लैंड फॉर जॉब घोटाले में जांच एजेंसी सीबीआई ने राउज एवेन्यू कोर्ट में दाखिल अपने जवाबी हलफनामे में बताया है कि तत्कालीन रेल मंत्री और करोड़ों रुपये के इस घोटाले के मुख्य आरोपी लालू यादव ने सरकारी बाबुओं पर दबाव बनाया कि वे रेलवे में उन लोगों को फौरन नियुक्ति दें, जिन्होंने लालू और उनके परिवार के सदस्यों को जमीन ट्रांसफर की है.
सीबीआई ने अदालत को बताया कि तत्कालीन रेल मंत्री के रूप में लालू प्रसाद ने ग्रुप-डी की नौकरी के लिए आवेदन करने वालों के आवेदनों को मंजूरी देने के लिए मंत्रालय के अधिकारियों पर जरूरत से ज्यादा दबाव डाला था. उन लोगों ने रेलवे में नौकरी के बदले में उन्हें (लालू) और उनके परिवार को जमीन गिफ्ट में दी या माटी के मोल औने-पौने दामों पर बेचे थे.
CBI ने 102 लोगों को बनाया आरोपी
सीबीआई ने रेलवे में नौकरी के लिए जमीन घोटाले में 102 लोगों को आरोपी बनाया है. इसमें आरोप लगाया गया है कि लालू के परिवार ने 4.39 करोड़ रुपये के सर्किल रेट के मुकाबले सिर्फ 26 लाख रुपये में एक लाख वर्ग फुट से ज्यादा जमीन खरीदी.
एजेंसी ने इस बात पर जोर दिया कि एक ही दिन में कई आवेदनों को मंजूरी दे दी गई, जबकि रिक्तियों के लिए कोई विज्ञापन ही नहीं था.
लोगों के डॉक्यूमेंट्स में भी मिली गड़बड़ी
विशेष लोक अभियोजक डीपी सिंह ने अदालत को बताया कि इसकी बिजली की गति देखिए, जबकि ये बहुत थकाऊ प्रक्रिया है. इतने सारे आवेदनों पर एक साथ कैसे निर्णय लिया जा सकता है? स्थानापन्न नियुक्त करने का भी कोई औचित्य नहीं दिया गया.
सीबीआई ने आरोप लगाया कि जिन लोगों को नौकरी दी गई, उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए डॉक्यूमेंट्स में भी गड़बड़ी मिली है.
संजय शर्मा