बिहार में हार, राहुल पर 'तलवार'... INDIA ब्लॉक की कमान किसे? अखिलेश की दावेदारी से कांग्रेस में खलबली

बिहार में हार के बाद INDIA ब्लॉक में नेतृत्व पर 'तलवार' खिंच गई है. समाजवादी पार्टी (SP) ने खुलकर अखिलेश यादव को गठबंधन का नेता बनाने की मांग की है, जिससे राहुल गांधी के नेतृत्व पर सीधा सवाल खड़ा हो गया है. कांग्रेस की लगातार हार ने गठबंधन में उनकी बार्गेनिंग पावर घटा दी है. SP नेता 2027 UP चुनाव के लिए कांग्रेस को उसकी 'हैसियत' बता रहे हैं, जिससे विपक्षी एकता पर गंभीर संकट आ गया है.

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समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव को INDIA ब्लॉक का नेता बनाने की मांग कर रहे हैं. (Photo: PTI) समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव को INDIA ब्लॉक का नेता बनाने की मांग कर रहे हैं. (Photo: PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:54 PM IST

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक में नेतृत्व को लेकर नए सिरे से बहस छिड़ गई है. समाजवादी पार्टी (SP) के नेता खुलकर अखिलेश यादव को गठबंधन का नेता बनाने की मांग कर रहे हैं, जिसने कांग्रेस और राहुल गांधी के नेतृत्व पर सीधा सवाल खड़ा कर दिया है.

विपक्ष के खेमे में बिहार चुनाव परिणामों का सीधा असर अब नेतृत्व की लड़ाई के रूप में दिखने लगा है. एक तरफ जहां कांग्रेस पार्टी आज भी अपनी हार स्वीकार न करते हुए 'वोट चोरी' का आरोप लगा रही है, वहीं दूसरी तरफ गठबंधन के भीतर से ही राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठने लगे हैं.

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महाराष्ट्र से लेकर बिहार तक राज्यों में हो रही कांग्रेस की लगातार हार ने INDIA अलायंस में राहुल गांधी की बार्गेनिंग पावर को घटा दिया है. विपक्षी दल, खासकर समाजवादी पार्टी, अब 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस को उसकी 'हैसियत' बताने की रणनीति साफ कर रही है.

अखिलेश के लिए SP नेताओं की खुली मांग

कांग्रेस जहां एक बार फिर खुद को विपक्ष की अगुवा साबित करने की कोशिश में है, वहीं INDIA गठबंधन की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी समाजवादी पार्टी ने राहुल गांधी के नेतृत्व को सीधी चुनौती दे दी है. SP नेता खुलकर कह रहे हैं कि विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व अखिलेश यादव को करना चाहिए.

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समाजवादी पार्टी के नेताओं के बयान

सपा नेता रविदास मेहरोत्रा का कहना है, "उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी है और देश में तीसरे नंबर की सबसे बड़ी पार्टी है. INDIA गठबंधन की नंबर 2 की पार्टी है और बाकी छोटे जो दल हैं, उसमें सभी दल ये चाहते हैं कि अखिलेश यादव जी INDIA गठबंधन की अगुवाई करें."

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद कहते हैं, "पहले वह (अखिलेश) उत्तर प्रदेश का नेतृत्व कर लें. 2027 आ रहा है. जिस तरह से राहुल जी लड़ते हैं, कोई कम्पटीशन नहीं है." उनके कहने का मतलब है कि पहले यूपी जीतना ज़रूरी है, नेतृत्व की दौड़ बाद में होगी.

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16 नवंबर को अखिलेश यादव बेंगलुरु में थे, जहां उन्होंने कहा, "दूसरी पार्टियों के बारे में नहीं कह सकता, लेकिन यूपी के बारे में मैं कह सकता हूं कि जो पार्लियामेंट जीतता है, वही असेंबली जीतता है." मसलन इशारा साफ है कि यूपी में जीत की ताकत उनके पास है.

बीजेपी का वार, कांग्रेस का पलटवार

विपक्षी गठबंधन में मचे इस घमासान पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) हमलावर हो गई है. बीजेपी नेताओं का कहना है कि गठबंधन का टूटना तय है.

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बीजेपी नेता दिनेश शर्मा ने कहा, "जहां-जहां प्रचार प्रसार किया, वहां हार गए, ऐसे प्रचार प्रसार के क्या फायदा? जिस तरीके से INDI गठबंधन को बनाया उसका विघटन तो तय है... बगैर नीति के, बगैर नियत के, बगैर नियंत्रण के और बगैर नेतृत्व के ये जो INDI गठबंधन है, अब उससे सब मुक्त हैं और हमको लगता है कांग्रेस ही उनको नेता मानने को तैयार नहीं है."

वहीं, कांग्रेस का खेमा अब भी राहुल गांधी के पक्ष में मजबूती से खड़ा है, भले ही उसमें एक चेतावनी भी छिपी हो. कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा, "तथ्य ये है कि हमें सड़क पर उतरकर लड़ना होगा. सिर्फ राहुल गांधी लड़ें और बाकी बैकबेंच पर रहें, इससे काम नहीं चलेगा. देश के तमाम विपक्षी नेताओं, कांग्रेस को एकजुट होकर खड़ा होना चाहिए. क्योंकि राहुल गांधी के नेतृत्व के पीछे, बीजेपी और आरएसएस एक व्यक्ति से डरते हैं, और इसीलिए वे बार-बार राहुल गांधी पर हमला करते हैं."

अब सवाल यह है कि 2024 के चुनाव में बीजेपी को बहुमत से रोककर राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर हमला किया था, लेकिन इसके बाद महाराष्ट्र से लेकर बिहार तक कांग्रेस की हार का सिलसिला जारी रहा. क्या इन लगातार असफलताओं ने राहुल गांधी की मुश्किल बढ़ा दी है? और क्या विपक्षी टीम में राहुल का 'खेल खराब' हो गया है?

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