गोवा के अरपोरा इलाके में एक नाइट क्लब में भयानक आग लगी. इस हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई. मरने वालों में 4 पर्यटक और 14 कर्मचारी शामिल हैं. 7 लोगों की पहचान अभी नहीं हो पाई है. 6 घायल लोग अस्पताल में इलाज करा रहे हैं.
क्लब का नाम बर्च बाय रोमियो लेन है. मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने इस हादसे की जांच का आदेश दे दिया है. क्लब के मालिक सौरभ लूथरा और मैनेजर के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हादसे पर दुख जताया है.
नाइट क्लब में इतने लोगों की मौत इसलिए भी हो गई क्योंकि वहां से बाहर निकलने के लिए महज दो गेट थे. ऐसे में लोगों के बीच अफरा-तफरी मच गई और 25 लोग मारे गए. आग लगने के बाद फर्नीचर की वजह से तेजी से फैल गया. जब तक लोग कुछ समझ पाते, आग पूरे क्लब में फैल गया.
गोवा के मुख्यमंत्री ने क्या कहा?
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने साफ़ किया कि नाइटक्लब में लगी भीषण आग सिलिंडर विस्फोट से नहीं, बल्कि क्लब के अंदर चलाए जा रहे इंटर्नल फायरवर्क्स की वजह से भड़की. साथी ही मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है.
मुख्यमंत्री प्रमोद ने कहा कि घटना की परिपूर्ण जांच के लिए मजिस्ट्रियल इनक्वायरी और एक विशेष कमेटी गठित की जा चुकी है. जांच के पहले पटल पर आए प्रारम्भिक संकेतों के मुताबिक, आतिशबाजी से आग लगी और क्लब के अंदर बहुत से लोगों की दम घुटने से मौत हुई है.
मुख्यमंत्री ने बताया कि मजिस्ट्रियल इनक्वायरी में जिला मजिस्ट्रेट, एसपी-साउथ, डिप्टी कलेक्टर, फायर एंड इमरजेंसी सर्विस के डिप्टी डायरेक्टर और फोरेंसिक्स का समावेश है. यह कमेटी प्रक्रियागत लापरवाहियों और जांच में मिली खामियों को देखेगी और एक सप्ताह के अंदर अपना रिपोर्ट शासन को सौंपेगी. साथ ही एक तीसरी कमेटी भी गठित की जाएगी जो उन क्लबों, व्यवसायिक संस्थानों और इवेंट-स्थलों का ऑडिट करेगी जो वैध परमिशन के बिना संचालित हो रहे हैं या जिनमें भारी भीड़ एकत्र हो रही है ताकि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों.
सीएम ने बताया कि हादसे के तुरंत बाद पुलिस और फायर विभाग लगभग 45 मिनट के भीतर घटनास्थल पहुंचे. प्रारम्भिक तौर पर फायर कंट्रोल ने लगभग आधे घंटे में कार्रवाई की और शुरुआती सर्वे में दो शव दिखे, लेकिन क्लब के अंदर और भूमिगत हिस्सों की तलाशी में कुल 23 मृतक पाए गए.
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उन्होंने कहा कि प्रारम्भिक इनक्वायरी और रिपोर्ट में आतिशबाजी को प्रमुख कारण के रूप में बताया गया है और मृतकों के मामलों में दम घुटने प्रमुख कारण माना जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि जिन अधिकारियों ने परमिशन दी, ऑपरेशन जारी रखने की अनुमति दी और ट्रेड लाइसेंस जारी किया. उनके खिलाफ भी कोई छूट नहीं होगी. उन्होंने कहा कि उन सभी अधिकारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी और पुलिस जांच जारी रहेगी. इसके साथ ही कुछ कर्मचारियों के सस्पेंशन भी आदेशित किए जा चुके हैं.
घटना के मामले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है; इनके भीतर मुख्य प्रबंधकीय पदाधिकारियों और कार्यक्रम से जुड़े लोग शामिल हैं. गिरफ्तार किए गए लोगों का नाम विवेक सिंह, राजीव मोदक और अंशु ठाकुर है.
इसके अलावा शवों के परिवहन के लिए समर्पित टीम गठित की गई है जिसमें SDM, पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारी शामिल हैं. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि चिह्नित टीम इस काम को समर्पित रूप से संभाले और परिजनों को हर संभव राहत मुहैया कराई जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार घटनाओं से पर्यटन-क्षेत्र पर असर की भी चिंता व्यक्त की और कहा कि इस घटना ने व्यक्तिगत स्तर पर भी गंभीर चिंता पैदा की है. उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी और भविष्य में ऐसी घटनाएँ रोकने के लिए पूरी व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी.
