कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के बाद कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष लगातार सवालों के घेरे में हैं. उनपर वित्तीय अनियमितता के भी आरोप हैं, जिसकी जांच सीबीआई कर रही है. इस मामले में सीबीआई ने संदीप घोष के करीबी सहयोगी और पर्सनल बॉडीगार्ड अफसर अली खान को भी गिरफ्तार किया है. सोशल मीडिया पर अली खान का एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें वह तत्कालीन आरजी कर प्रिंसिपल डॉ. मनास बनर्जी को धमकाते हुए देखे गए थे. इस वीडियो में वह कहते नजर आ रहे हैं कि उनका सीएम से अच्छा संबंध है.
जानकारी के अनुसार, अली खान को राज्य सरकार द्वारा अस्पताल में अतिरिक्त सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था, लेकिन बाद में वह डॉ. संदीप घोष के व्यक्तिगत सुरक्षा गार्ड के रूप में शामिल हो गए. लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर केंद्रीय जांच एजेंसी ने उन्हें क्यों गिरफ्तार किया? कथित भ्रष्टाचार में उनकी भूमिका क्या थी?
जानें क्यों हुई अफसर अली की गिरफ्तारी
सीबीआई सूत्रों का दावा है कि डॉ. संदीप घोष ने अपने करीबी सहयोगी अफसर अली खान को आरजी कर अस्पताल के कैंपस में एक कैफे के ठेके के आवंटन में तरजीह दी. यह ठेका आरजी कर अस्पताल और एम/एस एहसान कैफे के बीच साइन किया गया था. अफसर अली खान की पत्नी नर्गिस खातून इस फर्म की मालिक हैं. हालांकि, अफसर अली खान इस फर्म का प्रबंधन करते थे. सीबीआई का कहना है कि संदीप घोष के साथ करीबी संबंध के कारण यह ठेका अफसर अली खान को दिया गया. सूत्रों के अनुसार, डॉ. संदीप घोष ने सुरक्षा गार्ड की पत्नी नरगिस की फर्म को नॉन-रिफंडेबल कॉशन मनी भी लौटा दी थी.
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दो अन्य सहयोगियों को भी पहुंचाया लाभ
सीबीआई का दावा है कि आरजी कर अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि संदीप घोष ने अफसर अली खान के अलावा उनके करीबी सहयोगी बिप्लब सिंघा और सुमन हजरा को भी अस्पताल में नियम के खिलाफ जाकर ठेके दिलाए.
कई जगह छापेमारी
संदीप घोष को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है. संदीप के घर समेत करीब 15 जगहों पर सीबीआई ने छापेमारी की थी. जानकारी के अनुसार, इस दौरान सीबीआई के हाथ कई महत्वूर्ण दस्तावेज लगे थे. बता दें कि संदीप घोष पर आरजी कर के एक पूर्व अधिकारी ने भी तस्करी और गुंडागर्दी समेत कई संगीन आरोप लगाए थे.
राजेश साहा