दिल्ली हाईकोर्ट ने 2017 के उन्नाव रेप केस मामले में दोषी ठहराए गए और उम्रकैद की सजा काट रहे बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को सशर्त जमानत दी है. इसके विरोध में रेप पीड़िता और उसकी मां ने इंडिया गेट पर धरना दिया. इसे लेकर जब उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओपी राजभर से सवाल पूछा गया तो वे खिलखिलाकर हंस दिए.
सेंगर को जमानत दिए जाने के विरोध में उन्नाव रेप पीड़िता और उनके परिवार ने आज इंडिया गेट पर धरना दिया. लेकिन यह प्रदर्शन ज्यादा देर तक नहीं चल सका. दिल्ली पुलिस ने पीड़िता और उनकी मां को प्रदर्शन स्थल से हटा दिया.
इसे लेकर जब यूपी सरकार में मंत्री ओपी राजभर से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जब कोर्ट ने सेंगर को पीड़िता के घर के पांच किलोमीटर दूर तक नहीं जाने को कहा है तो कोई असुरक्षित कहां हैं? पीड़ित पक्ष अभी दिल्ली में क्या कर रहा है? दिल्ली में प्रदर्शन की क्या जरूरत है?
इस बीच जब एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि पुलिस ने पीड़िता और उनके परिवार को इंडिया गेट से हटा दिया है तो इस पर राजभर बोले कि लेकिन उसका घर तो उन्नाव है. इतना कहते ही राजभर ठहाके लगाकर हंसने लगे.
बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने रेप के मामले में कुलदीप सिंह को सशर्त जमानत दी है. कोर्ट ने 15 लाख रुपये के मुचलके और इतनी ही राशि के जमानत की शर्त रखी है. कोर्ट ने साफ कहा है कि सेंगर पीड़िता के पांच किलोमीटर के दायरे में नहीं आएगा और जमानत की अवधि के दौरान दिल्ली में ही रहेगा. उसे हर सोमवार पुलिस को रिपोर्ट करना अनिवार्य होगा.
अदालत का साफतौर पर कहना है कि कुलदीप सेंगर उन्नाव रेप पीड़िता और उसके परिवार को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से किसी भी तरह की धमकी नहीं देगा. उसे अपना पासपोर्ट निचली अदालत में जमा करना होगा और किसी भी शर्त के उल्लंघन की स्थिति में उसकी जमानत तुरंत रद्द की जा सकती है.
हालांकि, इसके बावजूद सेंगर की तत्काल रिहाई संभव नहीं लग रही क्योंकि उसे पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में भी दोषी ठहराया गया है और इस मामले में वह दस साल की सजा काट रहा है. ऐसे में वह फिलहाल जेल में ही रहेगा.
उन्नाव रेप केस की नाबालिग पीड़िता को 11 से 20 जून 2017 के बीच कुलदीप सेंगर ने अगवा कर रेप किया. इसके बाद उसे 60 हजार रुपये में बेच दिया गया. बाद में पीड़िता को माखी थाना क्षेत्र से बरामद किया गया. आरोप यह भी है कि पीड़िता को पुलिस अधिकारियों की ओर से लगातार धमकाया गया और सेंगर के निर्देश पर चुप रहने का दबाव बनाया गया. इसके बाद रेप, अपहरण और आपराधिक धमकी सहित पॉक्सो एक्ट की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई. इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद कुलदीप सेंगर को गिरफ्तार किया गया था.
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