कश्मीर में होनी थी बड़े आतंकी हमले की प्लानिंग... PAK से ट्रेनिंग लेकर आए आतंकी ने क्या-क्या बताया?

यूपी एटीएस (UP ATS) ने दो पाकिस्तानी नागरिकों समेत हिजबुल मुजाहिदीन (Hizbul Mujahideen) के तीन आतंकियों को इंडो-नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया है. ये लोग ISI की मदद से भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की तैयारी में थे. पूछताछ में तीनों ने बताया कि उन्हें कश्मीर पहुंचना था, जहां उन्हें पता चलता कि आगे की प्लानिंग कैसे होनी है.

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भारत-नेपाल बॉर्डर पर पकड़े गए आतंकी. भारत-नेपाल बॉर्डर पर पकड़े गए आतंकी.

संतोष शर्मा

  • लखनऊ,
  • 06 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 11:11 AM IST

हिजबुल मुजाहिदीन (Hizbul Mujahideen) और आईएसआई (ISI) मिलकर भारत में एक बड़े आतंकी हमले (major terrorist attacks) की साजिश रच रहे हैं. नेपाल बॉर्डर पर यूपी एटीएस (UP ATS) ने हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी मोहम्मद अल्ताफ बट्ट, सैयद गजनफर और आईएसआई एजेंट नासिर अली को गिरफ्तार किया. जब तीनों से पूछताछ की गई तो पूरी साजिश का पर्दाफाश हो गया.

महाराजगंज में इंडो-नेपाल बॉर्डर के फरेंदा गांव से तीनों को गिरफ्तार किया गया है. तीनों ने अपने खतरनाक मंसूबों की बात कबूली है. हालांकि तीनों से पूछताछ में असली साजिश सामने नहीं आई, क्योंकि तीनों को इंडो नेपाल बॉर्डर से दिल्ली के रास्ते कश्मीर पहुंचना था, जहां उन्हें आगे का प्लान और मददगारों के बारे में बताया जाता. छह दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिए गए तीनों संदिग्धों से यूपी एटीएस के साथ-साथ एनआईए की टीमें भी पूछताछ कर रही हैं.

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आईएसआई एजेंट नासिर अली समेत तीनों संदिग्धों को 6 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू हो गई है. अब तक की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान के रावलपिंडी का रहने वाला मोहम्मद अल्ताफ बट और इस्लामाबाद का रहने वाला सैयद गजनफर मूल रूप से कश्मीर के रहने वाले हैं.

कारगिल युद्ध के बाद कश्मीर को पाकिस्तान में शामिल कराने के मंसूबे के साथ दोनों पाकिस्तान चले गए थे. वहां अल्ताफ बट्ट ने मुजफ्फराबाद में स्थित हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी कैंप में ट्रेनिंग ली. ट्रेनिंग कैंप में लंबा वक्त बिताने के चलते अल्ताफ बट्ट हिज्बुल के कई कमांडर्स के संपर्क में आ गया था.

कश्मीर में सीमा पार करना कठिन था, जिसकी वजह से हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े दोनों संदिग्ध अल्ताफ बट्ट और गजनफर पाकिस्तान से दुबई और दुबई से काठमांडू आए. काठमांडू में उनकी मुलाकात नासिर से हुई.

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नासिर अल्ताफ बट्ट का भांजा है. आईएसआई हैंडलर सलीम ने नासिर को काठमांडू जाकर अल्ताफ बट्ट और गजनफर को यूपी के रास्ते कश्मीर लाने के लिए भेजा था. यूपी एटीएस को नासिर के पास से 27 मार्च का श्रीनगर से दिल्ली और 28 मार्च का दिल्ली से काठमांडू एयर टिकट भी मिला है.

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अब तक की पूछताछ में नासिर ने बताया है कि उसे काठमांडू में मिले अल्ताफ और गजनफर को फर्जी भारतीय आधार कार्ड देने और यूपी के रास्ते कश्मीर पहुंचाने को कहा गया था. वहीं दूसरी तरफ अल्ताफ और गजनफर ने पूछताछ में बताया कि उन्हें किसी भी तरह कश्मीर पहुंचना था. आगे का क्या प्लान था, कौन मददगार था, इसकी जानकारी नहीं है. पहले भी उन्हें किस्तों में ही जानकारी मिलती थी.

सुरक्षा एजेंसी को तीनों की कहानी पर संदेह

वहीं पूछताछ कर रही सुरक्षा एजेंसी को तीनों की कहानी हजम नहीं हो रही. इसकी खास वजह भी है. हिजबुल मुजाहिदीन के ट्रेनिंग कैंप में असलहे चलाने से लेकर सर्विलांस से बचने के तौर तरीके सीखकर आए अल्ताफ और गजनफर ने काठमांडू एअरपोर्ट पर उतरते ही मोबाइल और मेमोरी कार्ड का डाटा डिलीट कर दिया था. एटीएस दोनों के मोबाइल से डिलीट किए गए डाटा को रिकवर करने में लगी है.

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यूपी ATS इस एंगल पर कर रही जांच-पड़ताल

यूपी एटीएस को शक है कि पकड़े गए तीनों आतंकियों को भले ही आगे के प्लान की जानकारी न हो, लेकिन इनके इरादे खतरनाक हैं. एक तरफ लोकसभा चुनाव, चुनाव के दौरान होने वाली बड़े नेताओं की जनसभा के साथ-साथ राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या में होने वाली पहली रामनवमी संवेदनशील मौके हैं.

ऐसे में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी कैंप से ट्रेनिंग लेकर आए दोनों संदिग्धों का इलेक्ट्रॉनिक फुटप्रिंट मिटाते हुए कश्मीर जाने के लिए यूपी तक आना खतरनाक मंसूबे की शुरुआत है. तीनों संदिग्धों से पूछताछ के दौरान यूपी और दिल्ली में इनके मददगारों की भी जानकारी मिली है, जिनकी भूमिका एटीएस के टीम जांच रही है.

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