मत्स्य निदेशक शमीला मॉनटेरो के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही
अरपोरा नाइटक्लब त्रासदी के बाद गोवा सरकार की ओर से पहली बार किसी सरकारी अधिकारी पर सख्त कदम उठाया गया है. विजिलेंस निदेशालय ने गोवा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (GPCB) की तत्कालीन मेंबर सेक्रेटरी और वर्तमान में मत्स्य निदेशक शमीला मॉनटेरो के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू कर दी है.
विजिलेंस ने शमीला मॉनटेरो को डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनेल में रिपोर्ट करने के निर्देश दिए हैं. यह कार्रवाई अरपोरा क्लब हादसे के बाद सरकारी अधिकारियों के खिलाफ शुरू की गई पहली आधिकारिक कार्रवाई है.
पंचायत ने बिना दस्तावेज़ के लाइसेंस दिया था, BJP MLA माइकल लोबो का आरोप
गोवा के कलंगुट से BJP विधायक माइकल लोबो ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि अरपोरा के जिस नाइटक्लब में आग लगने से 25 लोगों की मौत हुई, उसे पंचायत ने बिना किसी दस्तावेज़ के लाइसेंस जारी कर दिया था.
पत्रकारों से बातचीत में लोबो ने कहा कि गोवा एक प्रमुख पर्यटन राज्य है, इसलिए सभी विभागों को सतर्क रहना चाहिए और सुरक्षा मानकों को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए.
उन्होंने बताया कि 2023 में इस स्थल पर रेस्तरां और नाइटक्लब के लिए लाइसेंस जारी किया गया था, लेकिन यह प्रक्रिया नियमित दस्तावेज़ों के बिना पूरी हुई. उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्रोविजनल NOC नहीं ली गई थी. फायर लाइसेंस सीधे जारी कर दिया गया. लाइसेंस प्रक्रिया में आवश्यक दस्तावेज़ों की कमी थी.
लोबो ने कहा कि यह गंभीर लापरवाही है और ऐसी घटनाएं रोकने के लिए सभी विभागों को जागरूक होना पड़ेगा.
कब मिली आग की जानकारी?
रात 11 से 12 बजे के बीच क्लब में अचानक आग लग गई. सुरक्षा गार्ड संजय कुमार गुप्ता ने बताया कि उस वक्त क्लब में काफी भीड़ होने वाली थी. एक डीजे और डांसर आने वाले थे.
रात 12:04 बजे पुलिस को फोन आया कि क्लब में आग लग गई है. तुरंत पुलिस, फायर ब्रिगेड और एम्बुलेंस वहां पहुंच गए.
आग कितनी तेज थी?
आग इतनी तेजी से फैली कि कुछ ही पलों में पूरी बिल्डिंग आग की लपटों में घिर गई. उस वक्त करीब 100 लोग डांस फ्लोर पर मौजूद थे. हैदराबाद से आई पर्यटक फातिमा शेख ने बताया: "अचानक आग लग गई. जब हम बाहर निकले तो पूरी बिल्डिंग में आग लगी हुई थी. ताड़ की पत्तियों से बनी सजावट में बहुत तेजी से आग फैल गई."
फायर ब्रिगेड को आग पर काबू पाने में करीब 2 घंटे लगे. आग मुख्य रूप से नीचे की मंजिल पर रसोई के इलाके में थी, लेकिन तेजी से पूरी बिल्डिंग में फैल गई.
कौन-कौन मारे गए?
इस दर्दनाक हादसे में 25 लोगों की मौत हुई.
- 14 कर्मचारी (ज्यादातर रसोई में काम कर रहे थे)
- 4 पर्यटक
- 7 लोग जिनकी पहचान अभी नहीं हुई
- इनमें 3 महिलाएं भी थीं
6 लोग घायल हैं और गोवा मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है.
कैसे हुई मौत?
20 लोगों की मौत धुएं से दम घुटने से हुई. 3 लोग आग में जलकर मारे गए. 2 लोग सीढ़ियों पर मिले.
