International Day Of Yoga: कश्मीर से US तक, PM मोदी 2015 से अब तक यहां कर चुके हैं योग, ये रहीं थीम

International Day Of Yoga: साल 2025 में योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ (Yoga for One Earth, One Health) थीम तय की गई है. खबर है कि पीएम मोदी विशाखापत्तनम में ढाई लाख लोगों के साथ योग करेंगे. इस आयोजन में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भी शामिल होंगे. जान‍िए- इससे पहले कहां कहां हो चुका है ये आयोजन, क्या रही थीम.

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Prime Minister Narendra Modi leads a Yoga session at Sher-i-Kashmir International Conference Centre (SKICC) in Srinagar on 10th International Day of Yoga (File Photo) Prime Minister Narendra Modi leads a Yoga session at Sher-i-Kashmir International Conference Centre (SKICC) in Srinagar on 10th International Day of Yoga (File Photo)

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 28 मई 2025,
  • अपडेटेड 7:18 PM IST

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) की तैयारियां जोरों पर हैं. खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशाखापत्तनम में ढाई लाख लोगों के साथ योग करेंगे. पीएम मोदी ने 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग दिवस का प्रस्ताव रखा था, जिसके बाद 2015 से हर साल 21 जून को यह दिन मनाया जाता है. तब से प्रधानमंत्री हर साल अलग-अलग जगहों पर योग करके लोगों का उत्साह बढ़ाते हैं. आइए जानते हैं कि अब तक वो कहां-कहां योग मना चुके हैं और उसकी थीम क्या रही है. 2015 से अब तक योग ने क्या असर द‍िखाया. 

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योग दिवस की थीम और अब तक पीएम मोदी ने कहां कहां किया योग

2015: योग फॉर हार्मनी एंड पीस (Yoga for Harmony and Peace)- पहला योग दिवस दिल्ली के राजपथ (अब कर्तव्य पथ) पर मनाया गया. पीएम मोदी ने 35,985 लोगों और 84 देशों के प्रतिनिधियों के साथ 21 योग आसन किए. इस आयोजन ने दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए. 

2016: कनेक्ट द यूथ (Connect the Youth)- चंडीगढ़ में पीएम मोदी ने 30,000 लोगों के साथ योग किया. इस साल की थीम युवाओं को योग से जोड़ने पर केंद्रित थी. 

2017: योग फॉर हेल्थ (Yoga for Health)- लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर मैदान में 55,000 लोगों के साथ पीएम ने योग किया. थीम थी स्वास्थ्य पर ध्यान देना. 

2018: योग फॉर पीस (Yoga for Peace)- देहरादून के वन अनुसंधान संस्थान में पीएम ने हजारों लोगों के साथ योग किया. इस साल की थीम शांति को बढ़ावा देने पर थी. 

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2019: योग फॉर हार्ट (Yoga for Heart)- रांची में पीएम मोदी ने लोगों के साथ योग किया. इस साल की थीम हार्ट हेल्थ पर केंद्रित थी. 

2020: योग एट होम, योग विथ फैमिली (Yoga at Home, Yoga with Family)- कोविड-19 महामारी के चलते कोई बड़ा आयोजन नहीं हुआ. पीएम ने वर्चुअल संदेश दिया और लोगों से घर पर परिवार के साथ योग करने की अपील की. 

2021: योग फॉर वेलनेस (Yoga for Wellness)- दूसरे साल भी महामारी की वजह से फिर कोई बड़ा आयोजन नहीं हुआ. पीएम ने डिजिटल माध्यम से लोगों को संबोधित किया. 

2022: योग फॉर ह्यूमैनिटी (Yoga for Humanity)- मैसूर में पीएम मोदी ने हजारों लोगों के साथ योग किया. इस साल 'गार्जियन रिंग' कार्यक्रम हुआ जिसमें सूर्योदय के साथ अलग-अलग देशों में योग किया गया. 

2023: योग फॉर वसुधैव कुटुंबकम (Yoga for Vasudhaiva Kutumbakam)- न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के नॉर्थ लॉन में पीएम ने योग किया. यह पहली बार था जब उन्होंने विदेश में योग दिवस का नेतृत्व किया. थीम था 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य'.

2024: योग फॉर सेल्फ एंड सोसाइटी (Yoga for Self and Society)- श्रीनगर में डल झील के किनारे पीएम ने योग किया, लेकिन बारिश की वजह से आयोजन हॉल में शिफ्ट करना पड़ा. इस साल की थीम व्यक्तिगत और सामाजिक कल्याण पर थी. 

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2025: योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ (Yoga for One Earth, One Health)- इस साल की थीम पर्यावरण और समग्र स्वास्थ्य पर केंद्रित है. खबर है कि पीएम मोदी विशाखापत्तनम में ढाई लाख लोगों के साथ योग करेंगे. इस आयोजन में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भी शामिल होंगे. यह आयोजन कोस्टल रोड पर 27 किलोमीटर के दायरे में होगा. 

10 सालों में योग दिवस से आए बदलाव
पिछले 10 सालों में योग दिवस ने भारत और दुनियाभर में कई बड़े बदलाव देखे गए हैं. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2015 से 2024 तक 177 देशों ने योग दिवस को अपनाया और इसे अपने आयोजनों का हिस्सा बनाया. भारत में भी योग को लेकर जागरूकता में भारी बढ़ोतरी हुई है. आयुष मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2015 से 2024 के बीच भारत में योग करने वालों की संख्या में लगभग 35% तक बढ़ोतरी हुई है. वहीं स्कूलों और कॉलेजों में योग को अनिवार्य करने की मांग बढ़ी है. साल 2023 तक 15 राज्यों ने अपने स्कूलों में योग को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया. इससे बच्चों में एकाग्रता और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार देखा गया है. 

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