भारत ने पानी रोका तो PAK का सूखने लगा हलक, सिक्योरिटी एक्सपर्ट को याद आ रहा बालाकोट, तो डिप्लोमैट को याद आ रहा UN

भौगोलिक दृष्टि से सिंधु, चिनाब, झेलम, ब्यास, रावी और सतलज की स्थिति ऐसी है कि इन नदियों के पानी का कंट्रोल भारत के हाथ में है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद, जिसके तार पाकिस्तान से जुड़ रहे हैं, भारत ने पाकिस्तान के इस जुगुलर वेन को दबा दिया है और 1960 में हुआ सिंधु जल समझौता को फिलहाल सस्पेंड कर दिया है. भारत के इस एक्शन के बाद 40 डिग्री का तापमान झेल रहे पाकिस्तान का हलक सूखने लगा है. 

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सिंधु नदी कश्मीर से होकर पाकिस्तान में जाती है. (फाइल फोटो- getty image) सिंधु नदी कश्मीर से होकर पाकिस्तान में जाती है. (फाइल फोटो- getty image)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 11:14 AM IST

जुगुलर नस (jugular vein) को अगर दबा दिया जाए तो सेहत को गंभीर नुकसान हो सकता है. क्योंकि यह नस सिर और मस्तिष्क से हृदय तक रक्त प्रवाहित करती है. अगर इस नस को चोट लग जाए तो नस फट सकती है, ये दुर्घटना जान भी ले लेती है. लेकिन पाकिस्तान के सियासी डॉक्टर जान बूझकर बार-बार वो गलती करते हैं जिससे भारत को पाकिस्तान का जुगुलर नस दबाने पर मजबूर होना पड़ता है. 

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अपनी थोक के भाव में किए जाने वाले तकरीरों में पाकिस्तान के नेता और जनरल कश्मीर को पाकिस्तान का जुगुलर वेन बताते हैं. पहलगाम में 26 बेगुनाह सैलानियों की पाकिस्तान परस्त आतंकियों द्वारा हत्या के बाद भारत ने इस जुगुलर वेन को कसकर दबा दिया है.

जिस कश्मीर को पाकिस्तान अपना जुगुलर वेन बताता है, उस क्षेत्र से होकर बहने वाला पानी ही पाकिस्तान की जीवन देता है. पाकिस्तानी जिस सिंधु,चिनाब और झेलम  पानी पीते हैं, पाकिस्तानी समझौते में भारत को मिले जिन तीन नदियों  ब्यास, रावी और सतलज के पानी से फसल उगाते हैं, वो नदियां तिब्बत के मानसरोवर झील, हिमाचल के लाहौल स्पीति, रोहतांग दर्रा से निकलती हैं, जम्मू-कश्मीर- पंजाब में वैभव हासिल करती हैं तब जाकर पाकिस्तान में प्रवेश करती हैं और वहां से समंदर में मिलती हैं. 

भौगोलिक दृष्टि से इन नदियों का कंट्रोल भारत के हाथ में है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद, जिसके तार पाकिस्तान से जुड़ रहे हैं, भारत ने पाकिस्तान के इस जुगुलर वेन को दबा दिया है और 1960 में हुआ सिंधु जल समझौता को फिलहाल सस्पेंड कर दिया है. भारत के इस एक्शन के बाद 40 डिग्री का तापमान झेल रहे पाकिस्तान का हलक सूखने लगा है. 

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पाकिस्तान के मंत्री बड़बोले बयान दे रहे हैं, सिक्योरिटी एक्सपर्ट सिंधु जल समझौता और संयुक्त राष्ट्र की दुहाई दे रहे हैं. तो सिक्योरिटी एक्सपर्ट को बालाकोट के डरावने दिन याद आ रहे हैं. 

सिंधु नदी पाकिस्तान की कृषि इकोनॉमी का आधार है. (फोटो- गेटी)

पाकिस्तान के पंजाब सरकार में मंत्री अजमा बोखारी ने भारत को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी. उन्होंने पहलगाम के कायराना हमले को भारत की साजिश बताया और कहा कि भारत द्वारा किए गए किसी भी दुस्साहस के गंभीर परिणाम होंगे.

1 अरब डॉलर कर्ज के लिए कई बार वर्ल्ड बैंक के सामने कटोरा फैला चुके पंजाब की मंत्री ने कहा कि हम पिछले बार की तरह इस बार भी हर मोर्चे पर भारत को प्रभावी जवाब देंगे. 

गौरतलब है कि आजादी के बाद पाकिस्तान ने भारत से तीन-चार जंगें की है और हर बार हारा है.

पाकिस्तान के पूर्व मंत्री चौधरी फवाद हुसैन तुरंत अंतरराष्ट्रीय कानूनों का रोना रोने लगे. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट कर कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत भारत भारतीय बेसिन संधि को स्थगित नहीं कर सकता, यह संधि कानून का घोर उल्लंघन होगा, इस बचकाना निर्णय का असर केवल पंजाब और सिंध के गरीब किसानों पर पड़ेगा. 

