केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने कतर के दोहा में दूसरे विश्व शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र में पाकिस्तान के राष्ट्रपति की भारत पर की गई टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा भारत के खिलाफ की गई टिप्पणियां अनुचित और गलत सूचनाओं का प्रचार हैं जो अंतरराष्ट्रीय मंच का दुरुपयोग है. पाकिस्तान को अपने गिरेबान में झांकने की सलाह देते हुए कहा कि पाकिस्तान को आतंक पर आत्मचिंतन करना चाहिए.
मंडाविया ने कहा, 'हम पाकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा कल भारत के संबंध में दिए गए कुछ अनुचित संदर्भों और टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताते हैं. भारत के खिलाफ इस प्रकार का दुष्प्रचार फैलाकर दुनिया का ध्यान सामाजिक विकास से हटाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच का दुरुपयोग है. हम इस मामले को स्पष्ट करना चाहते हैं.'
सिंधु जल संधि को किया कमजोर
उन्होंने मंत्री ने सिंधु जल संधि का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने निरंतर शत्रुता और सीमा पार आतंकवाद के माध्यम से इस संधि की भावना को कमजोर किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान भारत की वैध परियोजनाओं में बाधा डालने के लिए संधि तंत्र का बार-बार दुरुपयोग करता है.
मंडाविया ने स्पष्ट करते हुए कहा कि जहां तक भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर का सवाल है, पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों में टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है. खासकर तब जब वह भारत के नागरिकों के खिलाफ सीमा पार से आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त रहता है.
'आत्मचिंतन करे पाक'
केंद्रीय मंत्री ने पाकिस्तान को आत्मचिंतन की सलाह देते हुए कहा, पाकिस्तान को आत्मचिंतन करना चाहिए और विकास से जुड़ी अपनी गंभीर चुनौतियों का समाधान करना चाहिए, जिसकी वजह से वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मदद पर निर्भर हो गया है. पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों का दुरुपयोग बंद करना चाहिए.
इसके अलावा मंडाविया ने भारत की विकास यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले एक दशक में 25 करोड़ से अधिक लोगों को बहुआयामी गरीबी से बाहर निकाला गया है, जो वैश्विक दक्षिण के लिए एक प्रेरणादायक मॉडल है.
उन्होंने कहा कि भारत ने lifecycle-based welfare system विकसित किया है जो बच्चों को पौष्टिक मध्याह्न भोजन, युवाओं को शिक्षा और कौशल, श्रमिकों को सम्मानजनक रोजगार और वरिष्ठ नागरिकों को गरिमा और आय सुरक्षा प्रदान करता है.
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