हाफिज सईद और लश्कर का कनेक्शन... पाकिस्तान के मुरीदके में इंडिया ने एयरस्ट्राइक से क्यों मचाई तबाही?

लश्कर की स्थापना 1980 के दशक में हाफिज सईद, जफर इकबाल और अब्दुल्ला अज़्ज़ाम ने अफगानिस्तान में सोवियत संघ के खिलाफ लड़ाई के लिए की थी. इसका मूल संगठन 'मरकज़-उद-दावा वल-इर्शाद' था. लश्कर का जन्मस्थान अफगानिस्तान का कुनार प्रांत माना जाता है.

Advertisement
हाफिज सईद (फाइल फोटो) हाफिज सईद (फाइल फोटो)

संदीपन शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 07 मई 2025,
  • अपडेटेड 8:35 AM IST

भारतीय सेना ने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर के क्षेत्रों में रातभर चले ऑपरेशन में नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया. पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कोटली, मुरीदके और बहावलपुर में कई स्थानों पर हमलों की पुष्टि की. भारतीय सेना के इस सैन्य कार्रवाई का नाम ऑपरेशन सिंदूर है.

भारतीय सेना के निशाने पर आतंक के लिए जिम्मेदार दो बड़े आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के जिहादी ढांचों को ध्वस्त करना है. 

Advertisement

लेकिन मुरीदके क्यों?

लाहौर से लगभग 33 किलोमीटर दूर ऐतिहासिक ग्रैंड ट्रंक रोड पर स्थित मुरीदके लश्कर-ए-तैयबा का हेडक्वार्टर है. इसे 'मरकज़-ए-तैयबा' कहा जाता है.

यह परिसर जैश के बहावलपुर हेडक्वार्टर की तरह लश्कर का वैचारिक, लॉजिस्टिक और ऑपरेशनल सेंटर है, जहां पाकिस्तान और कश्मीर से सैकड़ों भर्तियां लाई जाती हैं और उन्हें आतंकी अभियानों के लिए प्रशिक्षित किया जाता है.

करीब 200 एकड़ में फैला यह परिसर दुनिया के सबसे बड़े आतंकी ठिकानों में से एक माना जाता है. इसकी स्थापना 1980 के दशक के अंत में हाफिज सईद ने ISI की मदद और बाहरी फंडिंग से की थी.

सैटेलाइट इमेज से पता चलता है कि मरकज़ एक आधुनिक सुविधाओं वाली टाउनशिप है. इसका मुख्य केंद्र एक मस्जिद है, जिसके चारों ओर स्कूल, प्रशिक्षण केंद्र और खुले मैदान हैं, जहां जंग के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है. इस परिसर में अस्पताल, कार्यालय, बैंक और अन्य व्यावसायिक इकाइयां भी हैं.

Advertisement

लश्कर का रणनीतिक महत्व क्या है?

मुख्य हाईवे पर स्थित होने और लाहौर के पास होने के कारण मरकज़ से संसाधनों की तेजी से तैनाती संभव है. मूल रूप से इसे 1980 के दशक में सोवियत-विरोधी अफगान जिहाद के लिए बनाया गया था, लेकिन बाद में यह भारत-विरोधी आतंक का अड्डा बन गया.

पाकिस्तान ने 9/11 के बाद लश्कर-ए-तैयबा पर प्रतिबंध लगाया और मरकज़ को एक मदरसे के रूप में दोबारा रजिस्टर्ड कराया लेकिन इसका उद्देश्य आतंक से जुड़ा हुआ ही रहा. 2008 में मुंबई हमलों के लिए कई आतंकियों को यहीं ट्रेनिंग दी गई थी. अजमल कसाब ने जांच में इस बात का खुलासा किया था.

अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क

लश्कर-ए-तैयबा ने अन्य जिहादी संगठनों (जैसे अफगानिस्तान और चेचन्या के ग्रुप) से सहयोग कर अपना प्रभाव बढ़ाया है. इसे दुनियाभर में फैले नेटवर्क के जरिए फंडिंग मिलती है, जो डोनेशन और शिक्षा के नाम पर पाकिस्तान पहुंचती है.

2008 में जमात-उद-दावा को आतंकवादी संगठन घोषित किया गया और इसे FATF की ग्रे लिस्ट में डाला गया. हालांकि पाकिस्तान ने जमात पर रोक और सईद की गिरफ्तारी का दावा किया, भारत ने इसे केवल दिखावा बताया है.

जमात-उद-दावा एक धर्म प्रचार संगठन है. पाकिस्तान में 2500 से अधिक कार्यालयों और दर्जनों मदरसों के जरिए कट्टर विचारधारा फैलाता है. लश्कर-ए-तैयबा एक सलाफी-जिहादी संगठन है. लश्कर का उद्देश्य सिर्फ कश्मीर की आजादी नहीं बल्कि उसे पाकिस्तान में मिलाना है.

Advertisement

लश्कर की स्थापना और इतिहास

लश्कर की स्थापना 1980 के दशक में हाफिज सईद, जफर इकबाल और अब्दुल्ला अज़्ज़ाम ने अफगानिस्तान में सोवियत संघ के खिलाफ लड़ाई के लिए की थी. इसका मूल संगठन 'मरकज़-उद-दावा वल-इर्शाद' था. लश्कर का जन्मस्थान अफगानिस्तान का कुनार प्रांत माना जाता है.

लश्कर ने जम्मू-कश्मीर में 'फिदायीन' हमलों की शुरुआत की और आईएसआई और अलगाववादी संगठनों की मदद से 1993 से आतंकी घुसपैठ शुरू की. 1996 में 16 हिंदुओं की हत्या इसके शुरुआती हमलों में से एक थी.

लश्कर खुद को एक सैन्य संगठन बताता है, जिसका प्रमुख हाफिज सईद है. उसके नीचे क्षेत्रीय कमांडर और ट्रेनिंग प्रमुख होते हैं. मुरीदके के अलावा इसके कई ट्रेनिंग कैंप पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भी हैं.

लश्कर के प्रमुख हमले:

दिसंबर 2001: भारतीय संसद पर जैश के साथ मिलकर हमला

जुलाई 2006: मुंबई लोकल ट्रेन बम धमाके, 180 से अधिक मौतें

नवंबर 2008: मुंबई आतंकी हमला, 166 लोग मारे गए

मार्च 2000: चिट्टीसिंहपोरा में 35 सिखों की हत्या

कौन है हाफिज सईद?

1950 में पाकिस्तान के सरगोधा में जन्मे हाफिज सईद को अमेरिका सहित कई देशों और संगठनों ने वैश्विक आतंकवादी घोषित किया है.
वह सऊदी अरब की एक यूनिवर्सिटी में पढ़ा और वहां वहाबी विचारधारा से प्रभावित हुआ. भारत की संसद पर हमले के बाद से वह कई बार पाकिस्तान में जेल गया, लेकिन 2020 में 11 साल की सज़ा मिलने के बावजूद लाहौर में ISI की सुरक्षा में रहने की खबरें सामने आईं.

Advertisement

2023 में भारत द्वारा प्रत्यर्पण की मांग को पाकिस्तान ने खारिज कर दिया. लश्कर भी एक पारिवारिक संगठन है और सईद का बेटा तल्हा इसका दूसरा सबसे बड़ा नेता है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement