पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग 'जमात-उल-मुमीनात' को लेकर एक बड़ा खुलासा सामने आया है. संगठन के सरगना मसूद अजहर की एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए यह जानकारी सामने आई है कि अब तक इस महिला विंग में करीब पांच हजार जिहादी महिलाओं की भर्ती की जा चुकी है.
दावा किया गया है कि इन महिलाओं का ब्रेनवॉश कर उन्हें फिदायीन गतिविधियों के लिए तैयार किया जा रहा है. मसूद अजहर की पोस्ट में लिखा गया है कि जैसे-जैसे जमात-उल-मुमीनात में महिला सदस्यों की संख्या बढ़ रही है, अब जरूरत है कि जिलावार संगठन तैयार किया जाए.
हर जिले में बनेगा जमात-उल-मुमीनात का दफ्तर
इसके तहत पीओके के हर जिले में जमात-उल-मुमीनात का अलग दफ्तर बनाया जाएगा, जहां भर्ती से लेकर कथित आतंकी ट्रेनिंग तक की प्रक्रिया पूरी होगी. पोस्ट में यह भी कहा गया है कि इस विंग में शामिल कुछ महिलाओं ने चिट्ठी लिखकर बताया है कि जमात से जुड़ने के बाद उन्हें अपनी जिंदगी का मकसद मिल गया है.
नेब्रास्का यूनिवर्सिटी का जिक्र
अपनी पोस्ट में मसूद अजहर ने अमेरिका की नेब्रास्का यूनिवर्सिटी का भी जिक्र किया और दावा किया कि कुछ लोग झूठ फैला रहे हैं कि इस यूनिवर्सिटी ने पाकिस्तान में जिहादी माहौल बनाया. उसने इसे पूरी तरह बेबुनियाद बताते हुए कहा कि कुछ कॉलमिस्ट, मंत्री और बुद्धिजीवी ऐसे दावों को सच मान बैठे हैं.
सामने आया था 21 मिनट का ऑडियो
इस खुलासे से एक बार फिर जैश-ए-मोहम्मद की गतिविधियों और उसकी महिला नेटवर्किंग रणनीति को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. इससे पहले मसूद अजहर का एक 21 मिनट का ऑडियो सामने आया था जिसमें वह महिलाओं के आतंकी विंग जमात-उल-मोमिनात का जिक्र कर रहा था.
इस ऑडियो को बहावलपुर स्थित मार्कज उस्मान ओ अली ने जारी किया था. ऑडियो में मसूद अजहर कहता है कि 'जो महिला इस संगठन से जुड़ेगी, उसे जन्नत नसीब होगी.' उसने भारत के ऑपरेशन सिंदूर का भी जिक्र किया और कहा कि इसमें उसकी बहन हवा बीबी की मौत हो गई थी.
अरविंद ओझा