जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमला कर पाकिस्तान ने खुद को तबाह करने का भारत को न्यौता दे दिया है. आतंकवाद का जवाब भारत पाकिस्तान को चौतरफा चोट के साथ देगा. पाकिस्तान को प्यासा भी मारेगा और डुबो-डुबो कर भी मारेगा. खौफ में जीने के लिए पाकिस्तान को भारत तब तक मजबूर करता रहेगा जब तक वह सुधर नहीं जाता है.
रणनीति पर मंथन
पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारत में बैठकों का दौर जारी है. हर स्तर पर रणनीति को लेकर मंथन चल रहा है.
सेना को खुली छूट
भारत सरकार की ओर से पाकिस्तान पर हमला करने के लिए सेना को खुली छूट दे दी गई है.
हवाई और समुद्री मोर्चे बंद
पाकिस्तान की फ्लाइट अब हिंदुस्तान के ऊपर से नहीं जा सकती. समंदर पर भी पाकिस्तान पर शिकंजा कस दिया गया है. सीमाओं पर एक्शन जारी है.
सिंधु समझौते से सबसे बड़ी चोट
लेकिन सबसे ज्यादा चोट पाकिस्तान को सिंधु समझौते से लगने वाली है, जिसका ट्रेलर अब तस्वीरों में दिख रहा है. ये तस्वीरें पाकिस्तान की टेंशन बढ़ाने वाली हैं.
बाढ़ के हालात
भारी बारिश की वजह से जम्मू-कश्मीर के सलाल बांध से भारत ने पानी छोड़ा है, जिसके बाद पाकिस्तान में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. जम्मू-कश्मीर में बारिश के बाद चिनाब नदी का जलस्तर सामान्य से पांच से सात फीट ऊपर बह रहा है, जिससे पीओके के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. सुरकपुर, हेडमाराला, उड़ी, मारीखोखरा, बहलापुर और गंगवाल जैसे इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है.
झेलम में उफान
उधर, झेलम नदी भी उफान पर है और इसकी लहरों से पीओके में दहशत देखी जा सकती है. मुजफ्फराबाद के लोग डरे हुए हैं. नदी ने एक ही रात में आठ से 10 फीट तक उफान मारा. भारत की ओर से बिना चेतावनी के पानी छोड़े जाने पर पीओके के हजारों लोग खौफ में हैं.
स्थानीय लोगों की परेशानी
भारत के एक ट्रेलर ने ही पीओके में खलबली मचा दी है. झेलम नदी का छोड़ा गया पानी अब पाकिस्तान की अवाम की मुश्किलें बढ़ा रहा है. एक स्थानीय मछुआरे ने कहा, “मैंने नदी पार कर मछली पकड़कर बेचने की कोशिश की थी, बस गुज़ारे भर को. पिछले हफ्ते मैंने जाल डाला, लेकिन दो दिन बाद अचानक 10 फीट पानी का सैलाब आ गया. जब मैं लौटा तो मेरे जाल बह चुके थे. मुझे भारी नुकसान हुआ.”
आतंक की फैक्ट्री पर असर
जिस पीओके में आतंक की फैक्ट्री चलती है, जहाँ बेकसूर लोगों को मारने की साजिश रची जाती है, जहां अवैध तरीके से आतंकियों को भारत भेजा जाता है, आज सिंधु की ऐसी मार पड़ी है कि वहाँ के पूर्व प्रधानमंत्री भी कानून की दुहाई दे रहे हैं.
पाकिस्तान की कानूनी दुहाई
उनका कहना है कि यह सिर्फ भारत और पाकिस्तान का मामला नहीं है. वर्ल्ड बैंक भी इसका हिस्सा है. अनुच्छेदों के अनुसार, कोई भी पक्ष (भारत या पाकिस्तान) इससे बाहर नहीं जा सकता जब तक दोनों सहमति से इसे खत्म न करें.
सिंधु समझौते से सबसे ज्यादा डर
पाकिस्तान की सबसे ज्यादा तिलमिलाहट सिंधु समझौते को लेकर ही है. क्योंकि वो जानता है कि पाकिस्तान की जीवनरेखा इस वक्त हिंदुस्तान के हाथ में है और अगर वो नदियों पर नियंत्रण करता है तो पाकिस्तान में हाहाकार मच जाएगा.
पाकिस्तान की धमकियां
पाकिस्तान भी इसे युद्ध से ज्यादा खतरनाक मान रहा है और अपनी अवाम को समझाने के लिए टीवी चैनलों पर गीदड़ भभकी दे रहा है. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कहा है कि भारत अगर पानी रोकता है तो इसे युद्ध माना जाएगा. अगर वो मोड़ने की कोशिश करते हैं, तो फिर पाकिस्तान भी हमला कर सकता है.
पानी रोकना युद्ध का कारण?
अगर कोई इस किस्म का ढांचा बनाने की कोशिश करेगा, तो पाकिस्तान उस पर हमला करेगा. ये उनके अनुसार युद्ध के बराबर होगा.
