MOTN: यूनिफॉर्म सिविल कोड और स्कूलों में हिजाब बैन लागू होना चाहिए? जानिए देश का मिजाज

यूनिफॉर्म सिविल कोड और स्कूलों में हिजाब बैन लागू होना चाहिए या नहीं? India Today-CVoter ने अपने सर्वे में इसपर Mood of the Nation जाना है. सर्वे में जनता ने इन मुद्दों पर अपनी राय रखी है.

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हिजाब बैन का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था (फाइल फोटो) हिजाब बैन का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 27 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 8:24 AM IST

यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक कानून) और हिजाब... बीते कुछ वक्त में इन दो मुद्दों पर जमकर बहस हुई है. एक पक्ष है जो यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करवाना चाहता है और शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर भी पाबंदी चाहता है. वहीं दूसरा वर्ग इन बातों के खिलाफ है. ऐसे में आजतक ने अपने सर्वे Mood Of The Nation में इन सवालों पर जनता की राय जानी.

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ये सर्वे इंडिया टुडे ग्रुप ने CVoter के साथ मिलकर किया है. इसमें 1,40,917 लोगों ने हिस्सा लिया था. इसके साथ ही CVoter द्वारा नियमित रूप से लिए जाने वाले इंटरव्यूज में से 1,05,008 लोगों का मत भी इसमें इस्तेमाल किया गया.

पहले बात करते हैं यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक कानून की. सर्वे में शामिल 69 फीसदी जनता ने कहा कि हां ये कानून लागू होना चाहिए. वहीं 19 फीसदी लोग ऐसे थे जिन्होंने कहा कि नहीं ऐसा नहीं होना चाहिए. बाकी लोगों ने इसका जवाब नहीं दिया.

बता दें कि बीजेपी की केंद्र सरकार हिंदू लॉ-मुस्लिम लॉ आदि की जगह एक समान कानून लाना चाहती है. पिछले साल नवंबर में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा भी था कि बीजेपी लोकतांत्रिक तरीके से देश में Uniform Civil Code लागू करवाने के लिए प्रतिबद्ध है. तब अमित शाह ने कहा था कि अगर देश और राज्य धर्मनिरपेक्ष हैं तो कानून धर्म के आधार पर कैसे हो सकते हैं? सभी के लिए एक कानून होना चाहिए जिसे संसद और विधानसभाओं से पास किया गया हो.

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इसके बाद बीजेपी शासित राज्य जैसे उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और गुजरात ने Uniform Civil Code लागू करवाने का वादा किया. इस प्रक्रिया के लिए रिटायर्ड जजों की अध्यक्षता वाले कुछ पैनल भी बनाए गए, ताकि समाज के विभिन्न लोगों की राय इसपर ली जा सके.

हिजाब पर क्या है जनता के विचार?

क्या स्कूल में हिजाब बैन होना चाहिए? इस सवाल पर जनता ने मिली-जुली सी राय रखी. 57 फीसदी लोग ऐसे थे जिन्होंने बैन का समर्थन किया. वहीं 26 फीसदी लोग ऐसे थे जिन्होंने कहा कि हिजाब पर बैन नहीं होना चाहिए.

बता दें कि हिजाब का यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था. सुप्रीम कोर्ट के जज भी इसपर एकमत राय नहीं रख सके थे और विभाजित फैसला सुनाया था. दरअसल, कर्नाटक हाईकोर्ट ने शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर लगे बैन को हटाने से इनकार कर दिया था.

हाईकोर्ट ने माना था कि इस्लाम के मुताबिक, हिजाब पहनना जरूरी नहीं है. यहां कोर्ट ने कर्नाटक सरकार के सपोर्ट में फैसला सुनाया था, जो स्कूलों के लिए तय यूनिफॉर्म को सख्ती से लागू करवाना चाहती थी. लेकिन कर्नाटक सरकार के खिलाफ राज्य में मुस्लिम समाज ने प्रदर्शन शुरू कर दिया था. फिर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले का भी विरोध हुआ.

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इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था. SC ने अपने फैसले में कहा था कि मामले को अब बड़ी सुनवाई करेगी, जिसमें चीफ जस्टिस भी शामिल होंगे.

 

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