहले कभी भी इस संधि को स्थगित नहीं किया गया.

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कैबिनेट कमेटी की बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया था कि 1960 की सिंधु जल संधि तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दी गई. यह रोक तब तक रहेगी, जब तक पाकिस्तान क्रॉस बॉर्डर टेरेरिज्म को अपना समर्थन देना बंद नहीं करता.

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