मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने राज्य सरकार से मिज़ोरम सीमा पर सुरक्षा कड़ी करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि मिज़ोरम में "अवैध गांवों" को हटाने की योजना के बाद वहां से अवैध प्रवासियों के मणिपुर में घुसने का खतरा बढ़ सकता है.
इंफाल वेस्ट के लुवांगशांगबाम स्थित अपने आवास पर आयोजित "निंगोल चाकौबा" पर्व के दौरान उन्होंने यह बात कही. इस भोज में करीब 2,000 आंतरिक रूप से विस्थापित लोग (IDPs), खासतौर पर महिलाएं और बच्चे, शामिल हुए थे. यह पर्व मणिपुर में भाई-बहन के रिश्ते को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है.
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बीरेन सिंह ने कहा, "अगर मिज़ोरम सरकार के अनुसार 11 अवैध गांवों को हटाया जाता है, तो मणिपुर में अवैध प्रवासियों की संख्या बढ़ सकती है." उन्होंने बताया कि म्यांमार में 2021 में संघर्ष शुरू होने के बाद से म्यांमार नागरिकों का मणिपुर और मिज़ोरम में आना लगातार जारी है.
सुरक्षा और मानवीय दोनों को संभालना जरूरी- बीरेन सिंह
पूर्व सीएम ने कहा, "मिजोरम अब तक स्थिति संभाल रहा है, लेकिन नए निष्कासन के बाद वहां से लोग मणिपुर की ओर आ सकते हैं. इसलिए सीमा पर चौकसी जरूरी है." बीरेन सिंह ने सुझाव दिया कि सरकार को स्थिति को सुरक्षा और मानवीय दोनों दृष्टिकोण से संभालना चाहिए. उन्होंने कहा, "मानवीय आधार पर हम अस्थायी रूप से शरण दे सकते हैं, लेकिन हर व्यक्ति की पहचान जरूरी है."
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पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि उनके कार्यकाल के दौरान विस्थापितों के पुनर्वास की योजना बनाई गई थी, लेकिन कानून-व्यवस्था की समस्याओं के कारण इसे पूरी तरह लागू नहीं किया जा सका. उन्होंने कहा कि चुराचांदपुर और मोरेह के कई परिवार अब भी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं.
विस्थापित को निंगोल चाकौबा पर्व से दूर रखने पर नाराजगी
बीरेन सिंह ने इस बात पर दुख जताया कि विस्थापित परिवारों को इस साल के निंगोल चाकौबा पर्व से दूर रखा गया. इसलिए उन्होंने स्थानीय क्लबों के सहयोग से यह विशेष भोज आयोजित किया ताकि कोई भी परिवार वंचित न रहे. बीरेन सिंह ने अंत में कहा कि राज्य और केंद्र की सुरक्षा एजेंसियों को मिलकर सीमा पर निगरानी बढ़ानी चाहिए, ताकि अवैध घुसपैठ रोकी जा सके और साथ ही मानवीय दृष्टिकोण भी बना रहे.
बेबी शिरीन