4 मई की घटना, 49 दिन बाद FIR, 78वें दिन गिरफ्तारी... मणिपुर में महिलाओं से दरिंदगी के केस में सवाल ही सवाल

मणिपुर में 4 मई को कुकी समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़कों पर घुमाया गया. इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद देशभर में गुस्सा है. इस वीडियो को लेकर 18 मई को शिकायत दर्ज कराई गई थी. पुलिस ने 21 जून को मामला दर्ज किया था. लेकिन पहली गिरफ्तारी अब 20 जुलाई को वीडियो वायरल होने के बाद की.

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मणिपुर की घटना पर देश शर्मसार मणिपुर की घटना पर देश शर्मसार

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 20 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 2:39 PM IST

मणिपुर की सड़क पर रोती-गिड़गिड़ातीं दो नग्न महिलाएं, भेड़ियों की तरह उनके शरीर को नोंचते-घसीटते लोग... दरिंदगी की सभी सीमाएं लांघती भीड़. बुधवार को वायरल हुए इस वीडियो को जिसने भी देखा, वह शर्मसार हो गया. देशभर में इस घटना को लेकर गुस्सा और नाराजगी है.

घटना 4 मई की बताई जा रही है, लेकिन पुलिस ने इस मामले में FIR लिखने में 49 दिन लगा दिए. इतना ही नहीं पुलिस को इस मामले में पहली गिरफ्तारी करने में 78 दिन लगे. मणिपुर सरकार भी वीडियो वायरल होने के बाद एक्शन में आई. ऐसे में मणिपुर सरकार और प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं.

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घटना पर राजनीतिक बयानबाजी भी हो रही है. विपक्ष इस मुद्दे पर केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार को घेर रही है. वहीं, पीएम मोदी ने भी इस घटना को 140 करोड़ भारतीयों के लिए शर्मसार करने वाली बताई है. पीएम मोदी ने कहा कि यह पूरे देश के लिए बेइज्जती की बात है. उधर, सुप्रीम कोर्ट ने भी इस घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र और राज्य से एक्शन पर रिपोर्ट मांगी है. कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि अगर सरकार कार्रवाई नहीं करेगी तो हम करेंगे. 

क्या है मामला?

दरअसल, पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर में 3 मई को कुकी समुदाय की ओर से निकाले गए 'आदिवासी एकता मार्च' के दौरान हिंसा भड़की थी. इस दौरान कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसक झड़प हो गई थी. तब से ही वहां हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. हिंसा के करीब ढाई महीने बाद बुधवार को मणिपुर के कांगकोपी में कुकी समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र सड़क पर घुमाने का वीडियो वायरल होता है. इसमें देखा जा सकता है कि भीड़ न सिर्फ महिलाओं को सड़क पर घुमा रही है, बल्कि अभद्रता भी कर रही है. इसके बाद महिलाओं से रेप किया जाता है. इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद मणिपुर में फिर तनाव बढ़ जाता है. 

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कब का है मामला?

यह घटना 4 मई की बताई जा रही है. बताया जा रहा है कि यह वीडियो कांगकोपी का है. दोनों महिलाएं कुकी जनजाति की थीं, जबकि उनके साथ छेड़छाड़ करने वाली भीड़ मैतेई समुदाय से थी. 

मणिपुर की घटना की टाइमलाइन

3 मई: मणिपुर में कुकी-मैती समुदाय में हिंसा फैली.
4 मई: मणिपुर के थोबल में महिलाओं के साथ भीड़ ने दरिंदगी की. इसका वीडियो बनाया. 
18 मई: घटना की शिकायत की गई. 
21 जून: पुलिस ने मामला दर्ज किया.
19 जुलाई: वीडियो वायरल होने के बाद घटना देशभर के सामने आई.
20 जुलाई: मामले के मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी हुई.
20 जुलाई: पीएम मोदी ने घटना पर दुख जताया. सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया.
20 जुलाई: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम बीरेन सिंह से बात की. बीरेन सिंह ने कहा कि दोषियों को सख्त सजा दिलाएंगे.

कब हुई शिकायत?

इस घटना की शिकायत 18 मई को कराई गई थी. एफआईआर के मुताबिक, पीड़िताओं ने शिकायत में कहा गया कि 4 मई की दोपहर तीन बजे अज्ञात लोगों ने उनके गांव पर हमला बोल दिया. उस दिन 900 से 1000 लोगों ने थोबल में स्थित उनके गांव पर हमला किया था. ये हमलावर मैतेई समुदाय से जुड़े थे. इस भीड़ ने गांव पर हमला कर घरों में आग लगा दी और इसके बाद नकदी और गहने समेत कीमती सामान को लूट लिया. 

