'बांग्लादेशियों का नहीं करेंगे इलाज...', ढाका में तिरंगे का अपमान देखकर कोलकाता के इस अस्पताल का फैसला

कोलकाता के माणिकतला क्षेत्र के जेएन रे अस्पताल ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हुए कथित अत्याचारों और तिरंगे के अपमान के खिलाफ विरोध दर्ज करते हुए बांग्लादेशी मरीजों का इलाज नहीं करने का फैसला किया है. अस्पताल ने इसे भारतीय ध्वज का अपमान करने वाले बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ प्रतिशोध का प्रतीक बताया है और अन्य अस्पतालों से भी ऐसा करने का आग्रह किया है.

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कोलकाता अस्पताल में बांग्लादेशियों का इलाज नहीं कोलकाता अस्पताल में बांग्लादेशियों का इलाज नहीं

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 30 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:27 AM IST

कोलकाता के उत्तरी हिस्से माणिकतला स्थित जेएन रे अस्पताल ने एक फैसला लेते हुए बांग्लादेशी मरीजों को इलाज देने से इंकार कर दिया है. यह कदम बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे कथित अत्याचारों के खिलाफ विरोध जताने के लिए उठाया गया है. शुक्रवार को अस्पताल के अधिकारी, सुभ्रांशु भक्त ने बताया कि यह निर्णय तब लिया गया जब भारतीय ध्वज का बांग्लादेशी नागरिकों द्वारा अपमान किया गया.

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अस्पताल ने अपनी अधिसूचना में कहा कि “आज से अगले आदेश तक हम किसी भी बांग्लादेशी मरीज को इलाज के लिए स्वीकार नहीं करेंगे. यह खास तौर पर उनके द्वारा भारत के प्रति दिखाए गए अपमान के कारण है.” सुभ्रांशु भक्त ने इस व्यवस्थापन का पालन करने के लिए शहर के अन्य अस्पतालों से भी उनका समर्थन करने का आग्रह किया.

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अन्य अस्पतालों से भी की अपील

भक्त का कहना है, "हम तिरंगे के अपमान को देखते हुए बांग्लादेशियों का इलाज रोकने का निर्णय लिया है. भारत ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, लेकिन इसके बावजूद आज हम भारत-विरोधी भावनाओं को देख रहे हैं. हम आशा करते हैं कि अन्य अस्पताल भी हमारा समर्थन करेंगे और इसी प्रकार के कदम उठाएंगे."

यह निर्णय एक गंभीर मुद्दे को प्रदर्शित करता है, जहां अस्पताल स्वास्थ्य सेवाओं को राजनीतिक और सांस्कृतिक मुद्दों के साथ जोड़ रहा है. इससे दोनों देशों के बीच की जटिलताएं और बढ़ सकती हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि अन्य अस्पताल इस फैसले का अनुसरण करते हैं या नहीं और भविष्य में इसका क्या प्रभाव पड़ता है.

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बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार

मसलन, बांग्लादेश में नई अंतरिम सरकार आने के बाद से हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा की कई घटनाएं सामने आई हैं. इस दौरान मंदिरों में तोड़फोड़ किया गया है और समुदाय के कई लोग मारे भी गए हैं. इस बीच हिंसा लगातार जारी है और भारत ने इसका कड़ा विरोध किया है.

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