'करूर भगदड़ प्रशासनिक लापरवाही और कुप्रबंधन का नतीजा', NDA की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट में खुलासा

करूर में एक्टर और TVK नेता विजय की रैली में हुई भगदड़ पर एनडीए सांसदों की फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी ने प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है. रिपोर्ट में कहा गया कि रैली स्थल पर 3000 की क्षमता के बावजूद 30,000 लोग पहुंचे थे. भीड़ प्रबंधन पूरी तरह फेल रहा. बिजली कटने और पानी की बोतलें फेंकने से अफरा-तफरी मच गई.

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रैली स्थल पर 3000 की क्षमता के बावजूद 30,000 लोग पहुंच गए थे (File Photo: PTI) रैली स्थल पर 3000 की क्षमता के बावजूद 30,000 लोग पहुंच गए थे (File Photo: PTI)

पीयूष मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 05 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 9:51 PM IST

तमिलनाडु के करूर में TVK नेता और एक्टर विजय की रैली में हुई भगदड़ पर NDA सांसदों की फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बड़ा खुलासा किया है. आजतक को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक फैक्ट फाइंडिंग टीम ने इस हादसे को पूरी तरह से प्रशासनिक लापरवाही और कुप्रबंधन का नतीजा बताया है. बता दें कि इस हादसे में 41 लोगों की मौत हो गई थी.

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रिपोर्ट में कहा गया है कि करूर में एक्टर विजय की रैली में सिर्फ 2000 से 3000 हजार लोगों के लिए स्थान निर्धारित था, लेकिन वहां 30,000 से ज्यादा लोग एकत्र हो गए थे. सुबह 9 बजे से ही भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी, हालांकि एक्टर विजय का आगमन दोपहर 12 बजे होना था, लेकिन वे शाम 7 बजे तक पहुंचे थे. जैसे ही विजय भीड़ को संबोधित करने के लिए अपनी बस में चढ़े, भगदड़ मच गई. 

रिपोर्ट के मुताबिक महिलाएं और बच्चे भी उन लोगों में शामिल थे, जो भगदड़ में कुचल गए. कुछ लोग गर्मी के चलते बेहोश हो गए थे. इस दौरान विजय ने अपनी बस की छत से पानी की बोतलें फेंकीं, उन्हें उठाने के लिए झुके लोग कुचल गए.अस्पताल का दौरा करने वाले सांसदों ने पाया कि 51 लोग घायल हैं और उनका इलाज चल रहा है. इस भगदड़ में एक पिता ने अपनी 12 और 8 साल की दो बेटियों को खो दिया.

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रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ लोग खुले नाले में गिर गए और बाद में मृत पाए गए. इतना ही नहीं, घटनास्थल पर भगदड़ के तुरंत बाद पॉवर कट हो गई, जनरेटर भी खराब हो गया, जिससे अफरा-तफरी मच गई.

फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी में शामिल सांसदों ने आरोप लगाया कि जिले के कलेक्टर (DM) ने उनके दौरे के दौरान उनसे मिलने से इनकार कर दिया. रिपोर्ट के मुताबिक, विजय हादसे के तुरंत बाद घटनास्थल से चले गए थे.

रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि ज़िला मजिस्ट्रेट ने स्थल की सीमित क्षमता के बावजूद कार्यक्रम की मंजूरी दी. जो कि गंभीर चूक है. सांसदों की टीम ने संबंधित अधिकारियों को प्रश्नावली भेजकर जवाब मांगा है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. 

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