'असम में 80 लाख घुसपैठिये NRC में कैसे बच गए?' जनहित पार्टी का जंतर-मंतर पर प्रदर्शन, राष्ट्रपति-PM से की ये मांग

बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ जनहित पार्टी ने नई दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया है और असम सरकार पर 80 लाख बांग्लादेशी घुसपैठियों को NRC में शामिल करने का आरोप लगाया. पार्टी ने सोमवार को जंतर-मंतर पर धरना दिया. बाद में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भेजा.

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जनहित पार्टी ने नई दिल्ली में प्रदर्शन किया. जनहित पार्टी ने नई दिल्ली में प्रदर्शन किया.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 28 मई 2025,
  • अपडेटेड 3:26 PM IST

बांग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) में कथित अनियमितताओं के विरोध में जनहित पार्टी ने आंदोलन छेड़ दिया है. पार्टी का दावा है कि असम में 80 लाख बांग्लादेशी घुसपैठियों को NRC में शामिल किया गया, जिससे वे भारतीय नागरिकता साबित करने में सफल हो गए हैं. जो राष्ट्रीय सुरक्षा और असम की जनसंख्या संरचना के लिए गंभीर खतरा है.

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जनहित पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. इसके साथ ही प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी भेजा है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय जैन, राष्ट्रीय महामंत्री मनीष काले और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. सुभाष बारोड़ के नेतृत्व में देशभर से कार्यकर्ता इस प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचे.

क्या हैं जनहित पार्टी के आरोप?

जनहित पार्टी का कहना है कि असम में NRC की प्रक्रिया में व्यापक भ्रष्टाचार हुआ है. पार्टी के अनुसार, असम सरकार की लापरवाही और केंद्र की चुप्पी के चलते 80 लाख घुसपैठिये खुद को भारतीय नागरिक साबित करने में सफल हो गए हैं.

कैग (CAG) की रिपोर्ट में भी NRC प्रक्रिया में 260 करोड़ रुपये के घोटाले का उल्लेख किया गया है, लेकिन अभी तक कोई ठोस जांच नहीं की गई है.

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पार्टी का दावा है कि देशभर में 3 करोड़ से अधिक बांग्लादेशी घुसपैठिये मौजूद हैं, लेकिन सरकार सिर्फ दिखावटी कार्रवाई कर रही है.

पहलगाम हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर देशभर में सवाल उठ रहे हैं. असम में बसने वाले 80 लाख घुसपैठियों को नागरिकता देने के सवाल पर सरकार मौन ही है.

जनहित पार्टी का कहना है कि 80 लाख बांग्लादेशी घुसपैठियों को नागरिकता ना दिए जाने को लेकर लंबे समय से अभियान चलाया जा रहा है. पार्टी द्वारा मध्य प्रदेश के सभी 54 जिलों में 100 दिन की यात्रा कर जन जागरूकता अभियान चलाया गया था.

जनहित पार्टी की मांगें...

- असम की NRC सूची को खारिज किया जाए, जिसमें घुसपैठियों को नागरिकता दी गई है.
- 260 करोड़ के NRC घोटाले की स्वतंत्र जांच कर दोषियों पर कार्रवाई हो.
- राजीव गांधी द्वारा किए गए असम समझौते को निरस्त किया जाए. संसद में विधेयक लाया जाए और 1971 की जगह 1951 को आधार वर्ष बनाया जाए.
- पूरी NRC प्रक्रिया को दोबारा और पारदर्शी तरीके से लागू किया जाए.

आंदोलन से पहले जनजागरण

धरने से एक दिन पहले यानी 25 मई को जनहित पार्टी के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के विभिन्न चौराहों पर बैनर और तख्तियों के साथ जनजागरण अभियान भी चलाया. इस दौरान आम जनता को NRC के मुद्दे की जानकारी दी गई और पत्रक भी वितरित किए गए.

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