भारत के जवाबी हमले में तहस-नहस हो गया पाकिस्तान का एयर पावर, क्या है सैन्य ठिकानों पर किये गए हमले का महत्व?

भारत के जवाबी हमले में पाकिस्तान का एयर पावर तहस-नहस हो गया है. रहीम यार खान में हवाई अड्डे का रनवे - जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से 100 किलोमीटर के भीतर स्थित है - भी मिसाइल के प्रभाव से क्षतिग्रस्त हो गया. इसकी हवाई पट्टी पर एक बड़ा गड्ढा बन गया है.

Advertisement
भारत के हमले में रहीम यार खान बेस क्षतिग्रस्त. (वीडियो स्क्रीन ग्रैब) भारत के हमले में रहीम यार खान बेस क्षतिग्रस्त. (वीडियो स्क्रीन ग्रैब)

शुभम तिवारी / आकाश शर्मा / बिदिशा साहा

  • नई दिल्ली,
  • 10 मई 2025,
  • अपडेटेड 8:43 PM IST

भारत-पाकिस्तान के बीच भले ही युद्ध विराम हो गया है. लेकिन पिछले 86 घंटे में भारत ने पाकिस्तान के एयर पावर को तहस-नहस कर दिया है.  भारतीय वायु सेना (IAF) ने पिछली रात को पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांतों में कम से कम 6 सैन्य और विमानन स्थलों पर हमला किया, जिससे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा, जिसका इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया जा सकता था. आइए समझते हैं कि पाकिस्तान के लिए ये एयरबेस कितने महत्वपूर्ण थे. इनके बिना पाकिस्तान की सैन्य शक्ति कैसे पंगु हो गई है. 

Advertisement

सरकार ने बताया कि पंजाब के रफीकी, मुरीद, नूर खान, चुनियान और सिंध प्रांत के सुक्कुर में पाकिस्तानी वायुसेना के ठिकानों को भारतीय मिसाइलों ने निशाना बनाया. रहीम यार खान में हवाई अड्डे का रनवे - जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से 100 किलोमीटर के भीतर स्थित है - भी मिसाइल के प्रभाव से क्षतिग्रस्त हो गया, हमले के प्रभाव से इसकी हवाई पट्टी पर एक बड़ा गड्ढा बन गया.

वायरल वीडियो और सैटेलाइट तस्वीरों का उपयोग करते हुए इंडिया टुडे ने रहीम यार खान हवाई अड्डे के रनवे पर उस संभावित स्थान का पता लगाया है, जहां 9 और 10 मई की दरम्यानी रात को भारतीय मिसाइल गिरी थी.

शनिवार को सुबह करीब 11:20 बजे लैंडसैट सैटेलाइट द्वारा ली गई सैटेलाइट तस्वीरों के अनुसार, ऐसा प्रतीत होता है कि भारत ने सरगोधा के मुशफ एयरबेस के रनवे पर भी हमला किया है. सुबह सरकार की ओर से किए गए प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस एयरबेस पर हमले की घोषणा नहीं की गई थी.

Advertisement

नूर खान एयर बेस: इनमें से सबसे महत्वपूर्ण बेस नूर खान, पाकिस्तान के पंजाब में है. यह पाकिस्तान के मुख्य परिवहन स्क्वाड्रन का घर है और इसका उपयोग रसद और रणनीतिक एयरलिफ्ट ऑपरेशन के लिए किया जाता है. इस बेस से सी-130 हरक्यूलिस और साब 2000 जैसे परिवहन विमान उड़ान भर सकते हैं. इसके अलावा आईएल-78 मिड-एयर रिफ्यूलर के साथ-साथ वीआईपी को लाने-ले जाने वाले विमान भी यहां मौजूद रहते हैं. 

नूर खान एयर बेस में पायलट ट्रेनिंग स्कूल और एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस सुविधा भी है. यह इस्लामाबाद और उत्तरी क्षेत्रों के आसपास पाकिस्तान के आसमान की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है. यह एयर बेस तेजी से तैनाती और पाक वायु सेना को गति देने के लिए आवश्यक है.

मुरीद एयर बेस: यह भारत की सीमा से लगे क्षेत्र में पाकिस्तान की वायु सेना की परिचालन तत्परता बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण सुविधा के रूप में कार्य करता है. यह लड़ाकू जेट और ड्रोन के बेड़े का घर है. शाहपार 1, शाहपार 2, बुराक, फाल्को, बेराकटार टीबी2एस, बेराकटार अकिंची, सीएच-4 और विंग लूंग 2 कुछ ऐसे ड्रोन हैं जो इस एयर बेस पर तैनात हैं. 

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर विशेष ब्रीफिंग के दौरान, कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान ने रात भर में 26 रणनीतिक स्थलों पर हमला करने का प्रयास किया, जिसमें हवाई अड्डे और परिवहन केंद्र शामिल हैं. पंजाब में एक एयरबेस पर रात करीब 1.40 बजे एक हाई-स्पीड मिसाइल भी दागी गई, जबकि श्रीनगर, अवंतीपोरा और उधमपुर एयरबेस के पास मेडिकल सेंटर और स्कूल परिसर में नागरिक सुविधाओं पर हमले की खबरें आईं.

Advertisement

कर्नल कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान ने ड्रोन, लड़ाकू विमान और लंबी दूरी की तोपों का उपयोग करके भारत के पश्चिमी मोर्चे पर लगातार हमला किया. भारत ने संयम की मुद्रा बनाए रखते हुए केवल "पूर्व-पहचाने गए सैन्य लक्ष्यों" के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की. इनमें तकनीकी संरचना, कमान और नियंत्रण केंद्र, रडार प्रतिष्ठान और हथियार भंडारण स्थल शामिल थे. इन स्थानों पर लड़ाकू विमानों से प्रक्षेपित गोला-बारूद का उपयोग करके पसरूर और सियालकोट विमानन बेस के रडार साइटों पर हमले शामिल थे.'
 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement