CAA का ओवैसी ने किया विरोध, बोले- धर्म आधारित कानून को बढ़ावा नहीं मिलना चाहिए

AIMIM चीफ ओवैसी ने CAA को असंवैधानिक कहते हुए कहा, मैं यह समझाने की कोशिश कर रहा हूं कि आपको CAA को अकेले नहीं देखना चाहिए. इसके साथ एनपीआर और एनआरसी को जोड़कर देखा जाना चाहिए.

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असदुद्दीन ओवैसी (फाइल फोटो) असदुद्दीन ओवैसी (फाइल फोटो)

अब्दुल बशीर / अपूर्वा जयचंद्रन

  • नई दिल्ली ,
  • 12 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 5:11 PM IST

पूरे देश में सीएए (CAA) लागू हो गया है. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार ने 11 मार्च को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2024 की अधिसूचना जारी कर दी. गृह मंत्रालय ने 11 मार्च, सोमवार को इसके नियम जारी किए. इस कानून में संशोधन को चार साल पहले ही राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई थी. लेकिन इसे लागू नहीं किया जा सका था. अब चुनाव से ठीक पहले इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. 

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केंद्र सरकार के फैसले पर विपक्षी नेताओं के रिएक्शन लगातार आ रहे हैं. विपक्षी दल सरकार के फैसले की टाइमिंग पर सवाल उठाए रहे हैं. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी CAA को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. सीएए पर बोलते हुए ओवैसी ने कहा कि चार साल पहले मोदी सरकार जो कुछ भी लेकर आई, वह गलत है. AIMIM चीफ ओवैसी ने कहा कि धर्म के आधार पर कानून लाने को बढ़ावा नहीं मिलना चाहिए. 

ओवैसी ने गृह मंत्री अमित शाह के बयान का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने मेरा नाम लेते हुए बताया था कि National Population Register (एनपीआर) और National Register of Citizens (एनआरसी) को कैसे लाया जाएगा. ओवैसी ने कहा कि सिर्फ सीएए को ही न देखें. एनपीआर और एनआरसी को इससे जोड़कर देखा जाना चाहिए. AIMIM चीफ ने कहा कि सीएए के बाद National Population Register (एनपीआर) और National Register of Citizens (एनआरसी) को भी लाया जाएगा. इसका असर अल्पसंख्यकों पर पड़ेगा. 

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ओवैसी ने कहा सवाल उठाते हुए कहा कि भारत में केवल 5% लोग ही ऐसे हैं जिनके पास पासपोर्ट है. आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण नहीं है. जब एनआरसी और एनपीआर के लिए बायोमेट्रिक होगा, तब क्या होगा? ओवैसी ने CAA को असंवैधानिक कहते हुए कहा, मैं यह समझाने की कोशिश कर रहा हूं कि आपको CAA को अकेले नहीं देखना चाहिए. इसके साथ एनपीआर और एनआरसी को जोड़कर देखा जाना चाहिए. 

ओवैसी ने आगे कहा कि हैदराबाद के लोग इस चुनाव में भाजपा को सबक सिखाएंगे और लोग सीएए और भाजपा के खिलाफ मतदान करेंगे. धर्म के आधार पर बनाया गया यह कानून समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है. असम में एनपीआर एनआरसी हो चुका है. ओवैसी ने असम का हवाला देते हुए कहा कि वहां एनपीआर-एनआरसी नागरिकता कानून का हिस्सा है. आप एक को दूसरे से कैसे निकाल सकते हैं?

देश में लागू हुआ CAA

आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2024 की अधिसूचना जारी कर दी है. यानी पूरे देश में अब सीएए (CAA) लागू हो गया है. इस कानून के लागू होने से तीन पड़ोसी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थी (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई) अब भारतीय नागरिक बन सकेंगे. इसके लिए इन लोगों को सरकारी गाइडलाइन का पालन करना होगा और नागरिकता के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा. हालांकि, कुछ जरूरी शर्तें भी रहेंगी.

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