तीन महीने का इंतजार और फिर ‘ऑपरेशन स्नो लेपर्ड’ चला सेना ने ऐसे दी चीन को मात

भारत ने लद्दाख सीमा पर चीन को गहरी चोट दी है. जो चीन शुरुआत में हावी होने की कोशिश कर रहा था अब फंस चुका है और भारत ऐसी स्थित में आ गया है कि चीन को कोई भी चाल भारी पड़ सकती है.

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लद्दाख सीमा पर भारत की स्थिति मजबूत (PTI) लद्दाख सीमा पर भारत की स्थिति मजबूत (PTI)

गौरव सावंत

  • लद्दाख,
  • 16 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 1:05 PM IST
  • भारत और चीन के बीच लद्दाख में तनाव
  • भारतीय सेना ने चलाया ऑपरेशन स्नो लेपर्ड
  • अब रणनीतिक तौर पर बॉर्डर पर भारत मजबूत

भारत और चीन की सेनाएं इस वक्त लद्दाख सीमा पर आमने-सामने हैं. पिछले करीब पांच महीने से बॉर्डर पर तनाव की स्थिति है. शुरुआत में चीन ने कई बार घुसपैठ की कोशिश की, लेकिन अब बॉर्डर पर पासा पूरी तरह से पलट चुका है. और इसका कारण बना है भारतीय सेना का ‘ऑपरेशन स्नो लेपर्ड’, जिसने चीन की हर चाल को बेनकाब कर दिया है. 

चीन ने जब सीमा पर घुसपैठ की कोशिश की, उस दौरान सेना ने तीन महीने तक चीन के वापस जाने का इंतजार किया. लेकिन बाद में सेना प्रमुख जनरल एम.एम. नरवणे और कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने इस ‘ऑपरेशन स्नो लेपर्ड’ को मंजूरी दे दी. 

इस ऑपरेशन के तहत LAC के पास रणनीतिक तौर पर मजबूत पहाड़ियों की पहचान की गई. इन पहाड़ियों के दम पर सीमा पर भारत को ना सिर्फ युद्ध की परिस्थितियों के लिए मदद मिली, बल्कि सामरिक तौर पर चीन से कुछ कदम आगे बढ़ा दिया. जब ऑपरेशन को अंजाम देने की बारी आई तो ऐसी टीम का गठन किया गया, जो ऊंची पहाड़ियों में लड़ने में सक्षम हो. हर टीम को पहाड़ी पर कब्जा करने और सप्लाई चेन को सुचारू रूप से जारी रखने का टास्क दिया गया.

इसी ऑपरेशन के दौरान सेना ने पैंगोंग लेक पर साउथ, नॉर्थ इलाके में कब्जा जमाया, साथ ही बॉर्डर की कुछ अन्य महत्वपूर्ण जगहों पर अपनी पैठ बना ली. इस मिशन के बाद अब आर्मी की स्पेशल फोर्स सीमा पर कमांडिंग पॉजिशन में है, जहां पर तनाव की स्थिति थी. सेना की ओर से कोशिश की गई कि चीनी आर्मी की पॉजिशन और पेट्रोलिंग साइट को डोमिनेट किया जाए.

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अब अगर LAC पर बातचीत सफल नहीं होती है, तो उसके लिए सेना ने तैयारी की है. सेना की ओर से बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती कर दी गई है, ताकि अप्रैल से पहले की स्थिति को दोबारा हासिल किया जा सके. LAC पर सिर्फ पैंगोंग या डेमचोक इलाके में ही नहीं बल्कि दौलत बेग ओल्डी, देपसांग जैसे इलाकों में भी बड़ी संख्या में मौजूदगी है.

भारतीय सेना का साथ देने के लिए वायुसेना भी मुस्तैद है. यानी अब बात कब करनी है ये चीन को तय करना है. अब भारत चाहे तो चीन से अपनी शर्तों पर बात कर सकता है. यही कारण है कि चीनी कमांडर की ओर से अबतक अगली बातचीत का वक्त नहीं तय किया गया है. क्योंकि ऑपरेशन स्नो लेपर्ड के दम पर भारत ने चीन का खेल बिगाड़ दिया है.

आपको बता दें कि बीते दिन ही देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में चीन के साथ विवाद पर बयान दिया था. राजनाथ सिंह ने कहा था कि बीते कुछ वक्त में चीन ने कई बार समझौतों का उल्लंघन किया है और LAC की स्थिति को बदलने की कोशिश की है. लेकिन भारत इसपर राजी नहीं है, भारत बातचीत से मुद्दा सुलझाना चाहता है लेकिन हर परिस्थिति के लिए तैयार है. 

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