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- हमला होने पर तीन महिलाएं अपने पिता और भाई के साथ जंगल की ओर भागे. पुलिस की टीम ने इन्हें बचा लिया. पुलिस उन्हें थाने लेकर जा ही रही थी कि भीड़ ने रास्ता रोक लिया. और पुलिस से उन महिलाओं और उनके पिता-भाई को छीन लिया. ये सब थाने पहुंचने से दो किलोमीटर पहले हुआ. भीड़ ने पुलिस के सामने ही उन महिलाओं के पिता की हत्या कर दी. इसके बाद तीनों महिलाओं को कपड़े उतारने को मजबूर किया. इनमें से एक की उम्र 21 साल, दूसरी की 42 साल और तीसरी की 52 साल थी.

शिकायत में बताया गया कि भीड़ ने जबरदस्ती उन तीनों को कपड़े उतारने को मजबूर किया. उन महिलाओं को भीड़ के सामने चलने के लिए भी मजबूर किया गया. बाद में भीड़ ने 21 साल की लड़की के साथ दिनदहाड़े सामूहिक दुष्कर्म किया. जब उसके भाई ने बचाने की कोशिश की तो भीड़ ने उसे मार दिया. शिकायत के मुताबिक, आसपास के इलाके में अपने जान-पहचान वालों की मदद से दो महिलाएं वहां से भागने में कामयाब रहीं. 

कब दर्ज हुई FIR?

इस मामले में पुलिस ने शिकायत मिलने के करीब 1 महीने बाद FIR दर्ज की. पुलिस ने IPC की धारा के तहत धारा 153ए, 398, 427, 436, 448, 302, 354, 364, 326, 376, 34 और शस्त्र अधिनियम की धारा 25(1सी) के तहत मामला दर्ज किया था. हालांकि, इसके बाद न तो इस मामले में कोई गिरफ्तारी की गई, न की किसी कार्रवाई की बात सामने आई.  

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वीडियो वायरल होने के बाद एक्शन में आई सरकार

घटना का वीडियो 19 जुलाई से जमकर वायरल हो रहा है. इस वीडियो को जिसने भी देखा, उसने खुद को शर्मसार महसूस किया. इस घटना को लेकर मणिपुर सरकार भी निशाने पर आ गई. इसके बाद मणिपुर पुलिस का बयान सामने आया. पुलिस ने कहा कि अज्ञात हथियारबंद बदमाशों के खिलाफ थौबल जिले के नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन में अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया गया है. दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है.

20 जुलाई को हुई पहली गिरफ्तारी

मणिपुर में महिलाओं को नग्न कर उनके साथ दरिंदगी करते हुए वायरल हुए वीडियो के मामले में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. मुख्य आरोपी का नाम खुयरूम हेरादास है. पुलिस ने उसे आज सुबह थॉउबल जिले से गिरफ्तार किया है. हेरादास की उम्र 32 साल है. पुलिस ने उसकी पहचान वायरल हुए वीडियो से की है, जिसमें वह हरी टी-शर्ट पहने हुए दिखाई दे रहा है.

मणिपुर की घटना को लेकर सवाल ही सवाल

मणिपुर की इस घटना को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. दरअसल, ये मामला 4 मई का है. इसकी शिकायत 18 मई को दी गई थी. लेकिन पुलिस ने 49 दिन बाद  21 जून को FIR दर्ज की. इतना ही नहीं FIR दर्ज होने के ढाई महीने बाद जब देशभर में बवाल हुआ, तब पहली गिरफ्तारी हुई. 

लापरवाही के सवाल पर बोले बीरेन सिंह- ऐसे सैकड़ों केस 

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जब मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह से आजतक ने पूछा कि 2 महीने तक इस मामले में कार्रवाई क्यों नहीं हुई...इस पर बीरेन सिंह ने कहा कि वीडियो कल ही वायरल हुआ है. कल ही घटना का पता चला है. उनसे पूछा गया कि आपको FIR के बारे में नहीं पता था. इस पर उन्होंने कहा, ऐसे सैकड़ों केस में FIR हुई है. मणिपुर में ऐसे सैकड़ों केस हुए हैं. लेकिन मैं इस केस की निंदा करते हैं. हमने एक को गिरफ्तार किया है. बाकी को गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है. 

 

पीएम बोले- मेरा हृदय पीड़ा और क्रोध से भरा

पीएम मोदी ने कहा, मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा, मणिपुर पर मेरा हृदय पीड़ा और क्रोध से भरा है. उन्होंने कहा, मणिपुर की घटना जो सामने आई है, किसी भी सभ्य समाज के लिए यह शर्मसार करने वाली है. पाप करने वाले, गुनाह करने वाले कितने हैं कौन हैं, वे अपनी जगह पर हैं. लेकिन बेइज्जती पूरे देश की हो रही है. 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है.

 

पीएम मोदी ने कहा, मैं देशवासियों को भरोसा दिलाना चाहता हूं किसी भी गुनहगार को बख्शा नहीं जाएगा. कानून अपनी पूरी शक्ति से एक के बाद एक कदम उठाएगा. मणिपुर में जो बेटियों के साथ हुआ है, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता.