सबसे ज्यादा लोग बेसमेंट (तहखाने) में मरे. बेसमेंट में हवा आने-जाने का कोई रास्ता नहीं था और बाहर निकलने का भी कोई ठीक से रास्ता नहीं था. जो लोग आग से बचने के लिए बेसमेंट की तरफ भागे, वे धुएं में फंस गए और उनकी मौत हो गई.
आग लगने की वजह क्या थी?
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बताया कि नाइट क्लब में आग पटाखों की वजह से लगी. संकरी रास्ता होने की वजह से लोगों को बाहर निकलने में दिक्कत हुई. इसलिए ज्यादा लोग मारे गए.
सुरक्षा के नियम नहीं माने गए
सिर्फ एक दरवाजा - यह सबसे बड़ी समस्या थी. क्लब में बाहर जाने के लिए सिर्फ एक संकरा दरवाजा था. जब आग लगी तो कुछ लोग तो निकल गए, लेकिन जब आग और तेज हुई तो बाकी लोग अंदर फंस गए.
मुख्यमंत्री ने कहा, "क्योंकि दरवाजे बहुत छोटे थे, कुछ लोग निकल गए लेकिन जब आग तेज हुई तो दूसरे लोग बाहर नहीं आ सके."
फायर ब्रिगेड को पहुंचने में दिक्कत
क्लब बहुत संकरी गलियों में था. फायर ब्रिगेड की गाड़ियां 400 मीटर दूर रखनी पड़ीं क्योंकि संकरे रास्ते से वे आगे नहीं जा सकती थीं. इससे आग बुझाने में देरी हो गई.
आग से बचाव का कोई सर्टिफिकेट नहीं
मुख्यमंत्री ने माना कि क्लब सुरक्षा के नियम नहीं मान रहा था. क्लब के पास आग से बचाव का जरूरी सर्टिफिकेट नहीं था. अब सभी नाइट क्लबों की जांच होगी. जिन क्लबों के पास सही परमिशन नहीं होगी, उनका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा.
बेसमेंट में हवा का रास्ता नहीं
क्लब के बेसमेंट में रसोई थी जहां 14 से ज्यादा कर्मचारी काम कर रहे थे. वहां हवा आने-जाने का कोई रास्ता नहीं था. जब आग लगी तो जो लोग बेसमेंट में भागे, वे धुएं में फंस गए.
कल्ब गलत तरीके से बनाया गया था
पंचायत के सरपंच रोशन रेडकर ने बताया कि क्लब गलत तरीके से बनाया गया था. उनके पास बनाने की परमिशन नहीं थी. पंचायत ने तोड़ने का नोटिस दिया था, लेकिन अपील के बाद वह रोक दिया गया. क्लब में ताड़ की पत्तियों से सजावट की गई थी, जिसमें बहुत जल्दी आग फैल गई.
अधिकारियों ने क्या कहा?
गोवा के पुलिस मुखिया आलोक कुमार ने कहा, "रात 12:04 बजे हमें फोन आया. तुरंत पुलिस, फायर ब्रिगेड और एम्बुलेंस भेजी गई. आग अब काबू में है. पुलिस इस घटना की जांच करेगी."
क्लब का मालिक कौन है?
सौरभ लूथरा इस क्लब के मालिक हैं. वे कई होटल और रेस्टोरेंट चलाते हैं. उनकी वेबसाइट के मुताबिक, वे एक इंजीनियर हैं और उन्हें कई पुरस्कार मिले हैं.
गोवा पुलिस ने मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया है. सौरभ लूथरा के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया है. उन पर हत्या में मदद जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं.
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "गोवा में यह आग की घटना बहुत दुखद है. जिन लोगों ने अपने प्रियजन खोए हैं, मेरे विचार उनके साथ हैं. मैंने गोवा के मुख्यमंत्री से बात की है."
PM ने आर्थिक मदद की घोषणा की. जिसके तहत हर मरने वाले के परिवार को 2 लाख रुपये और हर घायल को 50,000 रुपये.
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने X पर लिखा, "इस भयानक आग से मेरा दिल टूट गया है. मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं. मैं घायलों के जल्दी ठीक होने की प्रार्थना करती हूं."
सभी क्लबों की जांच
MLA माइकल लोबो ने कहा कि अब सभी नाइट क्लबों की जांच होगी. सोमवार से शुरू होकर, सभी क्लबों को आग से बचाव की परमिशन दिखानी होगी. जिन क्लबों के पास जरूरी परमिशन नहीं होगी, उनका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा.
इनपुट: रितेश
अनीषा माथुर