मध्य प्रदेश पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ राज्य मंत्री विजय शाह द्वारा की टिप्पणी की जांच के लिए सोमवार देर रात को तीन सदस्यीय SIT का गठन किया है.
पुलिस द्वारा गठित एसआईटी में इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (आईजी) प्रमोद वर्मा, डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल कल्याण चक्रवर्ती और पुलिस अधीक्षक (एसपी) वाहिनी सिंह शामिल हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सोमवार को कर्नल कुरैशी पर शाह की 'अभद्र' टिप्पणी के लिए उन्हें फटकार लगाई और उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी गठित करने का आदेश दिया.
शीर्ष अदालत ने मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के बाद दर्ज प्राथमिकी की जांच के लिए मंगलवार सुबह 10 बजे तक आईजी रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एसआईटी गठित करने का आदेश दिया, जिसमें एक महिला अधिकारी भी शामिल हो.
मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कैलाश मकवाना ने एसआईटी गठित करने का आदेश जारी किया और निर्देश दिया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए.
अधिकारी ने बताया कि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी प्रमोद वर्मा को वर्तमान में सागर रेंज के महानिरीक्षक (आईजी) के पद पर तैनात हैं, कल्याण चक्रवर्ती भोपाल में डीआईजी (एसएएफ) के पद पर और वाहिनी सिंह डिंडोरी की पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात हैं.
दरअसल, बीजेपी नेता विजय शाह उस वक्त विवादों में घिर गए जब एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ. जिसमें वह कथित तौर पर कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे थे.
बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर पर मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने देश भर में सुर्खियां बटोरी थीं.
इससे पहले मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने विजय शाह को आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में फटकार लगाई थी. कोर्ट ने उनके खिलाफ दुश्मनी और नफरत को बढ़ावा देने के आरोप में पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया.
वहीं, खुद को विवाद में घिरता देख विजय शाह ने अपने बयान पर सफाई जारी की और कहा कि वह कर्नल कुरैशी का अपनी बहन से भी ज्यादा सम्मान करते हैं.
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