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सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान

मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई दरिंदगी पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. कोर्ट ने केंद्र और मणिपुर सरकार से इस मामले में उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी मांगी है. इस मामले में कोर्ट अगले शुक्रवार को सुनवाई करेगा. SC ने कहा, मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न कर घुमाने का जो वीडियो सामने आया है, वो वास्तव में परेशान करने वाला है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अब समय आ गया है कि सरकार वास्तव में कदम उठाए और कार्रवाई करे. संवैधानिक लोकतंत्र में यह बिल्कुल अस्वीकार्य है. 

भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इस मामले में सरकार से कार्रवाई करने को कहा है. CJI ने कहा, यह बिल्कुल अस्वीकार्य है, सांप्रदायिक झगड़े के क्षेत्र में महिलाओं को एक उपकरण के रूप में उपयोग करना. उन्होंने आगे कहा कि जो वीडियो सामने आए हैं उससे हम बेहद परेशान हैं. अगर सरकार कार्रवाई नहीं करेगी तो हम करेंगे. 

खड़गे बोले- मणिपुर में मानवता की मौत

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मणिपुर में मानवता मर गई है. मोदी सरकार और बीजेपी ने राज्य के नाजुक सामाजिक ताने-बाने को नष्ट करके लोकतंत्र और कानून के शासन को भीड़तंत्र में बदल दिया है. पीएम नरेंद्र मोदी, भारत आपकी चुप्पी को कभी माफ नहीं करेगा. अगर आपकी सरकार में जरा भी विवेक या शर्म बची है, तो आपको संसद में मणिपुर के बारे में बोलना चाहिए और केंद्र और राज्य दोनों में अपनी दोहरी अक्षमता के लिए दूसरों को दोष दिए बिना, देश को बताना चाहिए कि क्या हुआ. आपने अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी छोड़ दी है. संकट की इस घड़ी में हम मणिपुर के लोगों के साथ खड़े हैं.

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि पीएम की चुप्पी और निष्क्रियता ने मणिपुर को अराजकता की ओर धकेल दिया है. जब मणिपुर में भारत के विचार पर हमला किया जा रहा है, तो भारत चुप नहीं रहेगा. हम मणिपुर के लोगों के साथ खड़े हैं. शांति ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है.

इंटरनेट बैन के कारण घटी घटना: जयराम

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मणिपुर हिंसा पर पीएम नरेंद्र मोदी को घेरा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मणिपुर में बड़े पैमाने पर जातीय हिंसा भड़के 78 दिन हो गए हैं. उस भयावह घटना को 77 दिन हो गए हैं, जिसमें दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया गया और कथित तौर पर बलात्कार किया गया. अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने के 63 दिन बाद भी अपराधी अभी भी फरार हैं.

उन्होंने कहा, शेष भारत को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि मणिपुर में जारी इंटरनेट बैन के कारण इतनी भयानक घटना घटी, लेकिन यह बिल्कुल अक्षम्य है कि महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने मणिपुर के सीएम से बात करने या बयान जारी करने के लिए 76 दिनों तक इंतजार किया. क्या केंद्र सरकार, गृह मंत्री या प्रधानमंत्री को इसकी जानकारी नहीं थी? मोदी सरकार 'सब कुछ ठीक है' जैसी बातें करना कब बंद करेगी? कब बदला जाएगा मणिपुर का सीएम? ऐसी और कितनी घटनाओं को दबाया गया है? जैसे ही आज से मॉनसून सत्र शुरू होगा, भारत जवाब मांगेगा. चुप्पी तोडिये प्रधानमंत्री जी!

​ऐसी घिनौनी हरकत बर्दाशत नहीं की जा सकती- केजरीवाल

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा- मणिपुर की वारदात बेहद शर्मनाक और निंदनीय है. भारतीय समाज में इस तरह की घिनौनी हरकत बर्दाश्त नहीं की जा सकती. मणिपुर के हालात बेहद चिंताजनक बनते जा रहे हैं. मैं प्रधानमंत्री जी से अपील करता हूं कि वे मणिपुर के हालातों पर ध्यान दें. इस वारदात की वीडियो में दिख रहे दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें. भारत में ऐसे आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए.

 

स्मृति ईरानी को इस्तीफा दे देना चाहिए: प्रियंका चतुर्वेदी

शिवसेना (यूबीटी) ने मणिपुर मामले में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के इस्तीफे की मांग की. शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने एएनआई से कहा, "संसद में आज सबसे प्रमुख मुद्दा मणिपुर संकट होगा. दो महीने पहले हुए यौन उत्पीड़न के जघन्य अपराध ने पूरे देश को शर्मसार कर दिया है और बेहद परेशान करने वाला है.

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, प्रधानमंत्री को 2 महीने के बाद ख्याल आया कि वहां कूकी समुदाय के लोगों का नरसंहार हो रहा है. उन्होंने मजबूरी में प्रतिक्रिया दी है, क्योंकि वीडियो पूरी दुनिया में वायरल हो रहा है कि किस प्रकार से वहां महिलाओं को पुलिस की गिरफ्त से निकाल कर उनके साथ बर्बरता की गई. 

 

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