जियो न्यूज के अनुसार भारत में पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा कि सिंधु जल संधि को न तो एकतरफा तरीके से निलंबित किया जा सकता है और न ही समाप्त किया जा सकता है. 

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भारत की ओर से संभावति एक्शन के खौफ में जी रहे पाकिस्तानियों को दिलासा दिलाते हुए अब्दुल बासित ने कहा कि हमें तैयार रहना होगा, भारत कुछ भी कदम उठा सकता है. 

पूर्व राजदूत और पीपीपी सीनेटर शेरी रहमान ने कहा कि संधियों को एकतरफा तौर पर निलंबित या समाप्त नहीं किया जाता है. गहन बेशर्मी का परिचय देते हुए उन्होंने कहा कि ये हमला भारत का ही किया धरा है.

पूर्व सीनेटर मुशाहिद हुसैन सैयद ने  इसी तरह के विचार व्यक्त किए. उन्होंने कहा कि भारत ने पहलगाम की घटना का इस्तेमाल सिंधु जल संधि को निलंबित करने के बहाने के रूप में किया क्योंकि वह “साजिश के तहत पाकिस्तान पर दबाव बनाना चाहता है”.

उन्होंने कहा कि सिंधु जल संधि इस्लामाबाद और नई दिल्ली के बीच एक द्विपक्षीय अंतरराष्ट्रीय समझौता है और कहा कि अगर PM मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने पाकिस्तान का पानी रोक दिया, तो यह अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन होगा और “युद्ध के समान” होगा.

मुशाहिद हुसैन सैयद ने कहा कि पाकिस्तान को भारत के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र महासचिव को सूचित करने की जरूरत है. सैयद ने अपने आवाम को आइडियोलॉजी का चूरन चटाते हुए कहा, “हम भारत को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हर स्तर पर तैयार हैं.”

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पाकिस्तान के नेता जहां भारत के एक एक्शन को युद्ध बता रहे हैं वहीं वहां के सुरक्षा विशेषज्ञों को बालाकोट याद आ रहा है. 

रक्षा विशेषज्ञ ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) अहमद सईद मिन्हास ने पाकिस्तान के जियो न्यूज से बात करते हुए गीदड़ भभकी दी और कहा कि पाकिस्तान ने 2019 में भारत के वायुसेना पायलट कैप्टन अभिनंदन को सुरक्षित वापस भेजकर बहुत संयम दिखाया था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा.

पाकिस्तान के दूसरे सिक्योरिटी एक्सपर्ट को भी बालाकोट याद आया. ब्रिगेडियर (रि.) राशिद वली ने कहा कि भारत ने इस हमले के तुरंत बाद 'प्रोपगैंडा' शुरू कर दिया. उन्होंने भारतीय मीडिया के दावे को झूठा बताया. राशिद वली ने कहा कि भारत की ओर से कोई कदम बालाकोट जैसे तनाव को जन्म दे सकती है.

भारत के आरोपों पर टिप्पणी करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ सैयद मुहम्मद अली ने इस आतंकी हमले की वैधता पर ही सवाल खड़ा कर दिया. उन्होंने वाहियात टिप्पणी करते हुए पहलगाम हमले को भारत की साजिश कर दिया.  सैयद मुहम्मद अली जिओ टीवी से कहा कि भारत इस्लाम और पाकिस्तान के लोगों को बदनाम करता है और घरेलू मुद्दों से ध्यान भटकाता है.

उन्होंने यह भी कहा कि भारत व्यापार मामलों, खासकर अमेरिका के साथ अंतरराष्ट्रीय दबाव को कम करने की कोशिश कर रहा है.

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पूर्व सीनेटर मुशाहिद हुसैन सैयद ने कहा कि ये भारत सरकार द्वारा "स्वचालित प्रतिक्रिया" (Automated response) है. 

बता दें कि भारत ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के साथ 1960 में हुए सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया है. 

इधर पहलगाम हमले के बाद भारत की ओर से की गई कार्रवाइयों के बाद पाकिस्तान में खलबली मची है. पाकिस्तान अब एक मिसाइल टेस्ट करने जा रहा है. वहीं पीएम शहबाज शरीफ ने राष्ट्रीय सुरक्षा कमेटी की मीटिंग आज बुलाई है. इस मीटिंग में ताजा हालात पर चर्चा की जाएगी.

बुधवार देर रात एक निजी टेलीविजन चैनल पर पाकिस्तान के डिप्टी प्राइम मिनिस्टर और विदेश मंत्री इसाक डार ने भारत के दृष्टिकोण की आलोचना की और इसे "अपरिपक्व" और "जल्दबाजी" वाला बताया, इसाक डार ने कहा कि "भारत ने कोई सबूत नहीं दिया है. उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में कोई परिपक्वता नहीं दिखाई है." डार ने कहा कि, "यह गंभीर नजरिया नहीं है. भारत ने घटना के तुरंत बाद ही इसे तूल देना शुरू कर दिया."

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