भारतीय रेलवे (Indian Railways) किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है. भारतीय रेलवे अब बेंगलुरु और दिल्ली के बीच पहली 'किसान रेल' चलाने की तैयारी में है. दक्षिण-पश्चिम रेलवे (Southwest railway) की पहली 'किसान रेल' कर्नाटक से दिल्ली के बीच 19 सितंबर से 19 अक्टूबर तक चलेगी.
किसान रेल ऐसी ट्रेने है, जिनमें विभिन्न वस्तुओं और खाद्य सामग्री की ढुलाई होगी. दक्षिण पश्चिम रेलवे के मुताबिक यह ट्रेन मैसूर, हुबली और पुणे के रास्ते निर्धारित स्थानों के बीच चलेगी और रास्ते में ठहराव होंगे. जहां सामान को उतारने और चढ़ाने की अनुमति होगी.
दक्षिण पश्चिम रेलवे (Southwest railway) के मुताबिक, किसान रेल मल्टी कमोडिटी और मल्टी-कंसाइनर्स वाली ट्रेनें हैं. रेलवे ने कहा कि इस किसान रेल में 10 हाई कैपेसिटी पार्सल वैन ( VPH), एक ब्रेक लगेज-कम-जनरेटर कार और एक द्वितीय श्रेणी लगेज कम ब्रेक वैन होंगे. उसमें 12 एलएचबी कोच होंगे.
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारतीय रेल द्वारा हाल ही में शुरू की गई किसान रेल का लाभ अब किसानों को मिलने लगा है. भारतीय रेल द्वारा सस्ते, सुलभ व तेज परिवहन के माध्यम से किसान रेल किसानों के जीवन में नई आशा और अवसर लेकर आई है. रेलवे का किसानों की आय दोगुना करने के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
किसानों को होंगे कई फायदे....
> सड़क परिवहन की तुलना में कम लागत लगेगी.
> छोटे किसानों को उपज की अच्छी कीमत प्राप्त करने में मदद मिलेगी.
> परिवहन के दौरान कम नुकसान होगा.
> देशभर में फल और सब्जियों की आपूर्ति में संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका होगी.
बता दें कि इससे पहले भारतीय रेलवे (Indian Railways) दो किसान रेल चला चुका है. पहली किसान रेल की शुरुआत पिछले महीने ही 7 अगस्त को महाराष्ट्र स्थित नासिक के देवलाली से बिहार के दानापुर के लिए की गई थी. वहीं, दूसरी किसान रेल का संचालन आंध्र प्रदेश के अनंतपुर से दिल्ली के आदर्श नगर के लिए 9 सितंबर को किया गया.
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