भारत के उपराष्ट्रपति पद के इतिहास में जुलाई का महीना एक अनोखा और रहस्यमयी संयोग बना हुआ है. इस महीने में उपराष्ट्रपतियों के इस्तीफे और यहां तक कि एक मृत्यु जैसी घटनाएं बार-बार सामने आई हैं, जिससे ये महीना इस पद के अशुभ प्रतीत होता है. हाल ही में मानसून सत्र के पहले दिन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उनके कार्यकाल पूरा होने में अभी दो साल बाकी थे और उनके इस इस्तीफे ने जुलाई के इस रहस्यमयी पैटर्न को और गहरा कर दिया है.
भारत के उपराष्ट्रपति पद के इतिहास में जुलाई का महीना कई महत्वपूर्ण और असामान्य घटनाओं का साक्षी रहा है. इस महीने में कई उपराष्ट्रपतियों ने अपने पद से इस्तीफा दिया, खासकर राष्ट्रपति चुनावों से जुड़े कारणों से. आइए, इस्तीफों की इस घटना को विस्तार से समझते हैं.
वी.वी. गिरी (1969)
वीवी गिरी भारत के पहले ऐसे उपराष्ट्रपति थे, जिन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया. उन्होंने 3 मई 1969 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन के निधन के बाद कार्यवाहक राष्ट्रपति का पद संभाला. हालांकि, उन्होंने 20 जुलाई 1969 को उपराष्ट्रपति और कार्यवाहक राष्ट्रपति दोनों पदों से इस्तीफा दे दिया, ताकि वे राष्ट्रपति चुनाव लड़ सकें. बाद में चुनाव जीत कर भारत के चौथे राष्ट्रपति बने.
आर. वेंकटरमण (1987)
1987 के राष्ट्रपति चुनाव में तत्कालीन उपराष्ट्रपति आर. वेंकटरमण ने जीत हासिल की. राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने जुलाई 1987 में उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया. उनकी इस जीत ने मध्यावधि उपराष्ट्रपति चुनाव को अनिवार्य कर दिया.
शंकर दयाल शर्मा (1992)
आर. वेंकटरमण के राष्ट्रपति बनने के बाद शंकर दयाल शर्मा 3 सितंबर, 1987 को निर्विरोध उपराष्ट्रपति चुने गए. लेकिन 1992 में उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इसके बाद उन्होंने जुलाई 1992 में उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया.
के.आर. नारायणन (1997)
1992 में उपराष्ट्रपति चुने गए के.आर. नारायणन ने 16 जुलाई, 1997 को राष्ट्रपति चुनाव जीता. उन्होंने जुलाई 1997 में उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया और इस तरह वे लगातार तीसरे उपराष्ट्रपति बने, जिन्होंने राष्ट्रपति बनने के लिए जुलाई में इस्तीफा दिया.
भैरों सिंह शेखावत (2007)
उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत ने 2007 के राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लिया, लेकिन यूपीए-वामपंथी गठबंधन की उम्मीदवार प्रतिभा पाटिल से हार गए. नतीजे घोषित होने के तुरंत बाद 21 जुलाई, 2007 को उन्होंने राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को अपना इस्तीफा सौंप दिया. 21 दिनों तक खाली रहने के बाद मोहम्मद हामिद अंसारी को उपराष्ट्रपति बनाया.
कृष्ण कांत (2002)
जुलाई का महीना केवल इस्तीफों तक सीमित नहीं रहा. 1997 से 2002 तक उपराष्ट्रपति रहे कृष्ण कांत भारतीय इतिहास में एकमात्र उपराष्ट्रपति हैं, जिनका कार्यकाल के दौरान निधन हुआ. उनका निधन 27 जुलाई 2002 को हुआ, जिसने जुलाई के इस रहस्यमयी संयोग को और गहरा कर दिया है.
वहीं, जुलाई के महीने में उपराष्ट्रपतियों के इस्तीफे और एक मृत्यु का ये सिलसिला महज संयोग हो सकता है, लेकिन ये निश्चित रूप से भारतीय राजनीति के इतिहास में एक दिलचस्प पैटर्न बना हुआ है. क्या ये केवल समय का खेल है या फिर इसके पीछे कोई गहरी कहानी छिपी है? ये सवाल सोचने पर मजबूर करता है.
डॉली चिंगखम