जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में संभावित भारी बर्फबारी से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार है. उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाली बारिश और बर्फबारी से न केवल वायु प्रदूषण कम होगा, बल्कि विंटर टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा. मौसम विभाग ने 21 दिसंबर को जम्मू-कश्मीर के ऊपरी इलाकों में मध्यम से भारी बर्फबारी की संभावना जताई है.
मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने जम्मू और कश्मीर दोनों डिवीजनों में शीतकालीन तैयारियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि घाटी के सभी जिलों और जम्मू के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली हैं. हालांकि, इन व्यवस्थाओं की वास्तविक परीक्षा रविवार से शुरू होने वाली बर्फबारी के दौरान ही होगी.
सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि लंबे समय से पड़े सूखे के कारण क्षेत्र बर्फबारी का इंतजार कर रहा था. उन्होंने स्वीकार किया कि बर्फ के चलते कुछ परेशानियां आ सकती हैं, लेकिन इसके फायदे ज्यादा हैं. उनके अनुसार बर्फबारी से हवा साफ होगी, प्रदूषण में कमी आएगी और टूरिज्म सीजन की शुरुआत होगी. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि प्रशासन की प्राथमिकता तीन बुनियादी सेवाओं पर रहेगी- सड़कें, बिजली और पेयजल.
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उन्होंने कहा कि इन सेवाओं के सुचारू रहने से ही लोगों की आवाजाही, अस्पतालों तक पहुंच और दैनिक जीवन सामान्य रह सकता है. उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए कि बर्फबारी से पहले मशीनरी और मानव संसाधनों की तैनाती सुनिश्चित की जाए. बिजली व्यवस्था की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने ट्रांसफॉर्मर ऑयल की उपलब्धता पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए और चोरी पर सख्ती से रोक लगाने को कहा. स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर उन्होंने सीमित संख्या में 4x4 एंबुलेंस की उपलब्धता का जिक्र करते हुए संसाधनों के बेहतर उपयोग पर जोर दिया.
शहरी क्षेत्रों, खासकर श्रीनगर में जलभराव की समस्या को देखते हुए, उन्होंने संवेदनशील इलाकों में पहले से डी-वॉटरिंग पंप लगाने के निर्देश दिए. साथ ही, खराब मौसम के दौरान श्रीनगर एयरपोर्ट पर यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं और स्वच्छता सुनिश्चित करने पर भी बल दिया. मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया कि 24×7 कंट्रोल रूम सक्रिय हैं और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है.
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