यूपी, बिहार, छत्तीसगढ़... नेपाल में जेन-ज़ी प्रोटेस्ट के बाद फंसे कई भारतीय नागरिक, लगाई मदद की गुहार

नेपाल में चल रहे जेन-ज़ी आंदोलन का असर भारत के नागरिकों पर भी पड़ रहा है. इस आंदोलन की वजह से कई भारतीय नागरिक नेपाल में फंसे हुए हैं और अपने देश लौटने के लिए मदद मांग रहे हैं.

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नेपाल में जेन ज़ी प्रोटेस्ट के बाद फंसे विदेशी नागरिक (Photo: AFP) नेपाल में जेन ज़ी प्रोटेस्ट के बाद फंसे विदेशी नागरिक (Photo: AFP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 12 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:28 PM IST

नेपाल में जारी जेन-जी आंदोलन का असर अब भारत के कई हिस्सों पर भी दिखाई दे रहा है. बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों के कई भारतीय नागरिक नेपाल में फंसे हुए हैं और अपने देश लौटने की अपील कर रहे हैं. इस आंदोलन ने नेपाल में जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है, जिससे कर्फ्यू, आगजनी और हिंसक प्रदर्शनों का माहौल बना हुआ है.

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बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के रहने वाले संतोष कुमार शर्मा और उनके परिवार के सदस्य काठमांडू में फंसे हुए हैं. उन्होंने बताया कि कर्फ्यू के कारण वे अपने किराए के मकान में कैद हैं और केवल दो घंटे की छूट मिलती है, उसी दौरान वे खाने-पीने का सामान खरीद पाते हैं. 

इसी तरह, छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर से पांच युवक भी नेपाल में फंसे हैं. उनके परिजनों ने छत्तीसगढ़ सरकार से संपर्क किया है, जिसके बाद सरकार ने उन्हें सुरक्षित वापस लाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं.

पर्यटकों और ड्राइवरों की परेशानी...

उत्तर प्रदेश के महाराजगंज में सोनौली बॉर्डर पर पहुंचे पर्यटकों ने नेपाल में हुई हिंसा की कहानियां बताईं. अहमदाबाद से आए एक पर्यटक दल ने कहा कि उन्होंने अपनी आंखों के सामने गाड़ियों को जलते हुए देखा, जिससे वे डर गए. इसके अलावा, भारत-नेपाल सीमा पर कई ट्रक ड्राइवर भी फंसे हैं, क्योंकि भैरहवा में कस्टम कार्यालय में आगजनी के कारण ट्रकों की आवाजाही बाधित हो गई है. कर्फ्यू के कारण ड्राइवरों को खाने-पीने की भी समस्या हो रही है.

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भारतीयों की मौत और सुरक्षा के प्रयास

नेपाल की राजधानी काठमांडू में हुई हिंसा में गाजियाबाद के ट्रांसपोर्टर रामवीर सिंह गोला की पत्नी राजेश गोला की दर्दनाक मौत हो गई. आग लगने के बाद जान बचाने के लिए वह रस्सी के सहारे उतर रही थीं, तभी उनका हाथ छूट गया और नीचे गिरने से उनकी मौत हो गई. इस बीच, भारत ने अपनी सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी है. श्रावस्ती में पुलिस बल और सशस्त्र सीमा बल के साथ एरिया डोमिनेशन किया जा रहा है और ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है.

नेपाल के नेताओं की प्रतिक्रिया...

नेपाल में चल रहे आंदोलन पर भारत के कई राजनेताओं ने भी प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी नेता विनय कटियार ने कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) नेताओं के बयानों को 'दोगला' कहा. सांसद साक्षी महाराज ने नेपाल के लोगों के लिए प्रार्थना की है. वहीं, शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने नेपाल में राजतंत्र की वापसी का समर्थन किया है, क्योंकि उनका मानना है कि हिंदू शासन व्यवस्था राजतंत्र ही है.

नेपाल में जेल ब्रेक की घटना

नेपाल के रौतहट जिले के गौर कारागार से 227 कैदी जेल तोड़कर भागने में सफल रहे. इस घटना के बाद एसएसबी और पुलिस ने सीमा पर चौकसी बढ़ा दी. भारत में प्रवेश करने के दौरान 13 कैदी पकड़े गए, जिनमें से एक को सीतामढ़ी न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

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पेट्रोल की किल्लत

नेपाल के धनगढ़ी में कर्फ्यू की वजह से नागरिकों को पेट्रोल मिलने में काफी दिक्कत हो रही है. निजी पेट्रोल पंप बंद हैं, और केवल पुलिस कोष से बने सरकारी पेट्रोल पंप पर ही पेट्रोल मिल रहा है, जहां एक किलोमीटर लंबी लाइनें लगी हुई हैं.

गुजरात के जामनगर में रहने वाले करीब 21 हजार नेपाली नागरिकों ने नेपाल के मौजूदा हालात पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भ्रष्ट नेताओं का पर्दाफाश होना एक पॉजिटिव बात है, लेकिन हिंसा की वजह से निर्दोष लोगों की मौत और सरकारी इमारतों को नुकसान पहुंचना देश के लिए चिंताजनक है.

सुशीला कार्की और भारत का संबंध

नेपाल में जेन-ज़ी आंदोलनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट की पूर्व मुख्य जज सुशीला कार्की के नाम का प्रस्ताव किया है. उनका भारत से गहरा नाता रहा है. उन्होंने 1975 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की थी. सुप्रीम कोर्ट में उनके कई फैसले महत्वपूर्ण रहे हैं.

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