यूक्रेन में रूस की सेना लगातार बमबारी कर रही है. मिसाइलें दागी जा रही हैं. यूक्रेन में हर रोज हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. रूस की ओर से ये दावा किया जा रहा है कि वो सैन्य ठिकानों को निशाना बना रहा है. रिहाइशी इलाकों को निशाना नहीं बनाया जा रहा है. इन सबके बीच हर रोज आम नागरिक मारे जा रहे हैं. यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले एक भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा की रूसी हमले में मौत हो गई.
नवीन शेखरप्पा ने जवान बेटे को गंवाने के बाद देश के एजुकेशन सिस्टम पर सवाल उठाए हैं. डॉक्टर बनने का सपना लेकर एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए यूक्रेन गए नवीन के पिता ने कहा है कि पीयूसी में उनके बेटे ने 97 फीसदी अंक प्राप्त किए थे. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, नवीन के पिता ने कहा है कि पीयूसी में 97 फीसदी अंक हासिल करने के बावजूद उनके बेटे को प्रदेश में मेडिकल की एक सीट हासिल नहीं हो सकी थी.
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यूक्रेन के खारकीव में रूसी गोलीबारी में जान गंवाने वाले नवीन के पिता ने ये भी कहा है कि मेडिकल में सीट पाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ते हैं. नवीन के पिता ने कहा है कि यहां मेडिकल की एक सीट के लिए जहां करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ते हैं, वहीं इससे कम पैसे खर्च करके ही भारतीय छात्र विदेशों में समान शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं.
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गौरतलब है कि खारकीव में एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले कर्नाटक के हावेली निवासी नवीन शेखरप्पा की रूसी गोलीबारी में मौत हो गई थी. विदेश मंत्रालय की ओर से नवीन की मौत को लेकर जानकारी दी गई थी. इस घटना के बाद पीएम मोदी ने भी नवीन के पिता से फोन कर बातचीत की और पीड़ित परिवार को सांत्वना दी थी. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भी कहा है कि सरकार नवीन का शव यूक्रेन से लाने के लिए प्रयास कर रही है.
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