देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने बीते 7 दिनों से जारी संकट पर सरकार को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंप दी है. 3 दिसंबर से शुरू हुई इस अव्यवस्था में अब तक 3900 से ज्यादा उड़ानें रद्द हो चुकी हैं, जिसकी वजह से देशभर में यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. एयरलाइन ने अपने जवाब में कहा कि वह इस स्थिति के लिए बेहद दुखी है और सभी यात्रियों से माफी मांगती है. सूत्रों के अनुसार, इंडिगो ने अपना जवाब एक पत्र में सौंपा है, जो कि गोपनीय रखा गया है.
इंडिगो का कहना है कि यह संकट किसी एक वजह से नहीं पैदा हुआ, बल्कि कई वजह एक साथ जुड़े और अचानक हालात बिगड़ गए. एयरलाइन ने बताया कि उसकी ऑपरेशन की स्केल बहुत बड़ी है, इसलिए किसी एक कारण को दोष देना संभव नहीं है.
इंडिगो ने डीजीसीए को अनुरोध किया है कि शो कॉज नोटिस का जवाब देने के लिए उसे और समय दिया जाए, क्योंकि नियमों के अनुसार 15 दिन तक का समय दिया जा सकता है. एयरलाइन ने कहा कि वह जल्द ही पूरी रूट कॉज एनालिसिस शेयर करेगी.
एयरलाइन ने अपनी शुरुआती जांच में कई कारण गिनाए हैं. इनमें विंटर शेड्यूल लागू होने से जुड़े बदलाव, कुछ तकनीकी दिक्कतें, खराब मौसम, एयरस्पेस की भीड़ और एफडीटीएल फेज टू के तहत नए पायलट ड्यूटी नियम शामिल हैं. इंडिगो ने पहले भी डीजीसीए के साथ इन नियमों पर अपनी चिंता जताई थी और अस्थायी राहत मांगी थी.
कंपनी ने माना कि इन सभी कारणों के मिलकर असर डालने से पायलट उपलब्धता प्रभावित हुई और बड़ी संख्या में उड़ानों को रद्द करना पड़ा. इसी वजह से उसकी ऑन टाइम परफॉर्मेंस अचानक गिर गई.
यह भी पढ़ें: गोवा आग हादसे पर बड़ा अपडेट, क्लब के दोनों मालिक इंडिगो विमान से फुकेट भागे
सरकार ने इस पूरे मामले पर एक हाई लेवल चार सदस्यीय जांच समिति बनाई है, जो क्रू मैनेजमेंट, स्टाफ प्लानिंग और एफडीटीएल नियमों के पालन की जांच करेगी. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स और अन्य वरिष्ठ अधिकारी समिति के सामने पेश होंगे.
इंडिगो ने बताया कि वह रिफंड तेजी से जारी कर रही है और यात्रियों को दूसरी फ्लाइट, फुल रिफंड और ऑन ग्राउंड सपोर्ट दिया जा रहा है. अब तक 610 करोड़ रुपये से ज्यादा के रिफंड प्रोसेस किए जा चुके हैं.
अमित भारद्वाज