Drone Import Ban: अब विदेश से आयात नहीं कर सकेंगे ड्रोन, सरकार ने लगाया प्रतिबंध

मेक इन इंडिया के तहत ड्रोन की मैन्युफैक्चरिंग को लेकर सरकार के कई प्लान हैं. इसके लिए सरकार स्टार्टअप्स को प्रमोट करने के साथ-साथ देशभर के चुनिंदा ITIs में स्किल कोर्स भी शुरू करने जा रही है.

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ड्रोन (File Photo) ड्रोन (File Photo)

कमलजीत संधू

  • नई दिल्ली,
  • 10 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 10:23 AM IST
  • रक्षा, सुरक्षा और रिसर्च एंड डेवलपमेंट का क्षेत्र प्रतिबंध से बाहर
  • 9 फरवरी से देशभर में लागू हो चुका है सरकार का निर्णय

मेक इन इंडिया स्कीम को प्रमोट करने के लिए मोदी सरकार कई तरह से सख्त निर्णय ले रही है. सरकार ने इसी क्रम में ड्रोन के विदेशों से आयात (Drone Import) पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. सरकार का यह निर्णय 9 फरवरी से ही देश भर में लागू हो चुका है. हालांकि सरकार ने रक्षा, सुरक्षा और रिसर्च एंड डेवलपमेंट के क्षेत्र को इससे बाहर रखा है. इन कामों के लिए लिए ड्रोन का आयात किया जा सकता है. सरकार के इस कदम से ड्रोन की मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में काम कर रहे भारतीय स्टार्टअप्स को बड़ा फायदा हो सकता है.

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ड्रोन से जुड़े स्टार्टअप को प्रमोट करेगी सरकार

सरकार ने ड्रोन्स को लेकर इस साल बजट में भी बड़े ऐलान किए थे. वित्त मंत्री ने निर्मला सीतारमण ने कहा था कि कई ऐप्लिकेशन्स के जरिए ड्रोन शक्ति के लिए स्टार्टअप को प्रमोट किया जाएगा. ड्रोन को एक सर्विस के तौर पर इस्तेमाल करने पर काम किया जाएगा. सभी राज्यों के चुने हुए ITIs में जरूरी स्किल कोर्स शुरू किए जाएंगे. वित्त मंत्री ने कृषि क्षेत्र में ड्रोन के इस्तेमाल की बात कही थी. इससे कृषि सेक्टर को मजबूती मिलेगी. उन्होंने कहा था कि ड्रोन का इस्तेमाल खेती के लिए करने पर फोकस किया जाएगा.

ड्रोन को लेकर पॉलिसी में भी किए थे बदलाव

सरकाल ने पिछले साल ही ड्रोन को लेकर अपनी पॉलिसी में बड़े बदलाव किए थे. नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक भारत को आत्मनिर्भर ड्रोन हब बनाने वाली नई ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को बढ़ावा दिया जा रहा है. नई नीति में सर्विस इंडस्ट्री को भी ध्यान में रखा गया है. ऐसे ड्रोन बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जिनका इस्तेमाल रक्षा बल उद्योग, कृषि, रेलवे और कई अन्य क्षेत्रों में किया जा सकता है. देश में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण पहले से ही ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है.

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खेती-किसानी के लिए भी होगा इस्तेमाल

ड्रोन एक्सपर्ट अमित शर्मा ने आज तक को बताया था कि नई ड्रोन पॉलिसी में माइक्रो और नैनो ड्रोन के गैर-व्यावसायिक उपयोग की अनुमति में ढील दी गई है. 2 किलो से कम के ड्रोन को माइक्रो और नैनो ड्रोन कहा जाता है. उन्होंने आगे कहा था कि भारत में आपको अपनी संपत्तियों की मैपिंग, निगरानी आदि में ड्रोन की जरूरत होती है. नियमों में ढील देने से ज्यादा से ज्यादा कंपनियां मैदान में उतरेंगी. कृषि को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. राजस्थान में हाल ही में टिड्डियों के हमले को रोकने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रसायनों का छिड़काव किया गया था.

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