गाजा और रफाह के बाद इजरायली सेना का ऑपरेशन खान युनिस, आधे से अधिक फिलिस्तीनी आबादी को सुनाया फरमान

7 अक्टूबर को हमास से जंग शुरू होने के सात महीने बाद इजरायली सेना ने 6 मई को रफाह में ऑपरेशन शुरू किया था. 27 मई को इजरायल ने रफाह के एक राहत कैंप पर बमबारी की थी. इस हमले में हमास ने 45 नागरिकों के मारे जाने का दावा किया था. इस हमले की जब दुनियाभर में आलोचना हुई तो बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे त्रासद दुर्घटना माना था. 

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इजरायल और हमास की जंग इजरायल और हमास की जंग

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 02 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 2:06 PM IST

इजरायल और हमास से जारी जंग अब और खतरनाक होती जा रही है. इजरायली सेना ने अब ऑपरेशन और तेज कर दिया है. रफाह शहर के बाद अब इजरायली सेना ने गाजा के खान युनिस में बमबारी शुरू कर दी है. हमलों के बाद इजरायल ने लोगों से खान युनिस छोड़ने को भी कहा है.

बताया जा रहा है कि खान युनिस में रह रहे लोगों को ऑडियो मैसेज मिले हैं, जिनमें उन्हें वहां से जाने को कहा जा रहा है. ये इस बात का संकेत है कि इजरायली सेना अब गाजा के दूसरे बड़े शहर खान युनिस में हमला शुरू करने जा रही है.

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वैसे तो इजरायली सेना जंग की शुरुआत से ही खान युनिस को भी टारगेट कर रही थी. लेकिन हाल ही में उसने यहां हमले तेज कर दिए हैं. सोमवार को इजरायली सेना ने खान युनिस पर लगभग 20 रॉकेट लॉन्चर दागे. इस साल की शुरुआत में एक लंबे हमले में खान युनिस का ज्यादातर हिस्सा तबाह हो गया है.

सोमवार को इजरायली सेना की ओर से जारी इवैक्यूएशन ऑर्डर में खान युनिस के पूर्वी हिस्से और गाजा पट्टी के दक्षिणी-पूर्व को खाली करने को कहा गया है. इजरायल ने लोगों को मुवासी जाने को कहा है, जिसे इजरायली सेना ने सेफ जोन घोषित कर रखा है.

इजरायल ने इस साल की शुरुआत में कई हफ्तों तक खान युनिस में जंग लड़ी थी और हमास की कई बटालियनों को खत्म करने का दावा किया था. हालांकि, अब उसने खान युनिस के कई इलाकों में फिर से हमास के पनपने का दावा किया है.

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सोमवार को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था कि इजरायली सेना हमास को खत्म करने की दिशा में आगे बढ़ रही है. नेतन्याहू पहले भी कई बार साफ कर चुके हैं कि हमास का खात्मा होने तक जंग जारी रहेगी.

6 मई से रफाह में जारी है ऑपरेशन

इससे पहले अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने इजरायल से रफाह शहर में हमले रोकने को कहा था, लेकिन इसके बावजूद मंगलवार को पहली बार इजरायली सेना के टैंक रफाह में घुस गए थे.

7 अक्टूबर को हमास से जंग शुरू होने के सात महीने बाद इजरायली सेना ने 6 मई को रफाह में ऑपरेशन शुरू किया था. 27 मई को इजरायल ने रफाह के एक राहत कैंप पर बमबारी की थी. इस हमले में हमास ने 45 नागरिकों के मारे जाने का दावा किया था. इस हमले की जब दुनियाभर में आलोचना हुई तो बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे त्रासद दुर्घटना माना था. 

हालांकि, इस हमले के तुरंत बाद आईडीएफ ने दावा किया था कि उन्होंने हमास के ठिकाने को निशाना बनाया था. इस हमले में आईडीएफ ने हमास के दो टॉप कमांडर- यासिन राबिया और खालेद नज्जर को मार गिराने का दावा किया था.

7 अक्टूबर से जारी है जंग

पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर पांच हजार रॉकेट दागे थे. इसके साथ ही हमास के लड़ाके दक्षिणी इजरायल में घुस आए थे और लगभग 250 लोगों को बंधक बना लिया था. हमास के इस हमले में करीब 1200 लोग मारे गए थे. इसके बाद इजरायल ने हमास के खिलाफ जंग शुरू कर दी थी. 

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कुछ महीनों पहले इजरायल और हमास के बीच हुई सीजफायर डील में कई बंधकों को छोड़ दिया गया था. लेकिन अब भी दर्जनों बंधक हमास के कब्जे में है. इजरायली पीएम नेतन्याहू का साफ कहना है कि जब तक हमास का खात्मा नहीं होता, तब तक जंग जारी रहेगी. 

इजरायल और हमास में जारी जंग में लगभग आठ महीनों में 37 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि, लाखों लोग शरणार्थियों की तरह जीवन जीने को मजबूर हैं और राहत कैंपों में रह रहे हैं.

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