केरल के पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ CPM नेता डॉ. थॉमस इसाक ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और स्वयं को जारी शो-कॉज नोटिस पर तीखा पलटवार किया है. उन्होंने इसे 'ED की चुनावी कैंपेन' करार दिया है. उन्होंने कहा कि हमने आरबीआई से पूरी प्रक्रिया को मंजूरी मिलने पर ही बॉन्ड जारी किए. जबकि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भी इसे राजनीतिक द्वेष बताया है.
थॉमस ने ईडी के नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'वे अपनी पुरानी हरकतों पर लौट आए हैं. वह मसाला बॉन्ड से जुड़े मामले को फिर से उजागर कर रहे हैं. इस बारे में पहला नोटिस 2020 के स्थानीय निकाय चुनावों के दौरान आया था. 2021 के विधानसभा चुनावों के दौरान, ये अपने चरम पर था. कुछ महीनों बाद पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान फिर से नोटिस आया था.'
बीजेपी-यूडीएफ पर हमला
उन्होंने ईडी के नोटिस को बीजेपी-यूडीएफ का चुनावी कैंपेन करार देते हुए कहा कि अब केरल में चुनाव का वक्त आ रहा है तो ईडी का नोटिस आया है. ये भाजपा और यूडीएफ के लिए ईडी के चुनाव अभियान का हिस्सा है. उनका पहला तर्क ये था कि KIIFB को मसाला बॉन्ड जारी करने का अधिकार नहीं है. मसाला बॉन्ड की अनुमति देने का अधिकार आरबीआई को है. हमने आरबीआई के समक्ष आवेदन किया और उनकी मंजूरी मिलने के बाद सभी कदम उठाए. ये सब स्पष्ट करने के बावजूद, मुझे पूछताछ के लिए उपस्थित होने का नोटिस मिला.
थॉमस ने कहा, 'मेरे पास KIIFB से संबंधित डॉक्यूमेंट नहीं हैं, लेकिन उस नोटिस में इसका उल्लेख नहीं था. फिर भी एजेंसी मेरे बैंक खाते की डिटेल, मेरे परिवार के सभी सदस्यों के बैंक खाते, जिन कंपनियों में मैं डायरेक्टर रहा हूं, उनके सालाना रिपोर्ट मांग रही है.' ये सब किसलिए? ये साफ-साफ राजनीतिक प्रतिशोध है.
'बदले की राजनीति'
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भी इसे केंद्र की राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया. LDF नेताओं का कहना है कि मसाला बॉन्ड पूरी तरह पारदर्शी और RBI-अनुमोदित थे. राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले में राहत मांगी थी, लेकिन ED की जांच जारी है.
दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, उनके निजी सचिव और पूर्व वित्त मंत्री डॉ. थॉमस इसाक को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के तहत शो-कॉज नोटिस जारी किया था. ये नोटिस 2019 में केरल इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट फंड बोर्ड (KIIFB) द्वारा जारी किए गए मसाला बॉन्ड से जुड़े कथित अनियमितताओं और 468 करोड़ रुपये के लेन-देन से संबंधित है.
ED के आरोप
ED का आरोप है कि बॉन्ड से आए पैसों का दुरुपयोग हुआ और FEMA नियमों का उल्लंघन किया गया है. जनवरी 2025 में ही थॉमस इसाक को इसी मामले में पूछताछ के लिए तलब किया गया था.
क्या है मसाला बॉन्ड?
मसाला बॉन्ड विदेशी बाजारों में भारतीय संस्थाओं द्वारा जारी किए जाने वाले रुपये में मूल्यवर्ग वाले बॉन्ड होते हैं. केरल पहला राज्य था जिसने 2019 में लंदन स्टॉक एक्सचेंज पर 2,150 करोड़ रुपये के मसाला बॉन्ड जारी किए थे. इसका उद्देश्य राज्य में बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए 50,000 करोड़ रुपये जुटाना था.
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