यूरोपीय कमीशन और हाई रिप्रेजेंटेटिव ने बुधवार को एक जॉइंट कम्युनिकेशन जारी किया जिसमें भारत और यूरोपियन यूनियन (EU) की साझेदारी को और मजबूत करने के लिए एक नया रणनीतिक एजेंडा पेश किया गया है. यह एजेंडा फरवरी 2025 में हुई ईयू कॉलेज ऑफ कमीशनर्स की ऐतिहासिक भारत यात्रा पर आधारित है और इसका मकसद दोनों पक्षों को ऐसे नतीजे देना है जो आपसी लाभकारी और बदलाव लाने वाले हों.
इस एजेंडा में भारत की बढ़ती हुई वैश्विक पहचान को मान्यता दी गई है. भारत की आर्थिक ताकत, सुरक्षा में भूमिका, टेक्नोलॉजी में प्रगति, जनसंख्या का लाभ और विश्व मामलों में बढ़ता प्रभाव को देखते हुए उसे एक स्वाभाविक रणनीतिक पार्टनर बताया गया है. एजेंडा कहता है कि भारत और EU के हित आपस में मिलते हैं और दोनों के पास साझा राजनीतिक इच्छाशक्ति और पूरक ताकतें हैं.
पांच स्तंभों पर बनेगा नया एजेंडा
दस्तावेज के अनुसार नया एजेंडा पांच पिलर्स ऑफ को-ऑपरेशंस पर आधारित होगा:
व्यापार, निवेश और टेक्नोलॉजी पर जोर
रणनीति में कहा गया है कि भारत और EU को व्यापार और निवेश को बढ़ाना होगा। लक्ष्य है कि भारत-ईयू फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) की बातचीत 2025 के अंत तक पूरी कर ली जाए. साथ ही सप्लाई चेन को मजबूत करना, आर्थिक सुरक्षा बढ़ाना और क्लीन ट्रांज़िशन व रिसिलिएंस पर काम करना जरूरी है.
टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के क्षेत्र में AI, सेमीकंडक्टर्स, हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग और स्पेस टेक्नोलॉजी जैसे इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज पर सहयोग को प्राथमिकता दी जाएगी.
सुरक्षा, आतंकवाद और वैश्विक कनेक्टिविटी
एजेंडा में सुरक्षा और रक्षा साझेदारी पर भी ध्यान दिया गया है. इसमें क्षेत्रीय सुरक्षा, डिफेंस इंडस्ट्री में सहयोग और पारंपरिक व हाइब्रिड खतरों से निपटने पर जोर है. इसमें यह भी कहा गया कि पहलगाम हमला आतंकवाद की मानवीय कीमत की दुखद याद दिलाता है.
दस्तावेज में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करने की बात भी की गई है, खासकर भारत-मिडिल ईस्ट इकोनॉमिक कॉकिडोर (IMEC) के ज़रिए. इनके अलावा, त्रिपक्षीय सहयोग और प्रभावी वैश्विक गवर्नेंस पर भी ध्यान दिया गया है.
स्किल्स और नॉलेज एक्सचेंज भी होंगे अहम
रणनीति कहती है कि स्किल्स मोबिलिटी, नॉलेज एक्सचेंज, बिज़नेस इंगेजमेंट और इंस्टीट्यूशनल कोऑर्डिनेशन इन स्तंभों के बीच मुख्य भूमिका निभाएंगे.
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