सरकार और गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों के बीच किसी प्रकार की सकारात्मक बातचीत नहीं होने के कारण गुर्जरों का आंदोलन सोमवार को दूसरे दिन भी जारी रहा. आंदोलन के दौरान गुर्जर समाज के लोग बड़ी संख्या में पीलूपुरा में रेलवे ट्रैक पर बैठे दिखे और कई स्थानों पर रेल पटरियों को नुकसान पहुंचाया. इस आंदोलन के कारण रेल यात्रियों का काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल में हिंडौन सिटी-बयाना रेलखंड पर गुर्जर आंदोलन के कारण ट्रेन सेवा को बंद कर दिया गया है. इसके कारण कई ट्रेनों को बदले हुए रूट से चलाया जा रहा है. रेल प्रशासन द्वारा यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने ट्रेनों के परिवर्तित मार्ग की जानकारी दी है.
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के आह्वान पर गुर्जर बयाना के आसपास दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर बैठ गए हैं. इसके कारण रेलवे ने 26 ट्रेनों के रूट को डायवर्ट कर दिया है. पुलिस ने अनुसार बडी संख्या में युवा आंदोलनकारी भरतपुर के बयाना में रेलवे ट्रेक पर जमे हुए है और उन्होंने रेलवे ट्रेक को भी नुकसान पहुंचाया है.
इधर, राजस्थान में गुर्जर आरक्षण आंदोलन पर राजनीति शुरू हो गई है. सोमवार को राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने राज्य सरकार से इस पर जवाब देने की मांग की है. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल की उपसमिति ने गुर्जर नेताओं के साथ बातचीत की है फिर भी गुर्जर आंदोलनकारियों ने रेलवे पटरियों पर जाम लगा रखा है.
राठौड़ ने कहा कि आंदोलन के चलते कई जिलों में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है और रेल ओर सड़क यातायात को भी बंद किया गया है. राज्य सरकार को इस मुद्दे पर सदन को सूचित करना चाहिए. हालांकि, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा, 'कानून को हाथ में लेना ठीक नहीं है. मेरा उनसे (आंदोलनकारियों से) कहना है कि बातचीत के जरिये जब समस्या का समाधान हो सकता है तो आकर बात करनी चाहिए, पटरी उखाड़ने से... देश की सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने से काम नहीं चलेगा.'
शर्मा ने कहा कि आरक्षण देने का काम भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया है. उन्होंने कहा, 'सबसे बड़ा मुद्दा तो आरक्षण का ही था वो तो समाधान हो गया अब कोई छोटी मोटी समस्या है अगर तो बैठ कर उसका भी समाधान निकाला जा सकता है. कानून को हाथ में लेना मैं समझता हूं ठीक नहीं है.'
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