केरल सरकार ने बुधवार को पलक्कड़ जिले के वालयार में मॉब लिंचिंग का शिकार हुए रामनारायण के परिवार को 30 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने तिरुवनंतपुरम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कैबिनेट के इस फैसले की जानकारी दी.
छत्तीसगढ़ के रहने वाले रामनारायण की हत्या चोरी के संदेह में पीट-पीटकर कर दी गई थी. पीड़ित परिवार में पत्नी, मां और दो छोटे बच्चे हैं, जो पूरी तरह अनाथ हो गए थे.
सरकार ने जघन्य अपराध के दोषियों को कानून के तहत कड़ी सजा सुनिश्चित करने का कदम उठाया है.
कैसे बांटी जाएगी 30 लाख की राशि?
मुख्यमंत्री ने सहायता राशि के वितरण की जानकारी साझा करते हुए बताया कि कुल 30 लाख रुपये में से 5-5 लाख रुपये रामनारायण की पत्नी और मां को दिए जाएंगे. बाकी बचे 20 लाख रुपये उनके दो बच्चों के नाम पर 10-10 लाख रुपये के फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में रखे जाएंगे. इन जमा राशियों पर मिलने वाला ब्याज बच्चों की जरूरतों के लिए उनकी मां को दिया जाएगा. यह पूरी राशि मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष (CMDRF) से आवंटित की गई है, जिससे परिवार को फौरी तौर पर सहारा मिल सके.
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'नफरत की विचारधारा...'
विजयन ने इस हत्या को राज्य की अंतरात्मा को झकझोर देने वाली घटना बताया. उन्होंने आरोप लगाया कि रामनारायण की हत्या नफरत की विचारधारा से प्रेरित लोगों ने की है, जिनमें से कुछ का सांप्रदायिक बैकग्राउंड है. उन्होंने उत्तरी राज्यों की भीड़ हिंसा की संस्कृति को केरल में लाने के प्रयासों की कड़ी आलोचना की.
मुख्यमंत्री ने पीड़ित को 'बांग्लादेशी प्रवासी' बताने की कोशिशों को खतरनाक बताया और साफ किया कि सांप्रदायिक नफरत फैलाने वाली ताकतों का कड़ा मुकाबला किया जाएगा.
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केरल की संस्कृति और सद्भाव
मुख्यमंत्री ने केरल के मानवीय मूल्यों का उदाहरण देते हुए कहा कि राज्य की संस्कृति धर्म या राष्ट्रीयता से ऊपर उठकर भाईचारे पर आधारित है. उन्होंने हाल ही में एक नेपाली नागरिक के सफल हार्ट ट्रांसप्लांट का जिक्र करते हुए कहा कि विध्वंसक ताकतें इस अच्छाई को खत्म करना चाहती हैं.
सीएम विजयन ने चेतावनी दी है कि राज्य के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को कमजोर करने वाली किसी भी कोशिश को सफल नहीं होने दिया जाएगा. पुलिस ने इस मामले में सभी आरोपियों को पहले ही कानून के दायरे में ला दिया है.
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