पाकिस्तान की मजबूरी
जिसके पास पीने को पानी नहीं है, दाने-दाने को मोहताज है, वो सिंधु नदी में प्रोजेक्ट रोकने की बात कर रहा है. और अगर पाकिस्तान इसे युद्ध मान रहा है तो समझ लीजिए कि युद्ध की शुरुआत हो चुकी है.
फारुक अब्दुल्ला की राय
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने भी साफ किया है कि यही सही वक्त है जब सिंधु समझौते को खत्म कर देना चाहिए. भारत के पानी पर पहला हक भारत का है, पाकिस्तान का नहीं. हम कब से कह रहे हैं कि इस संधि को फिर से देखना पड़ेगा. हम खुद को ही नुकसान पहुंचा रहे हैं. हमारे दरिया हैं, हमें पानी चाहिए. तो हम ही कहते हैं उनके पानी को बंद करें.
जम्मू-कश्मीर की प्यास
आज (शनिवार) को जम्मू में सबसे बड़ी कमी पानी की है. हमने कोशिश की थी कि चिनाब से पानी उनके लिए न जाए. आज मौका है कि हम वहां से ये पानी जम्मू के लिए लाएं. हम भी हकदार हैं इस पानी के, सिर्फ वे नहीं.
सिंधु पर चोट गहरी, पाकिस्तान की बौखलाहट
पानी की चोट पाकिस्तान को बहुत गहरी लगने वाली है, जिसकी शुरुआत हो चुकी है. जब से भारत ने सिंधु समझौते को रद्द करने का ऐलान किया, उस दिन से बौखलाए पाकिस्तान ने गीदड़ भभकियाँ देनी शुरू कर दी हैं. पाकिस्तान के नेता जानते हैं कि सिंधु का पानी बंद हुआ तो तबाही और भुखमरी के दिन दूर नहीं.
अब आतंकियों की ज़मीन भी नहीं बचेगी
आतंकियों की बची-खुची ज़मीन को भी मिट्टी में मिलाने का दम भारत में आ चुका है. पाकिस्तान पर हमला करते वक्त पाकिस्तान को सोचना पड़ेगा कि अगर उसने सिंधु पर हमला किया तो या तो पानी बहेगा या घर.
बिना गोली के प्रहार
भारत ने कोई हथियार नहीं उठाया, लेकिन पाकिस्तान की तिलमिलाहट देखने लायक है. भारत की ओर से एक भी गोली नहीं चली, लेकिन पाकिस्तान जख्मी है.
भारत ने बदले की कार्रवाई अभी शुरू भी नहीं की, लेकिन पाकिस्तान को लग रहा है कि उसकी दुनिया लुटने जा रही है. और ऐसा सिर्फ एक कदम से हुआ है — सिंधु जल समझौते को रद्द करना.
अब भारत के खेतों को मिलेगा पानी
भारत के इस फैसले से 24 करोड़ लोगों में से 90 फीसदी किसी न किसी रूप से प्रभावित हो रहे हैं. पंजाब, हरियाणा से लेकर राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों तक अब ये पानी पहुंचने की उम्मीद जगी है.
लोग कह रहे हैं कि भारत सरकार का ये फैसला बहुत बढ़िया है कि सिंधु नदी का पानी अब पाकिस्तान को नहीं दिया जाएगा. इस पानी को राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में देना चाहिए.
सिंधु परियोजना की योजना
भारत ने सिंधु नदी के पानी को रोकने का प्लान भी बना लिया है. नए बांध बनाए जाएंगे. मौजूदा बांधों की क्षमता बढ़ाई जाएगी. कुछ जलाशय बनाए जाएंगे. गाद हटाई जाएगी.
कूटनीतिक हमला
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने कई कूटनीतिक फैसले लिए. इसे कई लोगों ने डिप्लोमैटिक ऑफेंसिव कहा. पाकिस्तान को दिखाना था कि भारत अब आतंकी हमले बर्दाश्त नहीं करेगा.
पाकिस्तान की चिंता चरम पर
1960 की इस संधि के रद्द होने से पाकिस्तान में चिंता चरम पर है. पाकिस्तान की 80% खेती सिंधु पर निर्भर है. सिंधु के पानी पर पाकिस्तान की 25% सिंचाई निर्भर है. 20 करोड़ लोगों की रोज़ी-रोटी इससे जुड़ी है.
कराची, लाहौर, मुल्तान जैसे शहरों को पीने का पानी इसी से मिलता है. यह नदी भारत-पाकिस्तान सीमा पार करके पाकिस्तान में प्रवेश करती है. अब वक्त आ गया है जब इस नदी का पानी रोका जाएगा, उसका प्रवाह बदला जाएगा या उसकी संग्रह क्षमता बढ़ाई जाएगी.
भारत का प्रहार, पाकिस्तान की घबराहट
यह भारत सरकार की ओर से पाकिस्तान पर बहुत ही कड़ा प्रहार है. पाकिस्तान जानता है कि सिंधु का पानी रुका तो उसकी तबाही तय है.
आजतक ब्यूरो