'कांग्रेस राज में दोगुना हुआ कमीशन, 33000 करोड़ के बिल पेंडिंग...', ठेकेदारों ने CM सिद्धारमैया को लिखी चिट्ठी

कर्नाटक कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि लंबे समय से शिकायतें और चिट्ठियां भेजने के बावजूद उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है. विपक्ष ने इसे लेकर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को घेरा और कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री पद की गरिमा खो दी है. विवाद बढ़ने के बीच ठेकेदारों की आर्थिक मुश्किलें गहराती जा रही हैं.

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कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ने सीएम सिद्धारमैया को चिट्ठी लिखी है. (Photo- ITG) कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ने सीएम सिद्धारमैया को चिट्ठी लिखी है. (Photo- ITG)

सगाय राज

  • नई दिल्ली,
  • 29 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 3:57 PM IST

कर्नाटक में ठेकेदारों के भुगतान को लेकर लंबे समय से चल रही शिकायतों पर सिद्धारमैया सरकार की चुप्पी को विपक्ष ने बड़ा मुद्दा बना लिया है. राज्य के कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ने सीएम को लिखी चिट्ठी में कहा है कि 33000 करोड़ का बिल पेंडिंग हैं और इससे प्रोजेक्ट्स प्रभावित हो रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस काल में कमीशन दोगुना हो गया है.

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एक नेता ने आरोप लगाते हुए कहा, "सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री पद की गरिमा खो दी है. मैं उनसे आग्रह करता हूं कि वे जल्द से जल्द इस्तीफा दें. कोई मंत्री खुलकर बोल नहीं रहे हैं और न ही कोई स्पष्टता दे रहे हैं. इसका मतलब है कि एक तरह से ठेकेदार सच ही कह रहे हैं."

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दरअसल, कर्नाटक कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ने सरकार और मंत्रियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. एसोसिएशन का कहना है कि ठेकेदारों को लगातार भुगतान में देरी हो रही है और उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही है. उन्होंने दावा किया कि कई बार पत्र लिखकर और मौखिक रूप से मंत्रियों और अधिकारियों को अवगत कराया गया, लेकिन उनकी समस्याओं का कोई समाधान नहीं हुआ.

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भुगतान में देरी से प्रोजेक्ट हो रहे प्रभावित

ठेकेदारों का कहना है कि भुगतान में देरी के कारण कई प्रोजेक्ट प्रभावित हो रहे हैं और छोटे स्तर के ठेकेदार तो कर्ज के बोझ से जूझ रहे हैं. एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने जल्द समाधान नहीं निकाला तो आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा.

विपक्ष ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है. उनका कहना है कि जब ठेकेदार बार-बार अपनी समस्या सरकार के सामने रख रहे हैं, तब भी यदि कोई कार्रवाई नहीं हो रही, तो यह सरकार की जिम्मेदारी है. नेताओं ने इसे "प्रशासनिक विफलता" बताया है.

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सिद्धारमैया ने फिलहाल नहीं जारी किया कोई बयान

इस पूरे विवाद ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर दबाव बढ़ा दिया है. विपक्ष लगातार उन पर इस्तीफे का दबाव बना रहा है और ठेकेदार भी अब सरकार से तत्काल जवाब चाहते हैं.

फिलहाल सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है लेकिन जिस तरह से ठेकेदारों की नाराजगी और विपक्ष की आलोचना तेज हो रही है, उससे यह मुद्दा आने वाले दिनों में और बड़ा राजनीतिक विवाद बन सकता है.

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