गंगा सफाई के लिए मोदी सरकार ले रही 'चाचा चौधरी' से मदद, जानिए क्या है केंद्र की नीति

दरअसल केंद्र ने फैसला किया है कि अब वे बच्चों के बीच में नमामि गंगे प्रोजेक्ट को लोकप्रिय बनाएंगे. बच्चों के जरिए समाज में गंगा सफाई को लेकर जागरूकता फैलाई जाएगी.

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गंगा सफाई के लिए मोदी सरकार ले रही 'चाचा चौधरी' से मदद गंगा सफाई के लिए मोदी सरकार ले रही 'चाचा चौधरी' से मदद

मोहित शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 02 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 12:44 AM IST
  • गंगा सफाई के लिए चाचा चौधरी की मदद
  • मोदी सरकार की नई रणनीति, बच्चों पर फोकस

केंद्र में मोदी सरकार को आए साल साल हो चुके हैं. उनके सबसे बड़े प्रोजेक्ट में से एक नमामि गंगे को लेकर कई तरह की बातें कही जाती हैं. कहा जाता है कि जमीन पर बदलाव अभी भी देखने को नहीं मिलता है. अब उसी शिकायत को दूर करने के लिए और असल परिवर्तन के लिए केंद्र 'चाचा चौधरी' से मदद लेने जा रही है.

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गंगा सफाई के लिए चाचा चौधरी की मदद

दरअसल केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि अब वह बच्चों के बीच में नमामि गंगे प्रोजेक्ट को लोकप्रिय बनाएगी. बच्चों के जरिए समाज में गंगा सफाई को लेकर जागरूकता फैलाई जाएगी. अब ऐसा करने के लिए बच्चों से सीधा संवाद स्थापित करना जरूरी है. अब उस संवाद का काम चाचा चौधरी को सौंप दिया गया है. दरअसल केंद्र ने फैसला लिया है कि कार्टून करेक्टर चाचा चौधरी की कॉमिक मार्केट में रिलीज की जाएंगी. उन कॉमिक्स में गंगा सफाई को लेकर काफी कुछ बताया जाएगा.

सरकार को पूरी उम्मीद है कि लोकप्रिय किरदार चाचा चौधरी की वजह से उनका ये मिशन स्पीड भी पकड़ेगा और जमीन पर परिवर्तन दिखना भी शुरू हो जाएगा. इसी वजह से केंद्र ने नमामि गंगे के लिए चाचा चौधरी को अपना शुभंकर बना लिया है. इस नई पहल के लिए केंद्र 2.26 करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है. इस सिलसिले में डायमंड टून्स से एक समझौता भी कर लिया गया है.

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क्या है सरकार का प्लान?

NMCG के डायरेक्टर जनरल रंजन मिश्रा बताते हैं कि हमने इस मिशन के लिए हमेशा से ही लोगों से जुड़ने का प्रयास किया है, इसमें भी हमारा सबसे ज्यादा फोकस आज के युवाओं पर रहता है. अब इस चाचा चौधरी मुहिम के जरिए भी हम अपने मिशन को पूरा करने के और करीब पहुंच जाएंगे. जानकारी के लिए बता दें कि अभी चाचा चौधरी की ये वाली कॉमिक्स सिर्फ हिंदी, अंग्रेजी और बंगला में लॉन्च की जा रही हैं. कहा जा रहा है कि आने वाले समय में और भी भाषाओं के जरिए जागरूकता फैलाने का प्रयास रहेगा.

 

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