कर्नाटक के शिमोगा में तिरंगा जलाने वालों पर UAPA के तहत केस दर्ज, ISIS से जुड़े हैं तार

NIA की FIR के मुताबिक आरोपी युवक शिवमोगा में रहकर पूरे कर्नाटक के अलग-अलग हिस्सों में आतंकी साजिश की प्लानिंग कर रहे थे. ये तीनों ISIS के सम्पर्क में थे. NIA का दावा है कि इनके खिलाफ पुख्ता सबूत मिले हैं.

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NIA ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था NIA ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था

जितेंद्र बहादुर सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 23 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 3:57 PM IST

कर्नाटक के शिमोगा जिले में 19 सितंबर को राष्ट्रीय ध्वज जलाने के मामले में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने एफआईआर दर्ज कर ली है. आरोपियों पर UAPA के तहत कार्रवाई की गई है. दरअसल, इस मामले में आतंकी संगठन आईएसआईएस (ISIS) की भी संलिप्तता सामने आई थी. जांच एजेंसी ने मामले में तीन युवकों की पहचान की थी. जिनमें से दो युवकों को गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि एक अभी भी फरार है. जो इस पूरी साजिश का मुख्य आरोपी बताया जा रहा है.

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NIA की FIR के मुताबिक आरोपी युवक शिवमोगा में रहकर पूरे कर्नाटक के अलग-अलग हिस्सों में आतंकी साजिश की प्लानिंग कर रहे थे. ये तीनों ISIS के सम्पर्क में थे. NIA का दावा है कि इनके खिलाफ पुख्ता सबूत मिले हैं. जांच एजेंसी की तरफ से यह मामला 15 नवंबर को दर्ज किया गया था. 

जिसके मुताबिक राष्ट्रीय ध्वज जलाने के आरोपी आईएसआईएस की विचारधारा से प्रेरित थे. उन्होंने खास निर्देश पाकर राष्ट्र विरोधी गतिविधियां संचालित कीं और राष्ट्रध्वज को कर्नाटक के शिमोगा जिले में जलाया. 

FIR में इस बात का भी जिक्र है कि तिरंगा झंडा जलाने वाले मुनीर और यासीन ISIS से जुड़े हैं, जबकि मुख्य आरोपी की तलाश में NIA टीम जुटी है. इनके खिलाफ UAPA की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है. वहीं सूत्रों की मानें तो 19 नवंबर को मंगलुरु में हुए धमाके से भी इस मामले के तार जुड़े हो सकते हैं. इस एंगल पर भी एजेंसी जांच कर रही है.

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क्या है UAPA कानून?

बता दें कि UAPA कानून का फुल फॉर्म Unlawful Activities (Prevention) Act यानी गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम है. 1967 में इस कानून को लाया गया था. इसे मुख्य तौर पर आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए लाया गया है. इसके तहत आतंकियों व संदिग्ध लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है, जो आतंकी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाते हैं. इस कानून के तहत एनआईए संदिग्ध या आरोपी की संपत्ति को जब्त या कुर्क कर सकती है. 

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