'देश में दो तरह की फौज नहीं होनी चाहिए...', अग्निवीर योजना पर बोलीं शहीद कैप्टन अंशुमन सिंह की मां

कैप्टन अंशुमान सिंह 2 जुलाई 2023 को सियाचिन में लगी आग में असाधारण बहादुरी दिखाते हुए कई लोगों की जान बचाने के दौरान शहीद हो गए थे. उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के रहने वाले कैप्टन अंशुमान को हाल ही में मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है.

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 शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की मां मंजू सिंह. (ANI Photo) शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की मां मंजू सिंह. (ANI Photo)

aajtak.in

  • रायबरेली,
  • 09 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 3:16 PM IST

लोकसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) राहुल गांधी ने मंगलवार को शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के परिवार से मंगलवार को रायबरेली में मुलाकात की. वह 2 जुलाई 2023 को सियाचिन में लगी आग में असाधारण बहादुरी दिखाते हुए कई लोगों की जान बचाने के दौरान शहीद हो गए थे. उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के रहने वाले कैप्टन अंशुमान को कुछ दिनों पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया था. वह आर्मी मेडिकल कोर में तैनात थे. शहीद की पत्नी स्मृति सिंह और मां मंजू सिंह ने राष्ट्रपति से कीर्ति चक्र ग्रहण किया था. 

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राहुल गांधी मंगलवार को अपने ससंदीय क्षेत्र रायबरेली के दौरे पर थे. शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के पिता रवि प्रताप सिंह और उनकी मां मंजू सिंह यहां कांग्रेस नेता से मिलने पहुंचे थे. कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात के बाद कैप्टन अंशुमान सिंह की मां मंजू सिंह ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, 'हमने भारतीय सेना और अग्निवीर योजना के बारे में बात की. यह एक सकारात्मक मुलाकात थी. देश में दो तरह की फौज नहीं होनी चाहिए. अग्निवीर योजना पर विचार होना चाहिए. मैं सरकार से अपील करती हूं की वह इस योजना में बदलाव के बारे में सोचे. सरकार को राहुल गांधी की आवाज भी सुननी चाहिए. फौजी बनने के लिए बहुत मजबूत बनना होता है और यहां चार साल में ही सब खत्म हो जाएगा. इसलिए इस योजना को बंद कर देना चाहिए'.

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बता दें कि कांग्रेस और इंडिया ब्लॉक में शामिल अन्य दल लगातार अग्निवीर योजना का विरोध करते रहे हैं. लोकसभा चुनावों के दौरान भी विपक्ष ने अपने अपने प्रचार अभियान के दौरान इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था. लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में अपने पहले संबोधन में राहुल गांधी ने कहा था कि केंद्र में हमारी सरकार आने पर हम अग्निवीर योजना को समाप्त कर देंगे और सेना में पुराना भर्ती सिस्टम लागू करेंगे. राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि सरकार अग्निवीरों को 'यूज एंड थ्रो लेबर' मानती है और उन्हें 'शहीद' का दर्जा भी नहीं देती है. उन्होंने अग्निवीरों को स्थायी सैनिकों की तरह मुआवजा और पेंशन भी नहीं मिलने का आरोप लगाया था. हालांकि, सेना ने उनके बयान पर सफाई देते हुए कहा था कि ड्यूटी के दौरान मौत होने पर अग्निवीरों को 1 करोड़ से ज्यादा का मुआवजा मिलता है.

केंद्र सरकार ने 14 जून, 2022 को अग्निपथ योजना घोषित की थी. इस योजना के तहत साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष की आयु वर्ग के जो युवा भारतीय सेना (थल सेना, वायु सेना, जल सेना) में शामिल होने की चाहत रखते हैं, उनको चार वर्षों के लिए सेवा करने का अवसर मिलता है. ऐसे सैनिकों को अग्निवीर नाम दिया गया है. तीनों सेनाओं में जितने अग्निवीर भर्ती होते हैं, उनमें से 25 प्रतिशत को 15 वर्षों के लिए रीटेन किया जाता है. रीटेन होने के लिए अग्निवीर सैनिकों को इंटरनल असेसमेंट टेस्ट देना होता है, जिसमें​ लिखित, फिजिकल और मेडिकल तीनों तरह के टेस्ट शामिल होते हैं.

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