क्या सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच हुआ था पावर शेयरिंग एग्रीमेंट? कर्नाटक के गृह मंत्री ने दिया ये जवाब

पावर शेयरिंग पर ये पूरी चर्चा डीके शिवकुमार के एक बयान से शुरू हुई. उन्होंने हाल ही में कथित रूप से एक समाचार चैनल से कहा था कि सत्ता में आने से पहले उनके और सिद्धारमैया के बीच एक समझौता हुआ था.

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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार

नागार्जुन

  • बेंगलुरु,
  • 05 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 2:13 PM IST

कर्नाटक के गृहमंत्री जी. परमेश्वर ने गुरुवार को पावर शेयरिंग एग्रीमेंट को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने सीएम देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के बीच पावर शेयरिंग समझौता होने की बात को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि आखिरी फैसला हाईकमान करेगा और हर कोई उसका पालन करेगा.

उन्होंने कहा, 'हमें किसी समझौते के बारे में नहीं पता. मैंने दिल्ली और यहां दो-तीन लोगों से इस बारे में पूछा. किसी ने भी नहीं कहा कि कोई समझौता हुआ था. मुझे नहीं पता कि किस संदर्भ में शिवकुमार ने ऐसी बात कही थी.'

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मीडिया से बात करते हुए परमेश्वर ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने साफ किया है कि ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ था.

उन्होंने कहा, 'अगर ऐसा कोई समझौता था भी तो हमें उसमें क्यों पड़ना चाहिए? उन दोनों को काम करने दें. ऐसी चीजें मुमकीन नहीं हैं. आखिरकार, आलाकमान फैसला करेगा. हम आलाकमान से दूर नहीं हैं. हम आलाकमान के फैसले का पालन करते हैं. हमें ऐसे किसी समझौते के बारे में जानकारी नहीं है.'

पावर शेयरिंग पर ये पूरी चर्चा डीके शिवकुमार के एक बयान से शुरू हुई. उन्होंने हाल ही में कथित रूप से एक समाचार चैनल से कहा था कि सत्ता में आने से पहले उनके और सिद्धारमैया के बीच एक समझौता हुआ था. 

हालांकि, सिद्धारमैया भी साफ कर चुके हैं कि ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ था. सिद्धारमैया की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवकुमार ने कहा था कि मुख्यमंत्री की बात फाइनल है और उसमें कोई आपत्ति नहीं है.

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कर्नाटक में पिछले साल मई में विधानसभा चुनाव हुए थे. कांग्रेस की जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच कड़ा मुकाबला हुआ था. आखिरकार इस रेस में सिद्धारमैया जीत गए थे और शिवकुमार को डिप्टी सीएम बनाया गया था.

बता दें कि कुछ समय से ऐसी चर्चा थी कि सत्ता में आने से पहले एक पावर शेयरिंग समझौता हुआ था. इसके अनुसार सिद्धारमैया और शिवकुमार ढाई-ढाई साल तक मुख्यमंत्री बनेंगे. हालांकि, आधिकारिक तौर पर इसकी कभी पुष्टि नहीं हुई.

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